जिसके 50 विधायक नहीं वो बीजेपी को 50 सीटों पर कैसे समेटेगा, कुछ ज्यादा तो नहीं बोल गए नीतीश?

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जिसके 50 विधायक नहीं वो बीजेपी को 50 सीटों पर कैसे समेटेगा, कुछ ज्यादा तो नहीं बोल गए नीतीश?

जिसके 50 विधायक नहीं वो बीजेपी को 50 सीटों पर कैसे समेटेगा, कुछ ज्यादा तो नहीं बोल गए नीतीश?

पटना : राजनीति में बड़ी-बड़ी बातें और बड़े-बड़े सपनों की अहमियत होती है क्योंकि इसे साबित करने के लिए सिर्फ और सिर्फ जुबान चाहिए। जिसका एक ही मकसद होता है चुनाव जीतना। अगली बार कुछ नया शिगूफा छोड़ दिया जाता है। आमलोग अपनी परेशानियों से पहले की तरह जूझते रहते हैं। मगर सियासत में दावे कभी छोटे-मोटे नहीं किए जाते। जब लक्ष्य बड़ा हो तो बड़ी-बड़ी बातें मुनासिब है। इसकी बानगी दिखी पटना में। नीतीश कुमार ने कहा कि ‘अगर सभी विपक्षी दल एक साथ लड़ेंगे तो 2024 के चुनावों में बीजेपी 50 सीटों पर आ जाएगी’। वैसे 17 साल से बिहार की सत्ता पर काबिज नीतीश कुमार की अपनी पार्टी जेडीयू के 50 विधायक भी नहीं हैं। सभी विपक्षी दल एक साथ एक मंच पर कैसे आएंगे? ये अपने आप में सवाल है।

‘2024 में 50 सीटों पर आ जाएगी बीजेपी’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह आर-पार के मूड में हैं। मगर सिर्फ मूड से मुकाबला नहीं किया जा सकता। इसके लिए संसाधन की जरूरत पड़ेगी, जो नरेंद्र मोदी के मुकाबले उनके पास (नीतीश कुमार) न के बराबर है। वैसे नीतीश ने कम से कम बीजेपी के खिलाफ खुलेआम मोर्चा तो खोल ही दिया है। उनके बयानों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी तैयारी किस राह पर जा रही है? उनके प्लान में सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाना है। बीजेपी को 50 सीटों पर समेटने की योजना बनाना है। पटना में नीतीश कुमार ने कहा है कि ‘अगर सभी विपक्षी दल एक साथ लड़ेंगे तो 2024 के चुनावों में बीजेपी 50 सीटों पर आ जाएगी।’ नीतीश कुमार ने तो यहां तक कहा कि वो इसके लिए काम कर रहे हैं।

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नीतीश कुमार का ‘प्लान 2024’ डिकोड
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों से बताया कि जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की संबोधन में नीतीश कुमार ने बीजेपी को 50 सीटों पर समेटने के अपने प्लान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को उन लोगों के लिए अपने मतभेदों को दफनाने की जरूरत है जो ‘विकल्प’ की तलाश में हैं। उन्होंने दावा किया कि उनका एकमात्र लक्ष्य विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए काम करना है। विपक्ष के एकजुट होने पर 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 50 सीटों पर आ जाएगी। इस मीटिंग में देश भर के विपक्षी दलों में एकजुटता स्थापित करने के लिए नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया। दरअसल, नीतीश कुमार का आक्रामक रवैया तब सामने आया, जब मणिपुर में बीजेपी ने जेडीयू के 6 में से 5 विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा दी। 2020 में भी अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के 7 में से 6 विधायक बीजेपी के साथ चले गए थे।

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पांच सितंबर को नीतीश का दिल्ली कूच

नीतीश कुमार के 5 सितंबर को दिल्ली आएंगे। 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी से मुकाबले के लिए कांग्रेस के राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं से मिलने की उम्मीद है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और लेफ्ट पार्टियों के नेताओं सहित दूसरे से भी मिलने का कार्यक्रम है। इससे पहले पटना में बड़े-बड़े पोस्टरों में लिखा दिखा कि ‘प्रदेश में दिखा, देश में दिखेगा’, ‘जुमला नहीं, हकीकत’, ‘मन की नहीं, काम की’, आश्वासन नहीं सुशासन’। 2024 के चुनाव में विपक्ष का चेहरा कौन होगा, इसे लेकर बहस चल ही रही है कि नीतीश ने दावेदारी ठोक दी है।
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जेडीयू कार्यकारिणी के प्रस्ताव में क्या कहा गया?
वैसे, जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसमें आरोप लगाया गया कि बीजेपी सरकार के तहत देश में एक ‘अघोषित आपातकाल’ है, जो जांच एजेंसियों का ‘दुरुपयोग’ करके विपक्षी आवाजों को ‘चुप’ करने की कोशिश कर रही है। प्रस्ताव में कहा गया है कि देश बीजेपी के विकल्प की तलाश कर रहा है। सभी विपक्षी दलों से अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होने को कहा गया। साथ ही बीजेपी पर देश में ‘सांप्रदायिक उन्माद’ भड़काने का भी आरोप लगाया गया। अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। समाज में असहिष्णुता और उग्रवाद बढ़ा है। दलितों और आदिवासियों को परेशान किया जा रहा है। ये सबकुछ जेडीयू के पारित प्रस्ताव में है।

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