फिल्म रिव्यू : शहजादा
‘शहजादा’ की कहानी
बंटू (कार्तिक आर्यन) एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखता है। उसके पिता वाल्मीकि (परेश रावल) बचपन से ही उसे दुत्कारते रहे हैं। जिंदगी में पहली बार बंटू को प्यार का अहसास अपनी बॉस समारा (कृति सेनन) से मिलने पर हुआ है। बंटू उसे चाहने लगता है। लेकिन इसी बीच बंटू को अपनी जिंदगी को बदल देने वाली एक सच्चाई के बारे में पता चलता है। बंटू असल में एक अरबपति फैमिली का वारिस है। तो, क्या अब बंटू अपने परिवार को वापस पा लेता है? यह जानने के लिए आपको सिनेमाघर जाना होगा।
‘शहजादा’ फिल्म का ट्रेलर
‘शहजादा’ का रिव्यू
‘शहजादा’ के डायरेक्टर कॉमेडी फिल्मों के किंग कहे जाने वाले डेविड धवन के बेटे रोहित धवन हैं। रोहित ने सुपरहिट तेलुगू फिल्म की स्क्रिप्ट पर मसालेदार एंटरटेनर फिल्म बनाई है। यह एक फैमिली फिल्म एंटरटेनर है। इंटरवल से पहले फिल्म में कॉमेडी और लव स्टोरी का तड़का है, जबकि सेकेंड हाफ में कार्तिक अपनी असली फैमिली के तारणहार बनकर सामने आते हैं। फिल्म में एक्शन, इमोशन से लेकर कॉमेडी तक सब कुछ है। लेकिन इसी कारण कहानी थोड़ी कमजोर पड़ती जाती है। खासकर फिल्म का क्लाईमैक्स काफी प्रीडेक्टेबल है।
कार्तिक आर्यन ने फिल्म में बढ़िया कॉमेडी की है। साथ ही सेकेंड हाफ में वह आपको इमोशनल कर देते हैं। वह एक्शन का तड़का भी लगाते हैं। कृति सेनन के पास फिल्म में करने के लिए कुछ खास नहीं था। बंटू के मौजूदा पिता के रोल में परेश रावल जंचे हैं, जबकि रोनित रॉय, सचिन खेड़ेकर और मनीषा कोईराला ने सपोर्टिंग रोल में अच्छा काम किया है। राजपाल यादव बस एक सीन में नजर आए हैं। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और म्यूजिक आपको पसंद आएगी।
‘शहजादा’ के निर्माताओं ने पूरी कोशिश की है कि इसकी ओरिजिनल तेलुगू फिल्म ‘अला बैंकुठपुरमलो’ हिंदी में उपलब्ध ना हो पाए, क्योंकि अगर आपने अल्लू अर्जुन की ऑरिजनल फिल्म नहीं देखी है तो ‘शहजादा’ में आपको मजा आने वाला है।
क्यों देखें- अगर कुछ ऐसा देखना चाहते हैं, जो फैमिली के साथ बढ़िया टाइमपास है तो कार्तिन आर्यन की ‘शहजादा’ को सिनेमाघर जाकर देख सकते हैं।