दिल्ली एयरपोर्ट पर लंबी लाइनों से जल्दी छुटकारा, T-3 पर डिजी यात्रा के लिए लगेगा एक और फ्लैप गेट
एयरपोर्ट सूत्रों ने बताया कि टी-3 के गेट नंबर-2 पर अभी तक डिजी यात्रा सिस्टम से लैस एक ही फ्लैप गेट लगा था। अब एक और फ्लैप गेट लगाया जा रहा है, ताकि पीक आवर्स में इसका इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को भी यहां कतारों में ना लगना पड़े। एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि डिजी यात्रा का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को इसका बड़ा फायदा मिल रहा है। टर्मिनल में प्रवेश करते वक्त उनके दस्तावेजों की जांच नहीं होती। टी-3 के अंदर जाने पर भी सीआईएसएफ द्वारा किए जाने वाले सर्चिंग-फ्रिस्किंग जोन में डिजी यात्रा वाले यात्रियों की अलग लाइन है, जो अक्सर खाली ही रहती है। ऐसे में डिजी यात्रा का इस्तेमाल करने वाले यात्री कतारों से बचते हुए बोर्डिंग गेट तक पहुंच जाते हैं।
इसमें उन्हें यहां एयरलाइंस काउंटर पर जाकर ही लाइन में लगना पड़ सकता है। इसमें भी अगर यात्री के पास चेक-इन लगेज है या फिर उसे यहां से ही बोर्डिंग पास भी लेना है, तो इन दोनों स्थितियों में ही यात्री को यहां लाइन में लगना पड़ सकता है। वरना, अगर यात्री के पास ना तो चेक-इन लगेज है और वह वेब चेकइन कर रहा है तो ऐसे यात्रियों को लाइन में लगने की कोई जरूरत नहीं है। एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल डिजी यात्रा का इस्तेमाल करने वाले अधिकतर वे यात्री हैं जो मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु या इसी तरह से देश के अन्य शहरों से लगभग हर दिन आना-जाना करते हैं। ऐसे फ्रीक्वेंट फ्लायर ही अधिकतर समय डिजी यात्रा का इस्तेमाल कर कतारों से बचते हुए फ्लाइट तक पहुंच रहे हैं।
टी-2 पर दो एक्सरे मशीनें भी बढ़ेंगी
इसके अलावा टी-3 पर पांच एक्स-रे मशीनें बढ़ाने के बाद अब टी-2 पर भी दो एक्स-रे मशीनें बढ़ाई जा रही हैं। उम्मीद है कि ये मशीनें बुधवार से काम करना शुरू कर दें। गौरतलब है कि इस मामले में एनबीटी ने हाल ही में यह बात प्रमुखता से उठाते हुए कहा था कि ऐसा ना हो कि टी-3 से जब कुछ फ्लाइटस टी-2 और टी-1 में शिफ्ट कर दी जाएं, तो कहीं फिर इन दोनों टर्मिनलों पर यात्रियों की कतारें लगनी ना शुरू हो जाएं। मामले में त्वरित कदम उठाते हुए अब टी-2 में दो एक्स-रे मशीनें और लगाई जा रही हैं। हालांकि, अब यहां यात्रियों को काफी हद तक कतारों से मुक्ति मिलनी शुरू हो गई है।