परिवार के छह लोग गए, उत्तरकाशी बस हादसे में कोई नहीं बचा… परिजनों ने सरकार से नौकरी की मांग की

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परिवार के छह लोग गए, उत्तरकाशी बस हादसे में कोई नहीं बचा… परिजनों ने सरकार से नौकरी की मांग की

पन्ना : उत्तरकाशी बस हादसे (uttarakhand uttarkashi bus accident update) के मृतकों का आज उनके गांवों में अंतिम संस्कार किया गया है। इस हादसे में 26 लोगों की मौत हुई है। बुध सिंह सांटा गांव के लोगों की सबसे अधिक मौत हुई है। अंतिम संस्कार के मौके पर इस गांव में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी पहुंचे थे। उन्होंने मृतक के परिजनों को ढाढ़स बंधाया है। सरकार ने परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। वहीं, मृतक परिजन सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं। कई परिवारों ने अपने घर के कमाऊ सदस्यों को खो दिया है।


इन्हीं में से एक रामाकांत द्विवेदी ने कहा कि हमारे परिवार से छह लोग चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड गए थे। सोमवार को हमें पता चला कि सभी लोगों की मौत बस हादसे में हो गई है। कलेक्टर, एसपी और तहसीलदार हमारे गांव में आए थे। हमने सरकार से मांग की है कि हमारे परिवार को सरकारी नौकरी दी जाए क्योंकि कमाने वाले सदस्य की मौत हो गई है।

इसी तरह से राजेंद्र सिंह ने कहा कि मेरे पिता, मां और चाची चार धाम यात्रा पर गई थीं। उत्तरकाशी बस हादसे में तीनों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि बुध सिंह सांटा गांव से कुल 10 लोग गए थे, इनमें नौ की मौत हो गई है। मैं सरकार से मांग करता हूं कि मृतक के परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।

इसी गांव के बृजेश द्विवेदी ने बताया कि पापा ने वहां से हादसे के पहले वीडियो कॉल से पहाड़ दिखाया था। आधे घंटे बाद ही सब कुछ खत्म हो गया। गांव के लोगों ने बताया कि यहां पहली बार इतनी संख्या में एक साथ लोगों की चिताएं जल रही हैं। इस गांव पर ऐसी आफत पहले कभी नहीं आई थी। मृतकों में कुछ लोग पांचवीं बार इस यात्रा पर गए थे।
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गौरतलब है कि मृतकों को पीएम केयर फंड से दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है। वहीं, घायलों को राज्य और केंद्र की तरफ से पचास-पचास हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके बाद परिजनों ने नौकरी की मांग की है।



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