नीतीश के 200 पार के दावे पर बोले प्रशांत किशोर- 20 विधायक जिता लिए तो राजनीति छोड़ दूंगा
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विश्वास मत हासिल कर नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नौवीं बार काबिज हैं। लेकिन जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने उन पर हमला करना बंद नहीं किया है। पीके ने कहा है कि अगले विधानसभा चुनाव में 200 पार का दावा करने वाले नीतीश कुमार अपने 20 विधायकों को जिताने में सफल हो गए तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव में खाता नहीं खुलने के डर से उन्होंने लालू यादव का साथ छोड़ दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शरण में आ गए । प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर चालाक और धूर्त होने का भी आरोप लगाया। कहा कि उनके खिलाफ बिहार की जनता में काफी गुस्सा है। विधानसभा में नीतीश कुमार ने दावा किया था कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में सभी 40 लोकसभा सीटों पर एनडीए जीत दर्ज करेगी और 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव में 200 का आंकड़ा पार करेगी।
एक समय था जब नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर की गलबहियां वाली तस्वीरें सार्वजनिक रूप से सामने आती थी। नीतीश कुमार ने चुनाव के रणनीति बनाने के लिए हायर करने वाले प्रशांत किशोर को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर अपने से ठीक नीचे वाली कुर्सी दे दी थी। लेकिन आज स्थितियां बहुत बदल गई हैं। नीतीश कुमार 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने, विश्वास मत हासिल करने के बाद भी प्रशांत किशोर का हमला जारी है। उन्होंने कहा है कि बिहार के किसी एक नेता के खिलाफ जनता में सबसे ज्यादा गुस्सा है तो उसका नाम नीतीश कुमार है। वह वक्त था जब नीतीश कुमार के नाम और चेहरे पर 2010 में 206 विधायक जीते थे। आज वह 200 पार का दावा भले हीं कर रहे हों लेकिन, जदयू 20 विधायकों को जीत दिला पाई तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि 2020 में उनके 43 विधायक जीते और 2024 के लोकसभा चुनाव में उनका खाता खुलने वाला नहीं था। इसीलिए महागठबंधन को छोड़ दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शरण में आ गए ताकि कुछ सांसद बन जाएं। पीके ने दावा किया कि अगर पीएम मोदी के नाम का सहारा नहीं लें तो चाहे किसी भी गठबंधन में भी चले जाएं पर उनका खाता भी नहीं खुलेगा। नीतीश कुमार की वजह से जदयू बीजेपी के साथ आने पर भी 20 से ज्यादा विधायक नहीं बन सकती।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता इतनी बेवकूफ नहीं है। जदयू पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी उनके बारे में अच्छी राय नहीं रखते हैं। पीके ने कहा कि नीतीश कुमार के आचरण से जनता असहाय महसूस कर रही है। वोट किसी और काम के लिए लेते हैं और पलट पलट कर कहीं और चले जाते हैं। इस वजह से लोगों में गुस्सा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपने आप को बहुत चतुर समझते हैं लेकिन, जनता उनके चाल को समझ चुकी है कि वह धूर्त आदमी हैं। पूरे बिहार की 13 करोड़ जनता को मुर्ख बनाकर ठग रहे हैं। अगले चुनाव में ब्याज समेत हिसाब जनता ले लेगी।
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विश्वास मत हासिल कर नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नौवीं बार काबिज हैं। लेकिन जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने उन पर हमला करना बंद नहीं किया है। पीके ने कहा है कि अगले विधानसभा चुनाव में 200 पार का दावा करने वाले नीतीश कुमार अपने 20 विधायकों को जिताने में सफल हो गए तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव में खाता नहीं खुलने के डर से उन्होंने लालू यादव का साथ छोड़ दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शरण में आ गए । प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर चालाक और धूर्त होने का भी आरोप लगाया। कहा कि उनके खिलाफ बिहार की जनता में काफी गुस्सा है। विधानसभा में नीतीश कुमार ने दावा किया था कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में सभी 40 लोकसभा सीटों पर एनडीए जीत दर्ज करेगी और 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव में 200 का आंकड़ा पार करेगी।
एक समय था जब नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर की गलबहियां वाली तस्वीरें सार्वजनिक रूप से सामने आती थी। नीतीश कुमार ने चुनाव के रणनीति बनाने के लिए हायर करने वाले प्रशांत किशोर को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर अपने से ठीक नीचे वाली कुर्सी दे दी थी। लेकिन आज स्थितियां बहुत बदल गई हैं। नीतीश कुमार 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने, विश्वास मत हासिल करने के बाद भी प्रशांत किशोर का हमला जारी है। उन्होंने कहा है कि बिहार के किसी एक नेता के खिलाफ जनता में सबसे ज्यादा गुस्सा है तो उसका नाम नीतीश कुमार है। वह वक्त था जब नीतीश कुमार के नाम और चेहरे पर 2010 में 206 विधायक जीते थे। आज वह 200 पार का दावा भले हीं कर रहे हों लेकिन, जदयू 20 विधायकों को जीत दिला पाई तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि 2020 में उनके 43 विधायक जीते और 2024 के लोकसभा चुनाव में उनका खाता खुलने वाला नहीं था। इसीलिए महागठबंधन को छोड़ दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शरण में आ गए ताकि कुछ सांसद बन जाएं। पीके ने दावा किया कि अगर पीएम मोदी के नाम का सहारा नहीं लें तो चाहे किसी भी गठबंधन में भी चले जाएं पर उनका खाता भी नहीं खुलेगा। नीतीश कुमार की वजह से जदयू बीजेपी के साथ आने पर भी 20 से ज्यादा विधायक नहीं बन सकती।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता इतनी बेवकूफ नहीं है। जदयू पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी उनके बारे में अच्छी राय नहीं रखते हैं। पीके ने कहा कि नीतीश कुमार के आचरण से जनता असहाय महसूस कर रही है। वोट किसी और काम के लिए लेते हैं और पलट पलट कर कहीं और चले जाते हैं। इस वजह से लोगों में गुस्सा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपने आप को बहुत चतुर समझते हैं लेकिन, जनता उनके चाल को समझ चुकी है कि वह धूर्त आदमी हैं। पूरे बिहार की 13 करोड़ जनता को मुर्ख बनाकर ठग रहे हैं। अगले चुनाव में ब्याज समेत हिसाब जनता ले लेगी।