दिल्‍ली-NCR में चुरा चुके हजार दोपहिया वाहन, फिर पुर्जे काटकर बेच देते थे, पुलिस के हत्‍थे चढ़े 5 बदमाश

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दिल्‍ली-NCR में चुरा चुके हजार दोपहिया वाहन, फिर पुर्जे काटकर बेच देते थे, पुलिस के हत्‍थे चढ़े 5 बदमाश

दिल्‍ली-NCR में चुरा चुके हजार दोपहिया वाहन, फिर पुर्जे काटकर बेच देते थे, पुलिस के हत्‍थे चढ़े 5 बदमाश

कौशांबी: दिल्ली-एनसीआर में बड़े पैमाने पर वाहन चोरी करने वाला एक गैंग पुलिस के हत्‍थे चढ़ गया है। वाहन चुराने के बाद ये लोग उसे अपने किराए के मकान में बने गोदाम में रखते थे। फिर उसके पुर्जे काटकर बेच देते थे। कौशांबी पुलिस ने इस गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह का मास्टरमाइंड विक्रम है, जो जीडीए मार्केट अर्थला साहिबाबाद का रहने वाला है। पुलिस ने इनके पास से 2 पहिया वाहन, पुर्जे, कागजात, चाकू व 13 हजार कैश बरामद किए हैं। सरगना विक्रम थाना साहिबाबाद और शाकिर बुलंदशहर से चोरी के मामले में पहले भी जेल जा चुके हैं। पूछताछ में विक्रम ने बताया कि जब भी तारीख पर कोर्ट जाता था तब कचहरी से वह एक दोपहिया वाहन चोरी करके लाता था। गिरोह में शामिल 2 साथी बदमाशों व मकान मालिक की तलाश की जा रही है।

एसपी सिटी द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि कौशांबी पुलिस ने परवेज निवासी किशनपुर बरेली, नाजिम निवासी रामपुर, सलमान निवासी सुंदरनगरी दिल्ली, शाकिर उर्फ सुलेमान निवासी धातरा हाथरस और सरगना विक्रम निवासी संजय कॉलोनी जीडीए फ्लैट अर्थला को गिरफ्तार किया है। भोवापुर में सलमान ने 8 माह पूर्व ब्रह्म सिंह के मकान में किराए पर गोदाम लिया था। जिसका वह प्रतिमाह 10 हजार रुपये किराया देते थे। इसी गोदाम पर सभी साथी अपने-अपने स्तर पर बाइक चोरी कर लाते थे, जहां वाहनों को काटकर उनके पुर्जे अलग किये जाते थे और फिर इन पुर्जों को दिल्ली-एनसीआर में सस्ते दामों पर बेच देते थे। गिरोह से सभी बदमाश अब तक लगभग एक हजार दोपहिया वाहन चोरी कर चुके हैं। गिरोह के बदमाशों ने प्रति सप्ताह लगभग पांच वाहन चोरी करने का लक्ष्य बना रखा था। लिहाजा शाकिर उर्फ सुलेमान वाहनों की रेकी कर उनके ताले तोड़ता था फिर विक्रम, काके और आकाश उर्फ गंजा उसे चोरी कर लेते थे।

जेल जाने के दौरान हुई मुलाकात के बाद तैयार किया गैंग

क्षेत्राधिकारी इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि पूछताछ के दौरान यह बात प्रकाश में आई है कि वर्ष 2019 में विक्रम साहिबाबाद थाने से जेल गया था। डासना जेल में उसकी मुलाकात काके से हो गई। दोनों चोरी के मामले में जेल में बंद थे। पांच माह बाद विक्रम जेल से छूट गया और दिल्ली की कंपनी में नौकरी करने लगा था। दो-तीन माह बाद काके भी जेल से छूटकर आने के बाद उसने विक्रम को तलाश किया और वाहन चोरी करने की योजना बनाई। इसके बाद दोनों ने अपने गैंग में और भी अन्य लोगों को शामिल कर लिया। इसके लिए सबसे पहले चोरी के वाहनों को खपाने की योजना बनाई। इसके तहत भोवापुर में किराए के मकान में 150 गज का गोदाम लिया। परवेज, नाजिम और सलमान बाइक मैकेनिक थे जबकि विक्रम ने भी छोटी दुकान खोलकर दिखावे के लिए मैकेनिक का काम शुरू कर दिया। गिरोह के बदमाशों ने साहिबाबाद तथा वैशाली में मैकेनिक की दुकान खोलकर वहां वाहन ठीक कराने के लिए आने वाले लोगों को सस्ते दामों पर सामान भी उपलब्ध कराना शुरू कर दिया। जिससे उनका चोरी का माल भी ठिकाने लग जाए और किसी को पता भी ना चले।

हर तारीख पर कचहरी से चोरी कर लाता था एक वाहन
थाना प्रभारी कौशांबी सचिन मलिक ने बताया कि पूछताछ के दौरान विक्रम ने बताया कि वह पूर्व में दर्ज केस में जेल से जमानत पर आया था और उसकी वहां तारीखें लगती थीं। इस दौरान जब भी वह तारीख पर कोर्ट में पेश होने जाता था तो वहां से लौटते समय कचहरी से एक दोपहिया वाहन जरूर चोरी करके लाता था। वाहन चोरी के मामलों में कविनगर थाने में कई केस भी दर्ज हैं। पुलिस ने गिरफ्तार बदमाशों के पास से 10 बाइक, एक स्कूटी, एक विक्की, दो इंजन, एक नंबर प्लेट, 8 तेल की टंकी समेत कई सामान बरामद हुए हैं। इनके पास से 90 गाड़ियों की फर्जी आरसी भी मिली है।

ऑर्डर पर भी चोरी करते थे हाईस्पीड वाहन
एसपी सिटी ने बताया कि पूछताछ में सबसे महत्वपूर्ण बात यह पता चली है कि गिरोह के बदमाशों के पास जब भी कोई हाई स्पीड या फिर महंगे दोपहिया वाहन के पुर्जे की डिमांड आती थी तो दो से तीन दिन में उस ग्राहक को उसी प्रकार का वाहन चोरी करने के बाद पुर्जे उपलब्ध करा देते थे।

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