टाटा ग्रुप का अंतरिक्ष में भी लहराया परचम, सरकार के साथ मिल कर किया यह काम

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टाटा ग्रुप का अंतरिक्ष में भी लहराया परचम, सरकार के साथ मिल कर किया यह काम

टाटा ग्रुप का अंतरिक्ष में भी लहराया परचम, सरकार के साथ मिल कर किया यह काम

नई दिल्ली: नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा ग्रुप (Tata Group) की अब स्पेस यानी अंतरिक्ष में भी मजबूत हिस्सेदारी हो गई है। ग्रुप की कंपनी टाटा प्ले (पूर्व में टाटा स्काई नाम से प्रचलित) ने अब अंतरिक्ष में स्थापित उपग्रह के क्षेत्र में भी उपस्थिति मजबूत कर ली है। दरअसल कंपनी ने भारत सरकार के मेक इन इंडिया लक्ष्य के अनुरूप जून 2022 में डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस की एजेंसी एनएसआईएल (Newspace India Limited) के साथ गठबंधन कर जीसैट-24 उपग्रह का प्रक्षेपण किया था। टाटा प्ले अपने कक्ष में स्थापित हो चुके इस उपग्रह का उपयोग आज से शुरू करने की घोषणा की।

क्या लाभ होगा इसका?

टाटा प्ले (Tata Play) ने आज नई दिल्ली के छतरपुर स्थित टाटा प्ले के प्रसारण केंद्र पर इसकी घोषणा की। इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा, इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ और भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग की एजेंसी न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के सीएमडी राधाकृष्णन दुरईराज भी उपस्थित थे। इस अवसर पर बताया गया टाटा प्ले की अब बैंडविड्थ क्षमता काफी बढ़ गई है। इस बढ़ी हुई बैंडविड्थ से कंपनी अपने यूजर्स को और भी बेहतर पिक्चर और साउंड प्रदान कर पाएगी। साथ ही टाटा प्ले अब सभी डीटीएच प्लेटफार्मों के बीच सबसे बड़ा उपग्रह बैंडविड्थ प्रदाता बनने के साथ 50% ज़्यादा चैनल प्रसारित कर पाएगा।

आत्मनिर्भर भारत की ओर मजबूत कदम

इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि जीसैट-24 सफलतापूर्वक शुरू होने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस और टाटा प्ले को बधाई। इस आयोजन ने अंतरिक्ष और संचार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम बढ़ाया है। इसरो के चेयरमैन, एस. सोमनाथ ने कहा, जीसैट-24 एक 4-टन वर्ग का संचार उपग्रह है, जो डीटीएच सेवाएं प्रदान करने के लिए बनाया गया है। इसने कक्षा में विस्तृत परीक्षण के बाद अपनी अधिकतम उपग्रह क्षमता के साथ काम करना शुरू कर दिया है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत के दूरसंचार क्षेत्र में अत्याधुनिक स्वदेशी प्रौद्योगिकी द्वारा लायी गई एक क्रांति का प्रतीक है। यह हमारे देश के एयरोस्पेस के कौशल को हमारा आभार है और मांग पर आधारित मिशन के क्षेत्र में भारत के सफल प्रवेश की शुरुआत करता है।”

पहला मांग आधारित संचार उपग्रह मिशन
एनएसआईएल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, राधाकृष्णन दुरईराज ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के बाद जीसैट-24 एनएसआईएल द्वारा शुरू किया गया पहला मांग आधारित संचार उपग्रह मिशन है। जीसैट-24 उपग्रह भारत में उपग्रह टेलीविजन के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए तैयार है। मेक इन इंडिया पहल की सफलता प्रमाणित करते हुए यह उपग्रह अत्याधुनिक डिजिटल टीवी प्रसारण क्षमताओं द्वारा घरेलू प्रसारण सेवाओं में मदद करेगा। एनएसआईएल, इसरो और टाटा प्ले की टीमों को बधाई, जिन्होंने इस परियोजना को सफल बनाने में सहयोग दिया। इस दौरान टाटा प्ले के एमडी एवं सीईओ, हरित नागपाल ने कहा, टाटा प्ले द्वारा देखने के अनुभव को सबसे ज़्यादा महत्व दिया जाता है।

क्या है जीसैट-24
जीसैट-24 एक 24-केयू बैंड संचार उपग्रह है। इसे भारत सरकार द्वारा केवल टाटा प्ले की डीटीएच सेवाओं के लिए प्रक्षेपित किया गया है। मार्च 2019 में निगमित, एनएसआईएल, अंतरिक्ष विभाग के अन्तर्गत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम (सीपीएसई) और अंतरिक्ष विभाग की वाणिज्यिक शाखा है। जीसैट-24 उपग्रह की संपूर्ण क्षमता को इसके प्रतिबद्ध ग्राहक टाटा प्ले को पट्टे पर दिया गया है।

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