दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम सुनवाई, जानें केंद्र, दिल्ली, हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या कहा

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दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम सुनवाई, जानें केंद्र, दिल्ली, हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या कहा

हाइलाइट्स

  • केंद्र सरकार ने वर्क फ्रॉम होम से किया इनकार, कार पूलिंग की सलाह
  • दिल्ली ने कहा- मेट्रो और बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाएंगे, निर्माण कार्यों पर रोक
  • हरियाणा ने कहा- केंद्र की सभी उपाय लागू किए, आगे भी लागू करेंगे

नई दिल्ली
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ ही संबंधित राज्यों के रुख पर नाराजगी जताई। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रदूषण को कंट्रोल करने को लेकर सिर्फ बैठक हो रही है, ठोस उपाय नहीं हो रहे हैं। कोर्ट में आज केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से हलफनामा दिया गया। शीर्ष अदालत ने इस मामले में सुनवाई को 24 तारीख के लिए टाल दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब सरकार की तरफ से अपनी-अपनी बात रखी गई। जानते हैं इस मामले पर विभिन्न पक्षों ने क्या-क्या कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
दिल्ली में प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों व केंद्र के रुख पर नाराजगी व्यक्त की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रदूषण को कंट्रोल करने को लेकर सिर्फ बैठक हो रही है, ठोस उपाय नहीं हो रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण कैसे कम हो इस पर ठोस उपाय किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि लोगों को सार्वजनिक वाहनों का विकल्प उपलब्ध कराएं। कुछ दिन के लिए प्राइवेट गाड़ियों पर रोक क्यों ना लगा दी जाए। अदालत ने आगे कहा कि किसानों को पराली को लेकर समझाएं। पराली के नुकसान को कम करके ना आंकें। शीर्ष अदालत ने कहा कि किसानों को दंडित ना किया जाए। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि कुछ जिम्मेदारी होनी चाहिए, न्यायिक आदेश से सब कुछ नहीं किया जा सकता है। चीफ जस्टिस ने दिवाली के बाद पिछले 10 दिनों में दिल्ली में पटाखे जलाने का कारण पूछा। उन्होंने कहा कि बैन के बाद भी पटाखें क्यों जले? कोर्ट ने आगे कहा कि पटाखों का प्रदूषण में योगदान नहीं इस बात को नहीं मान सकते।

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केंद्र : सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम नहीं
सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहने पर अनिच्छा जताई है। केंद्र ने कहा कि उसने अपने कर्मचारियों को आने-जाने के लिए कारपूलिंग की सलाह दी है। इससे उनकी तरफ से उपयोग किए जाने वाले वाहनों की संख्या में कमी आएगी। सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आयोग ने सभी एनसीआर के राज्यों को सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को अगले आदेश तक बंद करने का आदेश दिया है। इस दौरान ऑनलाइन मोड के माध्यम से कक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया। सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इमरजेंसी मीटिंग में मौसम वैज्ञानिक भी थे। उन्होंने कहा कि मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 21 नवंबर के बाद हवा का प्रवाह होगा। उन्होंने कहा कि क्या यह अदालत कठोर उपायों को लागू करने से पहले 21 नवंबर तक प्रतीक्षा करने पर विचार नहीं करेगी।

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दिल्ली : पड़ोस के राज्य भी लागू करें प्रतिबंध
केंद्र की तरफ से हलफनामे में जो भी कहा गया है उसमें से 90 फीसदी चीजों को लागू किया जा रहा है। जस्टिस चंद्रचूड़ की तरफ से सीएनजी बसों की संख्या बढ़ाने के सवाल दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त बसे हैं। हम मेट्रो और बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ा सकते हैं। सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कृपया घर से काम करने का आदेश दें या आसपास के वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाएं। उन्होंने कहा कि केवल दिल्ली में इस तरह के प्रतिबंध का कोई मतलब नहीं है। सिंघवी ने कहा कि हम सफाई के लिए एमसीडी की मदद के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि एमसीडी बताए कि उन्हें कितनी मशीनों की जरूरत है। सरकार ने कहा कि वह मशीन खरीदने के लिए पैसे देने को तैयार है। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा निर्माण कार्यों पर रोक के आदेश के बाद दिन-रात निर्माण स्थलों पर गश्त के साथ सख्ती से नजर रखी जा रही है। एंटी स्मॉग गन लगाई गई है और धूल विरोधी अभियान भी चलाया जा रहा है।

हरियाणा : जो भी सुझाव होगा लागू करेंगे
हरियाणा ने कहा कि आयोग की तरफ से जो भी सुझाव दिया गया था उसे लागू किया गया। हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि आगे जो भी आदेश दिया गया उसका पालन किया जाएगा। पराली के मुद्दे पर कहा गया कि मुख्य सचिव और जिलाधिकारियों का जायजा लिया जा रहा है, ताकि इन 2 हफ्तों में पराली न जलाई जा सके।

पंजाब : हम एनसीआर के अंतर्गत नहीं
पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनका राज्य दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता है। हालांकि, पराली जलाने पर रोक के लिए उपाय किए हैं।



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