नई नगर सरकार बनाने का उत्साह, लेकिन चुनौतियां हजारों हैं | Enthusiasm to form new city government, challenges are thousand | Patrika News

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नई नगर सरकार बनाने का उत्साह, लेकिन चुनौतियां हजारों हैं | Enthusiasm to form new city government, challenges are thousand | Patrika News

नई नगर सरकार बनाने का उत्साह, लेकिन चुनौतियां हजारों हैं | Enthusiasm to form new city government, challenges are thousand | Patrika News

अनियोजित व अधूरे निर्माण कार्य

रांझी से घमापुर के बीच 24 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन स्मार्ट सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुए 4 साल बीत गए लेकिन आज तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। अधूरे निर्माण कार्य के कारण घमापुर चौराहा छोर में बॉटलनेक बनता है। इसी तरह से राइट टाउन स्टेडियम के आसपास, होम साइंस कॉलेज से लेकर मदनमहल थाना मार्ग में बेतरतीब काम से क्षेत्रीयजन परेशान हैं। सीवर लाइन के बेतरतीब काम के कारण धनवंतरि नगर में कहीं गहरा गड्ढा खोद दिया गया है तो कहीं मिट्टी का पहाड़ लगा है। फ्लाईओवर की साइट में महानद्दा से एलआईसी, मदनमहल रेलवे स्टेशन से बाबूराव परांजपे चौक, रानीताल होते हुए बल्देवबाग तक अनियोजित काम के कारण शहर की तस्वीर बिगड़ी हुई है।

नए वार्डों का पिछड़ापन

वर्ष 2014 में हुए परिसीमन से 55 गांव नगर निगम की सीमा में शामिल कर 9 नए वार्ड बनाए गए थे, इन वार्डों के लोगों को चमचमाती सपाट सड़कों, नर्मदा जल आपूर्ति, स्मार्ट एलईडी लाइट से लेकर तेजी से विकास के सपने दिए गए। लेकिन 7 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी डु़मना, चकदेही इलाका जल संकट से जूझ रहा है। मानेगांव, मोहनिया इलाके में ढंग की सड़क नहीं बनीं। कचनारी, महगवां इलाकों में निस्तार के पानी की निकासी के लिए नाले-नालियां भी नहीं बने। ऐसे में नए वार्डों का पिछड़ापन दूर करना भी नई नगर सरकार के सामने चुनौती होगी।

विस्थापितों का समग्र पुनर्वास

मदन महल पहाड़ी से विस्थापित हुए सैकड़ों परिवार पुनर्वास स्थल तेवर में बांस-बल्ली, तिरपाल के सहारे छोटे बच्चे, बुजुर्गों को साथ लेकर दिन-रात बिता रहे हैं। तेज आंधी-तूफान में तिरपाल फट जाती है। इन परिवारों के लोगों को तेवर में पट्टा देकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर बनवाने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक उन्हें जमीन के पट्टे भी नहीं मिले।

स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति

शहर की बड़ी आबादी अभी भी पेयजल के लिए बोरवेल, हैंडपंप पर निर्भर है। जल शक्ति मिशन के तहत गांवों में भी हर घर नल से जल पहुंचाने की कवायद चल रही है। लेकिन नगर के बड़े हिस्से तक नर्मदा जल पहुंचाने के लिए अभी तक जलापूर्ति नेटवर्क तैयार नहीं हो सका है। इसके कारण नए वार्डों के इन इलाकों में हर साल गर्मी में भीषण जल संकट के हालात बनते हैं।

जलभराव से मुक्ति

29 जून को हुई साढ़े तीन इंच बारिश में नगर के पचास से ज्यादा इलाकों में जलभराव के हालात बने थे। इनमें से तीस ऐसे नए इलाके थे जिनमें जलभराव हुआ। इससे पहले पिछले दो सालों में गुलौआ इलाके व तिलहरी क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं होने से जलभराव के कारण बाढ़ के हालात बने और रेस्क्यू दल को नाव चलाकर राहत व बचाव कार्य करना पड़ा। ऐसे में नगर सरकार के सामने नगर के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त कर नगरवासियों को जलभराव से निजात दिलाने की भी चुनौती होगी।



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