टीम गुल्लक ने की 101 किमी की पदयात्रा

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टीम गुल्लक ने की 101 किमी की पदयात्रा

टीम गुल्लक ने की 101 किमी की पदयात्रा

सीहोर जिले के आष्टा से चार बच्चे 101 किलोमीटर पैदल चलकर भोपाल पहुंचे। कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए उन्होंने 21 मई को अपनी पदयात्रा शुरू की थी। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से प्रेरित होर उन्होंने इसकी शुरुआत की थी। टीम गुल्लक के नाम से मशहूर इन चारों ने बुधवार को कमलनाथ से उनके घर पर मुलाकात की और अपनी गुल्लक भेंट की।

 

हाइलाइट्स

  • 101 किमी की पदयात्रा कर आष्टा से भोपाल पहुंची टीम गुल्लक
  • टीम के चार सदस्यों ने कमलनाथ से मिलकर भेंट की गुल्लक
  • भारत जोड़ो यात्रा से प्रेरित होर शुरू की पदयात्रा
भोपालः मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियां, बीजेपी और कांग्रेस, चुनाव की तैयारियों में लगे हैं। दोनों को ये अंदाजा है कि इस बार मुकाबला बेहद कड़ा होने वाला है। दोनों के समर्थक भी अपनी पार्टी के समर्थन में खुलकर मैदान में आ चुके हैं। बुधवार को सीहोर जिले के आष्टा से चार बच्चे पैदल चलकर भोपाल पहुंचे। 101 किलोमीटर की पदयात्रा कर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से उनके घर पर मिले और अपनी गुल्लक उन्हें भेंट की।

भीषण गर्मी में पैदल चलकर भोपाल आए ये चारों बच्चे आपस में भाई-बहन हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से प्रेरित होकर उन्होंने पदयात्रा करने का फैसला किया। उनका मकसद कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाना है। इनमें सबसे बड़ा राजकुमार परमार 16 साल और जिया परमार 15 साल की है। दोनों ग्यारहवीं में पढ़ते हैं। 13 साल का जतिन दसवीं और नौ साल का यशराज छठी कक्षा का छात्र है।

भारत जोड़ो यात्रा में भी हुए शामिल

ये चारों बच्चे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुए थे। उन्होंने पांच राज्यों में 42 दिनों तक पदयात्रा की थी। उन्होंने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने लोगों की परेशानियों को देखा। तभी उन्होंने फैसला किया कि वे अपने दम पर पदयात्रा करेंगे।

राहुल से मिलकर नाम मिला टीम गुल्लक

भारत जोड़ो यात्रा बुरहानपुर से होकर एमपी पहुंची थी। ये चारों वहीं से उसके साथ हो गए थे। यात्रा के दूसरे दिन उनकी मुलाकात राहुल गांधी से हुई थी। उन्होंने राहुल को भी अपनी गुल्ल भेंट की थी। तब से वे टीम गुल्लक के नाम से मशहूर हो गए।

टीम गुल्लक की पदयात्रा (2)

21 मई को आष्टा से चले

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के दिन 21 मई को उन्होंने आष्टा से अपनी पदयात्रा शुरू की। चार दिन में उन्होंने 101 किलोमीटर की दूरी तय की। वे सुबह छह बजे से शुरुआत कर 11 बजे तक चलते थे। फिर दोपहर के विश्राम के बाद चार बजे फिर चलना शुरू करते थे। शाम आठ बजे वे रात के विश्राम के लिए रुकते थे। इस दौरान वे स्थानीय लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी लेते थे।

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