जेईई मेन : पंजीयन नंबर का मिलान नहीं होने पर सैकड़ों छात्रों का रिजल्ट रुका

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जेईई मेन : पंजीयन नंबर का मिलान नहीं होने पर सैकड़ों छात्रों का रिजल्ट रुका

जेईई मेन : पंजीयन नंबर का मिलान नहीं होने पर सैकड़ों छात्रों का रिजल्ट रुका


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जेईई मेन के दूसरे चरण के सैकड़ों छात्र-छत्राओं का रिजल्ट एनटीए ने जारी नहीं की है। रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है। इसकी वजह से छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। परीक्षा देने के बावजूद इन छात्रों के सत्र-2 के परिणाम जारी नहीं हुए हैं। इसकी वजह पंजीयन नंबर का मिलान (डुप्लीकेट एप्लीकेशन नंबर) नहीं होना बताया गया है।
परिणाम जारी होने के साथ ही कई मामले ऐसे सामने आ गये जिसमें विद्यार्थियों के अप्रैल सेशन के परिणाम जारी नहीं किये गये थे और ऑल इंडिया रैंक जनवरी सेशन के परिणाम के आधार पर ही जारी की गई है। साथ ही इन विद्यार्थियों के अप्रैल सेशन के परिणामों में एन-ए (नॉट अवेलेबल) लिखा हुआ आ रहा है। इसके साथ ही एनटीए स्कोर वाले कॉलम में जनवरी के एप्लीकेशन नंबर के साथ डुप्लीकेट शब्द लिखा हुआ दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि ये ऐसे विद्यार्थी हैं जिन्होंने जनवरी व अप्रैल सत्र दोनों की परीक्षा अलग-अलग पंजीयन नंबर के आधार पर दी। एनटीए द्वारा इन विद्यार्थियों के अलग-अलग एप्लीकेशन नंबर पर यूनिक मानते हुए उनकी एक ही ऑल इंडिया रैंक व कैटेगरी रैंक जारी की गई है। अब इन विद्यार्थियों के सामने बड़ी चुनौती आ गयी है कि अप्रैल सत्र की परीक्षा देने के बाद भी इनके जनवरी सत्र पर मिली ऑल इंडिया रैंक एवं कैटैगरी रैंक के आधार पर ही काउंसिलिंग करनी होगी, जबकि हो सकता है कि इनकी अप्रैल की परीक्षा जनवरी के मुकाबले बेहतर हुई हो, जिससे इन्हें एनटीए स्कोर बेहतर होने की संभावना हो।

एक्सपर्ट ने कहा रिजल्ट रोकने की बात पहले नहीं कहा गया था

एक्सपर्ट ने बताया कि आवेदन प्रक्रिया के दौरान इस तरह की कोई सूचना विद्यार्थियों के लिए जारी नहीं की गयी थी कि अलग-अलग आवेदन क्रमांक पर अलग-अलग सत्र में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का परिणाम रोक लिया जाएगा। यदि ऐसा होता तो आवेदन के दौरान ही उनके व्यक्तिगत विवरण को मिलाते हुए अप्रैल परीक्षा का आवेदन नये आवेदन क्रमांक से रोक लिया जाता। परंतु अब एनटीए ने विद्यार्थियों के डाटा को मिलान कर अप्रैल परीक्षा के नये आवेदन को डुप्लीकेट मानकर परिणाम रोक दिया है। इन विद्यार्थियों के सामने भविष्य में यह एक चुनौती आ गयी है कि ना तो इनकी अप्रैल आवेदन पर नई ऑल इंडिया रैंक जारी नहीं की जा सकती है और आगे बदलाव भी नहीं किया जा सकता।

काफी संख्या में छात्रों ने अलग पंजीयन कर दी अप्रैल सत्र की परीक्षा

अप्रैल सेशन के लिए 10 लाख 67 हजार 959 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी, जिनमें 8 लाख 22 हजार 899 विद्यार्थियों ने अप्रैल के साथ-साथ जनवरी की परीक्षा भी दी। इसके अतिरिक्त 2 लाख 45 हजार 60 विद्यार्थी ऐसे रहे जिन्होंने अप्रैल परीक्षा के लिए आवेदन कर परीक्षा दी। 2 लाख 45 हजार विद्यार्थियों में से सैकड़ों विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्होंने जनवरी और अप्रैल परीक्षा अलग-अलग पंजीयन नंबर से परीक्षा दी। इन्हीं विद्यार्थियों के डाटा को मैच करने के बाद डुप्लीकेट एप्लीकेशन मानते हुए रिजल्ट जारी नहीं किये गये हैं।

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