टॉवर के नाम पर लाखों का लालच

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टॉवर के नाम पर लाखों का लालच

फर्जीवाड़ा: कई लोगों को मिले मैसेज, डिजिटल टॉवर पर 90 लाख एडवांस
अनदेखी के चलते ठगों का शिकार हो सकते हैं लोग, चल रहा विवादजिम्मेदार कर रहे मामलों में अनदेखी
विवाद के मामलों में रोक के लिए निर्देश

भोपाल. शहर में मोबाइल टॉवर और रेडिशन को लेकर जहां टकराव की स्थिति है तो वहीं डिजिटल टॉवर लगवाने के नाम से लाखों रुपए के ऑफर भी मिल रहे हैं। मोबाइल पर इसके मैसेज कई लोगों को मिले। इसमें बताया गया कि गर्वमेंट अप्रूव्ड कंपनी के जरिए खाली जमीन और छत पर टॉवर लगवाएं।
नब्बे लाख रुपए एडवांस में देने की बात भी की गई।
नगर निगम के जरिए अवैध टॉवर पर कार्रवाई न होने से शहर में कई जगह रहवासी विरोध जता रहे हैं। अवैध टॉवर्स के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं हो रही है। कई जगह टॉवर्स के ढांचे खडे हुए हैं उन्हें भी नहीं हटाया जा रहा। इससे आसपास के रहवासी भयभीत रहते हैं। राजधानी में बीते दो साल में 15 से अधिक जगह पर मोबाइल टॉवर का विरोध हुआ। कोलार से लेकर ऐशबाग, गोविंदपुरा, अयोध्या बायपास, अवधपुरी व अन्य जगहों पर टॉवर के विरोध में रहवासी हाईकोर्ट पहुंचे। प्रशासन की अनदेखी के कारण अब फर्जीवाड़े हो रहे हैं।

रसूख केे दम पर अनुमति
अवैध टावर व्यावसायिक और आवासीय दोनों क्षेत्रों में लगे हैं। ज्यादातर रसूखदारों के मकानों पर हैं। इन पर हाथ डालने से निगम अमला भी हिम्मत नहीं कर पाता। निगम के सर्वे के अनुसार अवैध टावरों का जाल एमपी नगर जोन-1, ई-8 शिवकुंज कॉलोनी और विद्या नगर, न्यू मार्केट, एमपी नगर जोन 2, अरेरा कॉलोनी, करोंद, इंद्रपुरी, गुलमोहर, चित्रगुप्त नगर, खुशीलाल आयुर्वेदिक कॉलेज, वैशाली नगर, गणेश मंदिर हबीबगंज क्रॉसिंग, टीटी नगर, शक्ति नगर मंदिर, लांबाखेड़ा रोड आदि क्षेत्र में है।

कोर्ट के निर्देश की अनदेखी के बीच हाल
मार्च 2021 से अप्रैल 2021 के बीच कोर्ट ने काम रोकने के लिए निर्देश दिए थे साथ ही निगम को मौजूदा टॉवर के ढांचे को हटाने के लिए कहा गया था, लेकिन बीते तीन माह में कुछ नहीं किया गया। ढांचे रहवासियों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। पटेल नगर में तो रहवासियों को डर है कि कि किसी रात कंपनी की टीम आकर टॉवर स्थापित न कर दे। शहर में 2019 से मोबाइल टॉवर की स्थापना और इन्हें नियमित करने का जिम्मा जिला प्रशासन के सुपुर्द कर दिया गया। शिकायतों का समाधान नहीं हुआ।

सभी पक्षों को सुनने के बाद ही निर्णय
मोबाइल टावर की स्थापना में रहवासियों के विरोध का भी ध्यान रखा जाता है। नियमित करने के लिए शासन ने नियम जारी किए हैं, उसके अनुसार भी कार्रवाई की जा रही है। विवाद होने पर सभी पक्षों को सुनने के बाद ही निर्णय लिया जाता है।
कविंद्र कियावत, प्रशासक नगर निगम





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