फंड की कमी से अटका है गाजियाबाद रेलवे ओवरब्रिज का काम, आखिर मधुबन बापूधाम के निवासियों को कब मिलेगी राहत?

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फंड की कमी से अटका है गाजियाबाद रेलवे ओवरब्रिज का काम, आखिर मधुबन बापूधाम के निवासियों को कब मिलेगी राहत?

फंड की कमी से अटका है गाजियाबाद रेलवे ओवरब्रिज का काम, आखिर मधुबन बापूधाम के निवासियों को कब मिलेगी राहत?

अभिजय झा, गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले मधुबन बापूधाम इलाके में रेलवे लाइन के ऊपर प्रस्तावित और बीच ओवरब्रिज का काम आधा अधूरा लटका हुआ है। एक तो पहले से ही देरी से चल रहे इस प्रॉजेक्ट का काम फंड की कमी की वजह से अटक गया है। अधिकारियों का कहना है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) की तरफ से रेलवे को 26 करोड़ दिए जाने का वादा था, जिसमें से 50% राशि ही जारी की गई है।

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण जीडीए के चीफ इंजीनियर एके गुप्ता ने बताया, ‘रेलवे ओवरब्रिज को लेकर एक नई बाधा सामने आ गई है। अब रेलवे विभाग का कहना है कि ब्रिज का काम शुरू होने से पहले पूरी राशि का भुगतान जरूरी है। लेकिन तमाम वित्तीय समस्याओं के मद्देनजर प्राधिकरण अभी पूरी राशि का भुगतान करने में असमर्थ है।’

हालांकि समस्या केवल इतनी ही नहीं है। ओवरब्रिज के लिए अप्रोच रोड का काम भी अभी अटका हुआ है क्योंकि जिस यूपी ब्रिज कॉरपोरेशन को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी, उसके पास भी फंड की कमी है। गुप्ता ने बताया कि अप्रोच रोड 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अब जीडीए अलग-अलग सॉर्स से पैसे इकट्ठा करने की कोशिश में लगा हुआ है।

इस रेलवे ओवरब्रिज का काम पूरा होना जीडीए के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि कनेक्टिविटी बेहतर ना होने की वजह से मधुबन बापूधाम हाउसिंग स्कीम के फ्लैट्स को बेचने में मुश्किल आ रही है। 2017 में शुरू हुए इस ओवरब्रिज की डेटलाइन दिसंबर में थी। रेलवे की तरफ से क्लियरेंस और अन्य फैक्टर्स की वजह से प्रोजेक्ट के पूरा आने की डेटलाइन लगातार बढ़ती ही जा रही है।

600 मीटर लंबे और 45 मिनट मीटर चौड़े इस रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कितना जरूरी है, यह इसी बात से समझा जा सकता है मधुबन बापूधाम के फ्लैट में रहने वाले नागरिकों को दिल्ली या फिर मेरठ की तरफ जाने के लिए 14 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है। ब्रिज बन जाने से आवागमन में सुविधा हो जाएगी।

हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में जीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि मधुबन बापूधाम स्कीम 1234 एकड़ एरिया में फैली हुई है। अलग-अलग स्कीम्स में कुल 11680 फ्लैट का निर्माण कार्य हुआ है, जिनमें से करीब 8000 फ्लैट्स अभी भी बिकने बाकी है। इसकी प्रमुख वजह बेहतर कनेक्टिविटी का ना होना है।

रेलवे ओवरब्रिज बनने से केवल मधुबन बापूधाम कि जीडीए फ्लैट्स के निवासियों को ही राहत नहीं मिलेगी बल्कि गोविंदपुरम, स्वर्ण जयंती पुरम, राशीपुर और हरसाओं इलाके के रहने वाले लोगों को गाजियाबाद के अलावा मेरठ और दिल्ली की तरफ जाने में भी सहूलियत हो जाएगी।

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