तालिबान की तारीफ पर मौलाना सज्जाद पर बरसे मोहसिन रजा, ‘यह मुस्लिम नहीं, मुल्ला पर्सनल लॉ बोर्ड है’

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तालिबान की तारीफ पर मौलाना सज्जाद पर बरसे मोहसिन रजा, ‘यह मुस्लिम नहीं, मुल्ला पर्सनल लॉ बोर्ड है’

हाइलाइट्स

  • अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अब इसके समर्थन में खुलकर बयानबाजी
  • सपा सांसद और AIMPLB के प्रवक्ता के तालिबान की सराहना पर बीजेपी का पलटवार
  • यूपी के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं, मुल्ला पर्सनल लॉ बोर्ड है

लखनऊ
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अब इसके समर्थन में खुलकर बयानबाजी हो रही है। सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क और AIMPLB के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी की ओर से तालिबान की सराहना पर बीजेपी ने पलटवार किया है। योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं इसका नाम मुल्ला पर्सनल लॉ बोर्ड है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की विचारधारा अब सामने आ रही हैं क्योंकि इन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।

AIMPLB के प्रवक्ता और सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के बयान पर बीजेपी नेता ने कहा, ‘मैंने पहले भी कहा था कि ये मुल्ला पर्सनल लॉ बोर्ड है ये मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं है। इन मुल्लाओं का का विचार क्या हो सकता है, ये नौजवानों को आईएसआईएस की तरफ ले जाना चाहते हैं। ये युवाओं को आतंक की आग में झोंकना चाहते हैं। जिस तरह ये तालिबान से इंप्रेस होकर तालिबान को अपना आदर्श मान रहे हैं इनसे बहुत खतरा है देश को।’

मोहसिन रजा ने आगे कहा, ‘अभी तक ये लोग दबे हुए थे, अब इनकी विचारधारा सामने आ रही है क्योंकि इन्हें राजनीतिक दलों का संरक्षण प्राप्त है। सपा मुखिया को सामने आकर अपनी बात साफ करना चाहिए कि ऐसे आतंकी विचारधार के लोग आपके पास क्यों हैं और आपका संरक्षण क्यों है। यही सब संरक्षण देते हैं ऐसी संस्थाओं को।’

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी ने तालिबान के समर्थन में बयान दिया है। मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा, ‘एक बार फिर यह तारीख रकम हुई है। एक निहत्थी कौम ने सबसे मजबूत फौजों को शिकस्त दी है। काबुल के महल में वे दाखिल हुए। उनके दाखिले का अंदाज पूरी दुनिया ने देखा। उनमें कोई गुरूर और घमंड नहीं था। बड़े बोल नहीं थे। वे नौजवान काबुल की सरजमीं को चूम रहे हैं। मुबारक हो। आपको दूर बैठा हुआ यह हिंदी मुसलमान सलाम करता है। आपके हौसले को सलाम करता है। आपके जज्बे को सलाम करता है।’

इससे पहले सपा सांसद शफीकुर्रहमान ने अफगानिस्तान में तालिबान पर कब्जे की तुलना भारत में ब्रिटिश राज से करते हुए बयान दिया था। उन्होंने कहा था, ‘हिंदुस्तान में जब अंग्रेजों का शासन था और उन्हें हटाने के लिए हमने संघर्ष किया, ठीक उसी तरह तालिबान ने भी अपने देश को आजाद किया।’ उन्होंने तालिबान की तारीफ करते हुए कहा था, ‘इस संगठन ने रूस, अमेरिका जैसे ताकतवर मुल्कों को अपने देश में ठहरने नहीं दिया।’

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