तेजी से बढ़ रही है राजधानी में रिटायरमेंट होम की संख्या | The number of retirement homes is increasing rapidly in the Bhopal | News 4 Social

4
तेजी से बढ़ रही है राजधानी में रिटायरमेंट होम की संख्या | The number of retirement homes is increasing rapidly in the Bhopal | News 4 Social

तेजी से बढ़ रही है राजधानी में रिटायरमेंट होम की संख्या | The number of retirement homes is increasing rapidly in the Bhopal | News 4 Social

भोपालPublished: Dec 02, 2023 12:29:53 am

दक्षिण भारत के बाद सेंट्रल इंडिया में भोपाल सीनियर सिटीजन के रहने योग्य स्थानों में तेजी से अपनी जगह बना रहा है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और स्वस्थ वातावरण वरिष्ठों को भा रहा है।

retirement_home_1.jpg

भोपाल. दक्षिण भारत के बाद सेंट्रल इंडिया में भोपाल सीनियर सिटीजन के रहने योग्य स्थानों में तेजी से अपनी जगह बना रहा है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और स्वस्थ वातावरण वरिष्ठों को भा रहा है। जिंदगी के महत्वपूर्ण दिन बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो सिटी में बिताने के बाद 60 साल के बाद की सुनहरा जीवन बिताने के लिए लोग यहां बस रहे हैं। ऐसे में बुर्जुगों की सुविधाओं से युक्त आवासीय परियोजनाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शहर में रातीबड़,नीलबड़, कलखेड़ा के अलावा चंदनपुरा, मेंडोरा-मेंडोरी से लेकर समसगढ़ जैसे प्राकृतिक इलाकों में वरिष्ठों के लिए अलग तरह के भवन डिजाइन हो रहे हैं। यही वजह है मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरू और दिल्ली जैसे शहरों के धनाढ्य बुजुर्ग यहां के शांत वातावरण में अपना रिहायश बुक कर रहे हैं।
बटन का जिंदगीनामा
सोने से दमकते बूढ़ों के लिए बन रहे मकानों में ऐसी सुविधाएं दी जा रही हैं कि बस बटन दबाओ और काम हो जाएगा। यहां बुजुर्गों की कुशलता के साथ उनकी जीवनशैली की आकांक्षाओं को पूरा करने का इंतजाम है। रियल एस्टेट डेवलपर रिटायरमेंट होम को बुजुर्गो की जीवनशैली के रूप में डेवलप कर रहे हैं। बुढ़ापे के अनुकूल बनाने के लिए इन मकानों में बुनियादी ढांचा सावधानी से डिजाइन किया गया है। यहां व्हीलचेयर की सहूलत, ऐंटी-स्किड टाइल, बिस्तर के पास और शौचालयों में दीवार पर पकडऩे के लिए सलाखें, आपातकालीन कॉल बटन और सेंसर आधारित प्रकाश व्यवस्था जैसी सुविधाएं हैं।
यह भी व्यवस्थाएं खास
इन मकानों में स्विचों की ऊंचाई, बाथरूम के दरवाजे के ताले और रोशनी का स्तर इस तरह से रखा गया है कि बुर्जगों को कोई दिक्कत न हो। सोसाइटी में रेजिडेंट डॉक्टर, चौबीसों घंटे नर्सिग, आपातकालीन प्रणाली, हाउसकीपिंग और एक फॅोन पर अटेंडेंट जैसी व्यवस्थाएं की गयी हैं। मकानों में कॉल बेल सिस्टम हैं जो सार्वजनिक स्पीकर प्रणाली से जुड़े हैं। गर्म पानी की बोतल मंगवाने या आपात स्थिति की इत्तला देने के लिए बुर्जुग इन्हें दबा सकते हैं। डॉक्टर के पास या बाजार जाने के लिए कैब की भी व्यवस्थाएं देने की पेशकश की जा रही है।
कई बड़ी रियल कंपनियां उतरी धंधे में
बुजुर्गों की भावनात्मक और सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए रिटायरमेंट होम के क्षेत्र में देश की कई बड़ी कंपनियां भी काम कर रही हैं। इनमें से कुछ को प्रोजेक्ट शुरू हो गए हैं। कुछ के प्रोजेक्ट भोपाल में जल्द शुरू होने वाले हैं।

मध्यप्रदेश की और खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News