झारखंड की IAS पूजा सिंघल..बिहार की प्रेम स्वरूप, एशो-आराम की जिंदगी, फिर भी करोड़ों का घपला

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झारखंड की IAS पूजा सिंघल..बिहार की प्रेम स्वरूप, एशो-आराम की जिंदगी, फिर भी करोड़ों का घपला

अमित कुमार, सासाराम : झारखंड में IAS अधिकारी पूजा सिंघल (IAS Pooja Singhal) करप्शन के आरोप में जेल में हैं। बिहार-झारखंड सहित कई राज्यों में पड़ताल चल रही है। अब बिहार में भी एक मामला सामने आया है, जिसमें महिला अधिकारी पर दो करोड़ रुपए की गलत भुगतान के आरोप लगे हैं। प्रेम स्वरूप (Prem Swaroop) पर आरोप है कि उन्होंने बिक्रमगंज की कार्यपालक पदाधिकारी (Bikramganj Executive Officer) रहते हुए ई-रिक्शा (E-Rickshaw) खरीद और मेटालिक साइन बोर्ड (Metallic Sign Board) लगाने में गड़बड़ी कीं हैं। उन पर केस दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

बिक्रमगंज की EO प्रेम स्वरूप पर आरोप क्या है?
दरअसल, रोहतास जिले के बिक्रमगंज नगर परिषद में ई-रिक्शा और सड़क पर लगाए गए मेटालिक साइन बोर्ड में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। एक करोड़ 90 लाख से अधिक के राशि भुगतान में घपलेबाजी का आरोप है। जिसके बाद जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बिक्रमगंज की तात्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूप सहित अन्य कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

अफसर के खिलाफ किसने की थी शिकायत?
बिक्रमगंज के एक वार्ड पार्षद ललन प्रसाद और एक पत्रकार ने भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। जिसके बाद डीएम धर्मेंद्र कुमार ने बिक्रमगंज के अनुमंडल अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया था। टीम ने जांच के बाद पाया कि सड़क पर लगाए गए मेंटालिक साइन बोर्ड के 1 करोड़ 11 लाख और ई-रिक्शा के खरीद के लिए 80 लाख रुपए से अधिक की राशि का गलत भुगतान किया गया। सामान का क्वालिटी और खरीद के स्टैंडर्ड का पालन नहीं किया गया।

‘जांच के दौरान वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है। ऐसे में जांच के दौरान दोषी पाईं गईं। बिक्रमगंज की नगर परिषद की तात्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूप और अन्य कर्मियों पर वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा FIR कर सूचित करने का निर्देश दिया गया है। बिक्रमगंज में साईन बोर्ड और ई-रिक्शा में वित्तीय घोटाले की लिखित शिकायत की गई थी।

धर्मेंद्र कुमार, जिलाधिकारी, सासाराम

आरोपों की जांच में टीम ने क्या पाया?
रोहतास के डीएम धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जांच टीम के रिपोर्ट के बाद संबंधित कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूप को शोकॉज किया गया। जिसके जवाब से जांच टीम संतुष्ट नहीं हुई। इसके बाद कार्यपालक पदाधिकारी पर एफआईआर के निर्देश दिए गए। डीएम ने ये भी बताया कि जांच के दौरान वित्तीय अनियमितता उजागर हुई। ऐसे में जांच के दौरान दोषी पाई गईं बिक्रमगंज नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूप और अन्य कर्मचारियों पर एफआईआईर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

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