फ्रांस के पत्रकारों की जासूसी: पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने पेगासस को राफेल से जोड़ा
क्या पेगासस जासूसी मामले का लिंक राफेल जांच से जुड़ा हुआ है? शुक्रवार को मीडियापार्ट के समाचार जर्नल से जुड़े दो फ्रांसीसी पत्रकारों के फोन की जासूसी पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए किए जाने की पुष्टि हुई है। इसके बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने पेगासस मामले को राफेल जांच से जोड़ दिया है। फ्रांसीसी पत्रकारों का मामला सामने आने के बाद चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए यह दावा किया है कि मीडियापार्ट ही वह समाचार जर्नल है, जिसने सबसे पहले यह खबर दी थी कि राफेल मामले की जांच फ्रांस में होगी। इसके बाद चिदंबरम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि देखना है सरकार कब अपना रवैया बदलती है और पेगासस के भारत में हुए गलत इस्तेमाल पर संसद में पूर्ण बहस कराती है।
Mediapart is the media organization that broke the story that the Rafale aircraft deal was being probed in France
Will the govt. give up its ostrich-like attitude and agree to the Opposition’s demand for a full discussion in Parliament on misuse of Pegasus spyware in India?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 30, 2021
सरकार पर साधा निशाना
वहीं पेगासस जासूसी को लेकर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और इजरायली प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट के बीच बातचीत की खबरें आ रही हैं। इस पर भी चिदंबरम सोमवार को भारत सरकार पर निशाना साध चुके हैं। उन्होंने कहा था कि केवल भारत ही एकमात्र देश है, जहां पर सरकार इतने बड़े मामले पर बेफिक्र बैठी है। गौरतलब है कि यह खबरें आने के बाद कि मोरक्को की सुरक्षा एजेंसियों ने पेगासस के जरिए मैक्रों के मोबाइल की जासूसी की थी, उन्होंने बेनेट को फोन किया था। इजरायल के चैनल 12 के मुताबिक 22 जुलाई को किए गए इस फोन कॉल में मैक्रों ने बेनेट से कहा था कि सुनिश्चित करें कि यह मामला पूरी गंभीरता से लिया जाए।
तो क्या सरकार को सब पता है?
पूर्व वित्तमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा है कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इजरायली प्रधानमंत्री को फोन किया। पेगासस के गलत इस्तेमाल पर पूरी जानकारी मांगी। इजरायली प्रधानमंत्री ने भी उन्हें आश्वस्त किया है। लेकिन भारत में सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। यहां इसलिए ऐसा हो रहा है, क्योंकि सरकार को पूरी तरह से पता था कि पेगासस से क्या जासूसी की जा रही है। इसलिए उसे इजरायल या एनएसओ से किसी तरह की सूचना लेने की जरूरत नहीं है। इससे पूर्व रविवार को कांग्रेस नेता ने कहा था कि या तो सरकार इस मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करे। या फिर सुप्रीम कोर्ट से यह रिक्वेस्ट की जाए कि वह किसी सिटिंग जज से मामले की जांच कराएं। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में वक्तव्य जारी करें कि पेगासस के जरिए जासूसी हुई थी या नहीं।
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Mediapart is the media organization that broke the story that the Rafale aircraft deal was being probed in France
Will the govt. give up its ostrich-like attitude and agree to the Opposition’s demand for a full discussion in Parliament on misuse of Pegasus spyware in India?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 30, 2021
सरकार पर साधा निशाना
वहीं पेगासस जासूसी को लेकर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और इजरायली प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट के बीच बातचीत की खबरें आ रही हैं। इस पर भी चिदंबरम सोमवार को भारत सरकार पर निशाना साध चुके हैं। उन्होंने कहा था कि केवल भारत ही एकमात्र देश है, जहां पर सरकार इतने बड़े मामले पर बेफिक्र बैठी है। गौरतलब है कि यह खबरें आने के बाद कि मोरक्को की सुरक्षा एजेंसियों ने पेगासस के जरिए मैक्रों के मोबाइल की जासूसी की थी, उन्होंने बेनेट को फोन किया था। इजरायल के चैनल 12 के मुताबिक 22 जुलाई को किए गए इस फोन कॉल में मैक्रों ने बेनेट से कहा था कि सुनिश्चित करें कि यह मामला पूरी गंभीरता से लिया जाए।
तो क्या सरकार को सब पता है?
पूर्व वित्तमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा है कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इजरायली प्रधानमंत्री को फोन किया। पेगासस के गलत इस्तेमाल पर पूरी जानकारी मांगी। इजरायली प्रधानमंत्री ने भी उन्हें आश्वस्त किया है। लेकिन भारत में सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। यहां इसलिए ऐसा हो रहा है, क्योंकि सरकार को पूरी तरह से पता था कि पेगासस से क्या जासूसी की जा रही है। इसलिए उसे इजरायल या एनएसओ से किसी तरह की सूचना लेने की जरूरत नहीं है। इससे पूर्व रविवार को कांग्रेस नेता ने कहा था कि या तो सरकार इस मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करे। या फिर सुप्रीम कोर्ट से यह रिक्वेस्ट की जाए कि वह किसी सिटिंग जज से मामले की जांच कराएं। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में वक्तव्य जारी करें कि पेगासस के जरिए जासूसी हुई थी या नहीं।