जेल में ‘छटपटा’ रहा गैंगस्टर नीरज बवानिया, रिहाई के लिए अपना सकता है ये पैंतरा

32
जेल में ‘छटपटा’ रहा गैंगस्टर नीरज बवानिया, रिहाई के लिए अपना सकता है ये पैंतरा

जेल में ‘छटपटा’ रहा गैंगस्टर नीरज बवानिया, रिहाई के लिए अपना सकता है ये पैंतरा

नई दिल्ली। गैंगस्टर नीरज सहरावत उर्फ नीरज बवानिया (Neeraj Bawana) के जेल से बाहर आने की संभावना बढ़ गई है। आठ साल से जेल में बंद बवानिया काफी समय से बाहर आने के लिए छटपटा रहा था। वो मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट 1999) के केस (MCOCA Relief) में बुधवार को बरी हो गया है। फिलहाल उस पर सबसे बड़ा मुकदमा जेल वैन में हुआ डबल मर्डर है, जिसमें अभी गवाही चल रही हैं। सूत्रों ने बताया कि बवानिया अब जमानत की कोशिश करेगा, अगर बेल नहीं मिली तो परोल मांगेगा।

बवानिया पर लगे हैं ये केस
बवानिया मर्डर और जबरन वसूली समेत दो दर्जन से ज्यादा केसों में आरोपी रहा है। हाई कोर्ट में पत्नी की सर्जरी के लिए परोल जमानत मांग करते हुए जुलाई 2020 में अदालत को बताया गया था कि 24 केस दर्ज हुए। वो 13 (अब 14) में बरी हो गया। छह केसों में जमानत मिली है, जबकि दो में सजा पूरी कर चुका है। नीरज पर अब बहुचर्चित 25 अगस्त 2025 का जेल वैन में हुआ डबल मर्डर है। इस केस में नवीन बाली, उसका भाई राहुल काला, सन्नी उर्फ राकेश, सुनील मान, नवीन भांजा उर्फ विक्की और दिनेश थापा भी मुकदमेवार हैं।

Ghosi Bypolls से पहले चर्चा में मुख्तार, रामगोपाल ने फ्रीडम फाइटर परिवार का किया जिक्र… कितना सच, कितना फसाना
पुलिस का है ये दावा
यूपी के बागपत से कुख्यात गैंगस्टर अमित मलिक उर्फ भूरा को उत्तराखंड पुलिस की कस्टडी से 15 दिसंबर 2014 को छुड़वाया गया था। पुलिस का दावा है कि नीरज और उसके गैंग ने इसे यूपी के गैंगस्टर सुनील राठी के इशारे पर किया था। पुलिस से एके-47 और एसएलआर लूटे गए। स्पेशल सेल ने 23 फरवरी 2015 को नीरज, उसके भाई पंकज सहरावत, नवीन बाली, राहुल काला, पूर्व विधायक रामबीर शौकीन समेत दस पर मकोका लगाया था। सुनील राठी, अमित भूरा, नवीन भांजा, दीपक डबास और गुरप्रीत सिंह को कोर्ट ने पहले ही डिस्चार्ज कर दिया था।

6 सितंबर को होगी सुनवाई
स्पेशल सेल 7 अप्रैल 2015 को नीरज को अरेस्ट किया था। इससे एके-47 और एसएलआर रिकवर किए थे। कोर्ट ने सितंबर 2016 में आर्म्स एक्ट के तहत सात साल की सजा सुनाई, जो पूरी हो चुकी है। पुलिस को आस है कि जेल वैन में नीतू दाबोदिया गैंग से पारस उर्फ गोल्डी उर्फ विक्रम और प्रदीप उर्फ भोला की हत्या में नीरज को सजा होगी। चश्मदीद गवाह पुलिसकर्मी हैं, जिन्हें मुकरने की गुंजाइश ना के बराबर है। अभी गवाही चल रही हैं, जिसकी 25 अगस्त को डेट थी और अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी। नीरज अब जमानत या परोल लेने की कोशिश करेगा।

यूएपीए से आरोप मुक्त
पुलिस सूत्रों ने बताया कि बवानिया सिंडिकेट का हिस्सा रहे इरफान और छेनू पहलवान नवंबर 2022 में मकोका से बरी हो गया था। ये फरवरी 2023 में जमानत पर आ गया। नैशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने इसे मई में यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत अरेस्ट कर लिया। नीरज बवानिया पर भी यूएपीए का केस दर्ज हुआ था, लेकिन कोर्ट ने आरोप मुक्त (डिस्चार्ज) कर दिया है। इसलिए अब सारा दारोमदार जेल वैन में हुए डबल मर्डर वाले केस पर है।

सुप्रीम कोर्ट ने जमानत कैंसल करते हुए गैंगरेप के आरोपियों को समझाया महिला का सम्मान महत्वपूर्ण है

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News