फिर बढ़ी महंगाई: रसोई गैस, खाद्य तेल के साथ सब्जी-फल के दाम छू रहे आसमान
फिर बढ़ी महंगाई: रसोई गैस, खाद्य तेल के साथ सब्जी-फल के दाम छू रहे आसमान
जबलपुर। महंगाई ने त्योहारों का मजा फीका कर दिया है। कई चीजों के दाम बढ़ गए हैं। रसोई गैस मंगलवार से करीब 25 रुपए महंगी हो गई है। पेट्रोल और डीजल पहले ही रिकॉर्ड बना चुके हैं। इसी प्रकार खाने-पीने की चीजों की कीमतें भी तेज हो गई हैं। खाद्य तेल, शक्कर, राहर दाल और सब्जियां खरीदने के लिए पहले से ज्यादा मूल्य चुकाना पड़ रहा है। इसमें सबसे बड़ी मुसीबत गरीब एवं मध्यम वर्ग की है। उसका घर का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है। त्योहारों पर हर घर में उमंग होती है।
त्योहारों के पहले ‘महंगाई डायन’ गड़बड़ाने लगा है घरों का बजट
सावन माह से इनकी शुरुआत होती है। दीपावली तक त्योहार चलते हैं। लेकिन महंगाई की वजह से लोगों का उत्साह घट गया है। ऐसे में हर आदमी अपना हाथ सिकोड़ कर चल रहा हैं। ऐसी कोई चीज नहीं है जिसकी कीमत नहीं बढी है। पेट्रोल और डीजल की कीमत पहले से आसमान पर है। पेट्रोल 110.28 रुपए और डीजल का मूल्य 98.76 रुपए प्रतिलीटर पिछले एक महीने से चल रहा है। इनका असर लगभग हर वस्तु पर पड़ रहा है।
महीने में दूसरी बार एलपीजी महंगी
इस महीने घरेलू और व्यापारिक दोनों सिलेंडर की कीमत दो बार बढ़ी है। 8 अगस्त को 14.2 किलो घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 841 रुपए थी। वहीं 17 अगस्त को यह 866 रुपए कर दी गई। इससे पहले फरवरी महीने में चार बार कीमतों में बढ़ोतरी की गई थी। एक फरवरी को यह 701 एक रुपए थी तो 25 फरवरी को यह बढकऱ 801 रुपए हो गई थी।
आवक खूब, फिर भी तरकारी महंगी
सब्जियों के दाम भी कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बरसात में हरी सब्जियों की भरमार है। फिर भी ज्यादातर सब्जियां 40 रुपए किलो से ज्यादा कीमत पर बिक रही हैं। भिंडी, बरबटी, लौकी, परबल, गिलकी, शिमला मिर्च, भटा, प्याज, आलू, करेला, देशी ककड़ी सभी महंगे हैं। गोभी का फूल 20 से 40 रुपए का एक है। वहीं टमाटर का रेट रोज बदलता है। सेब 100 से 200 रुपए किलो, अनार 70 से 80, पपीता 40 किलो बिक रहा है।
फिर बढ़ी महंगाई: रसोई गैस, खाद्य तेल के साथ सब्जी-फल के दाम छू रहे आसमान
जबलपुर। महंगाई ने त्योहारों का मजा फीका कर दिया है। कई चीजों के दाम बढ़ गए हैं। रसोई गैस मंगलवार से करीब 25 रुपए महंगी हो गई है। पेट्रोल और डीजल पहले ही रिकॉर्ड बना चुके हैं। इसी प्रकार खाने-पीने की चीजों की कीमतें भी तेज हो गई हैं। खाद्य तेल, शक्कर, राहर दाल और सब्जियां खरीदने के लिए पहले से ज्यादा मूल्य चुकाना पड़ रहा है। इसमें सबसे बड़ी मुसीबत गरीब एवं मध्यम वर्ग की है। उसका घर का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है। त्योहारों पर हर घर में उमंग होती है।
त्योहारों के पहले ‘महंगाई डायन’ गड़बड़ाने लगा है घरों का बजट
सावन माह से इनकी शुरुआत होती है। दीपावली तक त्योहार चलते हैं। लेकिन महंगाई की वजह से लोगों का उत्साह घट गया है। ऐसे में हर आदमी अपना हाथ सिकोड़ कर चल रहा हैं। ऐसी कोई चीज नहीं है जिसकी कीमत नहीं बढी है। पेट्रोल और डीजल की कीमत पहले से आसमान पर है। पेट्रोल 110.28 रुपए और डीजल का मूल्य 98.76 रुपए प्रतिलीटर पिछले एक महीने से चल रहा है। इनका असर लगभग हर वस्तु पर पड़ रहा है।
महीने में दूसरी बार एलपीजी महंगी
इस महीने घरेलू और व्यापारिक दोनों सिलेंडर की कीमत दो बार बढ़ी है। 8 अगस्त को 14.2 किलो घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 841 रुपए थी। वहीं 17 अगस्त को यह 866 रुपए कर दी गई। इससे पहले फरवरी महीने में चार बार कीमतों में बढ़ोतरी की गई थी। एक फरवरी को यह 701 एक रुपए थी तो 25 फरवरी को यह बढकऱ 801 रुपए हो गई थी।
आवक खूब, फिर भी तरकारी महंगी
सब्जियों के दाम भी कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बरसात में हरी सब्जियों की भरमार है। फिर भी ज्यादातर सब्जियां 40 रुपए किलो से ज्यादा कीमत पर बिक रही हैं। भिंडी, बरबटी, लौकी, परबल, गिलकी, शिमला मिर्च, भटा, प्याज, आलू, करेला, देशी ककड़ी सभी महंगे हैं। गोभी का फूल 20 से 40 रुपए का एक है। वहीं टमाटर का रेट रोज बदलता है। सेब 100 से 200 रुपए किलो, अनार 70 से 80, पपीता 40 किलो बिक रहा है।