नाराज नितीश राणा छोड़ेंगे अपनी टीम का साथ, नए सीजन से पहले दूसरी टीम से जुड़ने की तैयारी

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नाराज नितीश राणा छोड़ेंगे अपनी टीम का साथ, नए सीजन से पहले दूसरी टीम से जुड़ने की तैयारी


नाराज नितीश राणा छोड़ेंगे अपनी टीम का साथ, नए सीजन से पहले दूसरी टीम से जुड़ने की तैयारी

नई दिल्ली: दिल्ली क्रिकेट के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं क्योंकि पूर्व कप्तान नितीश राणा (Nitish Rana) और पिछले साल रणजी ट्रॉफी में टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले ध्रुव शोरे ने डीडीसीए से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की मांग की है। ये मिलने के बाद नए सीजन से पहले दोनों किसी और टीम के साथ जुड़ जाएंगे। डीडीसीए (दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ) के संयुक्त सचिव राजन मनचंदा ने शुक्रवार को इस घटनाक्रम की पुष्टि की। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोनों क्रिकेटरों से बात की जाएगी और उनकी परेशानी को धैर्यपूर्वक सुना जायेगा ताकि पता लगाया जा सके कि वे ऐसा निर्णय क्यों लेना चाहते हैं।

मनचंदा ने कहा, ‘हां, यह सच है कि ध्रुव और नितीश दोनों दिल्ली क्रिकेट टीम को छोड़ना चाहते हैं और उन्होंने एनओसी मांगी है। हम निश्चित रूप से उनसे रुकने का अनुरोध करेंगे क्योंकि दोनों अनुभवी खिलाड़ी हैं और उन्होंने दिल्ली क्रिकेट की काफी सेवा की है। इस मामले में अंतिम निर्णय उनका ही होगा। अगर वे हम से सहमत नहीं हुए तो हम निश्चित रूप से उन्हें एनओसी देंगे।’

यह समझा जाता है कि पिछले साल तक टीम के सफेद गेंद (सीमित ओवर प्रारूप) के कप्तान रहे राणा को एक सत्र पुराने खिलाड़ी यश धुल को यह जिम्मेदारी दिया जाना पसंद नहीं आया। राणा को दिल्ली के ड्रेसिंग रूम में कुछ खिलाड़ियों से भी परेशानी है और उनमें मुंबई इंडियंस के हरफनमौला खिलाड़ी रितिक शौकीन भी शामिल हैं, जिन्होंने लाल गेंद की क्रिकेट में सराहनीय प्रदर्शन किया था।

शोरे ने पिछले रणजी सत्र में 859 रन बनाये थे । वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की सूची में मयंक अग्रवाल (990), अर्पित वसावदा (907) और अनुष्टुप मजूमदार (867) के बाद चौथे स्थान पर थे लेकिन दिल्ली की टीम नॉक-आउट चरण के लिए क्वालीफाई नहीं कर पायी थी।

डीडीसीए के एक निदेशक ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, ‘नितीश नाराज हैं क्योंकि उन्हें लाल गेंद टीम से बाहर कर दिया गया और कप्तानी से हटा दिया गया। शोरे नाराज हैं क्योंकि पिछले सीजन में चयनकर्ताओं ने उन्हें लाल गेंद का विशेषज्ञ करार दिया था। इसलिए वे हटना चाहते हैं। हो सकता है कि अध्यक्ष रोहन जेटली उनसे बात करें। डीडीसीए ने वीरेंद्र सहवाग को राज्य छोड़ने से भी नहीं रोका था।’

यह देखना होगा कि डीडीसीए राणा को कप्तानी का लालच देता है या नहीं। माना जा रहा है कि मध्यक्रम के धाकड़ बल्लेबाज हिम्मत सिंह को इस सत्र में रणजी ट्रॉफी की कप्तानी सौंपी जा सकती है क्योंकि डीडीसीए में ज्यादातर लोग इस बात से सहमत हैं कि धुल को कप्तानी सौंपने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया था। धुल ने अब तक सिर्फ एक ही प्रथम श्रेणी मैच खेला था।

इसके साथ ही धुल भारत ‘ए’ के लिए राष्ट्रीय चयन समिति के रडार पर हैं क्योंकि वह एनसीए के लक्षित खिलाड़ियों की सूची में हैं और उन्हें शिविर के लिए बुलाया गया है वह इसी वजह से चेन्नई में बुची बाबू ट्रॉफी नहीं खेलेंगे। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले डीडीसीए के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘धुल को नवदीप सैनी के साथ एनसीए में एक शिविर के लिए बुलाया गया है। वह बुची बाबू ट्रॉफी में नहीं खेलेंगे। हम हिम्मत को एक संभावित कप्तान के रूप में देख रहे हैं। वह ऐसा खिलाड़ी है जो चुनौतियों से कभी नहीं भागता है।’
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