दिल्ली मेट्रो के फेज-IV का हर अपडेट
एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का करीब 19 किलोमीटर हिस्सा अंडरग्राउंड रहेगा। वहीं, जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर वाले रूट पर मेट्रो 9 किलोमीटर जमीन के नीचे चलेगी। बाकी कॉरिडोर्स के साथ इनका काम 2025 के आखिर तक पूरा होने की उम्मीद है।
यह एक बड़ा इंजिनियरिंग चैलेंज साबित होने वाला है क्योंकि अंडरग्राउंड कॉरिडोर भीड़भाड़ वाले रिहाइशी इलाकों, कॉमर्शियल एरियाज से होकर गुजरेंगे।
अनुज दयाल, प्रिंसिपल एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस, DMRC)
खास मशीन से हो रही दिल्ली मेट्रो के फेज-IV की टनलिंग
आने वाले महीनेां में कई स्ट्रेच पर टनलिंग शुरू कर दी जाएगी। इनमें संगम विहार-आनंदमयी (एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर), देरावल नगर-पुल बंगश और नबी करीब-पुल बंगश (जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर) शामिल है। DMRC के एक अधिकारी ने बताया कि टनलिंग वर्क पर नजर रखी जाएगी। ऊपर की इमारतों की रेगुलर मॉनिटरिंग होती रहेगी। अंडरग्राउंड टनल बनाने के लिए खास टनल बोरिंग मशीनों (TBMs) का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये जमीन और पत्थर में सर्कुलर क्रॉस-सेक्शन में खुदाई करती हैं। इनके जरिए पहाड़ों से लेकर रेत तक में खुदाई की जा सकती है।
DMRC के एक अधिकारी ने कहा, ‘TBMs ने दुनियाभर में टनलिंग के काम में क्रांति ला दी है। अब टनल बनाने में आसपास की इमारतों व जमीन पर मौजूद बाकी स्ट्रक्चर्स पर असर नहीं पड़ता। भीड़भाड़ वाले शहरी इलाकों में अंडरग्राउंड टनलिंग वर्क में TBMs बड़े काम आती हैं। DMRC फेज-I से ही टनलिंग के लिए TBMs इस्तेमाल रहा है।’ अधिकारी के मुताबिक, फेज-III में जब 50 किलोमीटर लंबा अंडरग्राउंड सेक्शन तैयार किया, उस वक्त दिल्ली में करीब 30 TBMs काम पर लगी थीं।
जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम कॉरिडोर (मजेंटा लाइन) पर टोटल 22 स्टेशन हैं जिनमें से 11 अंडरग्राउंड रहेंगे। तुगलकाबाद-दिल्ली एयरोसिटी (सिल्वर लाइन) पर 15 स्टेशन बनेंगे, इसमें से सात अंडरग्राउंड होंगे। मजलिस पार्क-मौजपुर (पिंक लाइन) पर आठ स्टेशन होंगे।