‘बहुत डराने वाला है…’, गिरिराज ने खोल दिया नीतीश- KCR के बंद कमरे वाला ‘राज’

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‘बहुत डराने वाला है…’, गिरिराज ने खोल दिया नीतीश- KCR के बंद कमरे वाला ‘राज’

‘बहुत डराने वाला है…’, गिरिराज ने खोल दिया नीतीश- KCR के बंद कमरे वाला ‘राज’

बेगूसराय:तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव बिहार आए। सीएम नीतीश कुमार, डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव और आरजेडी प्रमुख लालू यादव से मिले, फिर वापस चले गए। केसीआर तो वापस चले गए, लेकिन बिहार की सियासत खूब परवान चढ़ रही है। इन सब के बीच केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ( Giriraj Singh ) ने बड़ा खुलासा किया है। बेगूसराय में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और केसीआर के बीच बंद कमरे में जो बात हुई, वह मुझे पता चल गया है।

गिरिराज सिंह ने कहा कि विश्वस्त सूत्रों से जो पता चला है, वह बहुत डराने वाला हुआ है। बीजेपी नेता के अनुसार, दोनों के बीच तुष्टीकरण की नीतियों पर चर्चा हुई है। केसीआर तेलंगाना में सिर तन से अलग करवाने का आंदोलन चला रहे हैं। उसी तरह नीतीश बाबू के राज में भी होगा। गिरिराज सिंह ने कहा कि बंद कमरे में जो घोषित हुआ है, वह है सिर तन से जुदा करना, इस्लामिक कानून लागू करना। साथ ही पूरे देश में हिंदू मुक्त भारत अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री का चीर हरण करके चले गए केसीआर
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि केसीआर बिहार आकर भरी सभा में हमारे मुख्यमंत्री का चीर हरण करके चले गए, उठक-बैठक करा के चले गए। यह मुख्यमंत्री की बदनामी नहीं है, यह बदनामी बिहार की आवाम की हुई है। बेगूसराय सांसद ने कहा कि पहले मुझे लगा था कि केसीआर पीएम उम्मीदवार के तौर पर नीतीश कुमार को आगे बढ़ाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

वहीं, पटना में नीतीश कुमार के समर्थन में लगाए गए पोस्टर के सवाल पर गिरिराज सिंह ने कहा कि पोस्टर से कोई पीएम नहीं बनता है। जनता जिसको आशीर्वाद देती है, वही भारत का प्रधानमंत्री बनेगा। 2013 में भी तो नीतीश कुमार अलग हुए थे। आज तक नीतीश कुमार सीएम मटेरियल नहीं बन पाए, तो पीएम मटेरियल कहां से बनेंगे। पोस्टर लगाने से कोई पीएम पद के लिए प्रोजेक्ट नहीं हो जाता।

बिहार में यूपी की तर्ज पर हो मदरसों का सर्वे
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने यूपी की तर्ज पर बिहार में मदरसों और मस्जिदों का सर्वे कराने की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में भी मदरसों और मस्जिदों की जांच होनी जरूरी है। बिहार में भी खासकर सीमावर्ती इलाकों में भी यूपी की तर्ज पर मदरसों और मस्जिदों के सर्वे की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिहार की सीमा जो नेपाल से जुड़ा हो, बंगलादेश की सीमा हो या बंगाल से जुड़ी सीमा हो सभी जगह मदरसों और मस्जिदों की जांच होनी चाहिए। इस बात की जांच होनी चाहिए कि इन मदरसों और मस्जिदों में कौन लोग रह रहे हैं और क्या कर रहे हैं। रहने वाले लोग भारत के खिलाफ हैं या भारत के पक्ष में हैं।

उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मदरसों का सर्वे कराने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि मदरसों के सर्वे से कुछ लोगों खासकर ओवैसी जैसे लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। लेकिन, उनके पेट में दर्द होने की जरुरत नहीं है, वहां के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि मुसलमानों को अच्छी शिक्षा मिले। उन्होंने कहा कि ओवैसी जैसे लोगों को डर है कि कहीं ये न पता चल जाए कि कौन बंगलादेशी है और कौन रोहिंग्या हैं।

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