जिनसे उद्धव और फडणवीस नहीं निपट सके उन्हें कैसे हल करेंगे शिंदे, नए सीएम के सामने कई चुनौतियां h3>
मुंबई:मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व में गठित नई शिवसेना-बीजेपी सरकार (Shinsena- BJP Government) के सामने कई चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं। इनमें मराठा आरक्षण, धनगर आरक्षण, किसानों की कर्ज माफी, कानून व्यस्व्था और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना प्रमुख हैं। बीजेपी ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व में गठित सरकार में मुखिया को ही सबसे कमजोर कहा था। साथ ही निर्णय न लेने वाली सरकार कहा था। अब एकनाथ शिंदे सरकार के सामने दोहरी चुनौती है। इसमें चुनौतियों के साथ उनकी प्राथमिकता क्या होगी यह भी शामिल है। आइये जानते हैं कि नए मुख्यमंत्री के सामने कौन- कौन सी चुनौतियां हैं।
मराठा आरक्षण
मराठा आरक्षण का मुद्दा देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में गठित सरकार के समय से ही चुनौती बना हुआ है। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि उद्धव ठाकरे सरकार ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष नहीं रखा। इसके कारण आरक्षण का मुद्दा अब भी लटका हुआ है। अब एकनाथ शिंदे सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती मराठा आरक्षण है। क्योंकि एनसीपी इस मुद्दे पर नई सरकार को चैन से नहीं बैठने देगी। एनसीपी प्रमुख शरद पवार मराठा राजनीति के भीष्म पितामह माने जाते हैं।
धनगर आरक्षण
मराठा आरक्षण के साथ धनगर आरक्षण का मुद्दा भी नई सरकार के सामने चुनौती है। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने वादा किया था कि उनकी सरकार बनी तो पहली कैबिनेट में धनगर आरक्षण पास किया जाएगा। हालांकि देवेंद्र फडणवीस सरकार का कार्यकाल खत्म हो गया था, लेकिन धनगर आरक्षण नहीं मिला। नई सरकार धनगर आरक्षण का हल कैसे निकालती है, यह देखनेवाली बात होगी।
ओबीसी आरक्षण
ओबीसी आरक्षण का मुद्दा इन दिनों काफी गरम है। मुंबई सहित 14 महानगर पालिकाओं के चुनाव में ओबीसी आरक्षण हरहाल में लागू होना चाहिए, यह बीजेपी की मांग रही है। उद्धव ठाकरे सरकार की दलीलों को सुप्रीम कोर्ट नकार चुका है। हालांकि अभी सुनवाई जारी है, लेकिन सरकार द्वारा पेश दस्तावेज में ओबीसी समाज की संख्या को सरनेम के आधार पर आंका गया है, उसका भी टिकना मुश्किल लग रहा है। नई सरकार इस ओबीसी समाज को मनपा चुनावों में कैसे आरक्षण दिलाने का प्रयास करती है, यह देखने वाली बात होगी।
किसानों का मुद्दा
महाराष्ट्र में किसानों का मुद्दा हर सरकार के सामने रहता है। किसानों की आत्महत्या, उनकी आर्थिक स्थिति और कर्ज माफी नई सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विदर्भ और मराठवाडा में किसानों की स्थिति काफी खराब है। बेमौसम बरसात और सूखे की वजह से किसान समय पर बुआई नहीं कर पाते हैं। साहूकारों के कर्ज से दबे किसान आत्महत्या कर लेते हैं। सरकार के आदेश के बावजूद बैंक समय पर लोन नहीं देते।
कानून व्यवस्था की चुनौती
कानून व्यवस्था हर सरकार के सामने बड़ी चुनौती रहती है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गठित सरकार के सामने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने का चैलेंज है। क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में गठित पूर्व सरकार के समय सरकार और पुलिस विभाग के बीच कभी समन्वय नहीं देखने को मिला। पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह विवाद काफी चर्चा में रहा। पुलिस विभाग और सरकार के बीच समन्वय बनाने की नई सरकार के सामने जिम्मेदारी होगी।
युवाओं को रोजगार
विपक्ष में रहते हुए बीजेपी कहती थी कि महा विकास आघाडी सरकार युवाओं को रोजगार देने में नाकाम रही है। राज्य में यदि बीजेपी की सरकार होती तो केंद्र के साथ मिलकर डबल इंजन की सरकार रोजगार के नए अवसर देती। अब राज्य में बीजेपी की सरकार बन गई है। राज्य में विदेशी निवेश और युवाओं को रोजगार कैसे उपलब्ध हो इस पर नई सरकार को विशेष ध्यान होगा।
रुके प्रोजेक्ट पर फोकस करना होगा
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया कि रुके हुए प्रोजेक्ट्स को पूरा करने पर ध्यान दिया जाएगा। इसमें मुंबई में मेट्रो कारशेड, मुंबई पुणे महामार्ग, कोस्टल रोड, समृद्धि महामार्ग व अन्य विकास योजनाएं शामिल हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण मेट्रो कारशेड है।
राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News
मराठा आरक्षण
मराठा आरक्षण का मुद्दा देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में गठित सरकार के समय से ही चुनौती बना हुआ है। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि उद्धव ठाकरे सरकार ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष नहीं रखा। इसके कारण आरक्षण का मुद्दा अब भी लटका हुआ है। अब एकनाथ शिंदे सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती मराठा आरक्षण है। क्योंकि एनसीपी इस मुद्दे पर नई सरकार को चैन से नहीं बैठने देगी। एनसीपी प्रमुख शरद पवार मराठा राजनीति के भीष्म पितामह माने जाते हैं।
धनगर आरक्षण
मराठा आरक्षण के साथ धनगर आरक्षण का मुद्दा भी नई सरकार के सामने चुनौती है। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने वादा किया था कि उनकी सरकार बनी तो पहली कैबिनेट में धनगर आरक्षण पास किया जाएगा। हालांकि देवेंद्र फडणवीस सरकार का कार्यकाल खत्म हो गया था, लेकिन धनगर आरक्षण नहीं मिला। नई सरकार धनगर आरक्षण का हल कैसे निकालती है, यह देखनेवाली बात होगी।
ओबीसी आरक्षण
ओबीसी आरक्षण का मुद्दा इन दिनों काफी गरम है। मुंबई सहित 14 महानगर पालिकाओं के चुनाव में ओबीसी आरक्षण हरहाल में लागू होना चाहिए, यह बीजेपी की मांग रही है। उद्धव ठाकरे सरकार की दलीलों को सुप्रीम कोर्ट नकार चुका है। हालांकि अभी सुनवाई जारी है, लेकिन सरकार द्वारा पेश दस्तावेज में ओबीसी समाज की संख्या को सरनेम के आधार पर आंका गया है, उसका भी टिकना मुश्किल लग रहा है। नई सरकार इस ओबीसी समाज को मनपा चुनावों में कैसे आरक्षण दिलाने का प्रयास करती है, यह देखने वाली बात होगी।
किसानों का मुद्दा
महाराष्ट्र में किसानों का मुद्दा हर सरकार के सामने रहता है। किसानों की आत्महत्या, उनकी आर्थिक स्थिति और कर्ज माफी नई सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विदर्भ और मराठवाडा में किसानों की स्थिति काफी खराब है। बेमौसम बरसात और सूखे की वजह से किसान समय पर बुआई नहीं कर पाते हैं। साहूकारों के कर्ज से दबे किसान आत्महत्या कर लेते हैं। सरकार के आदेश के बावजूद बैंक समय पर लोन नहीं देते।
कानून व्यवस्था की चुनौती
कानून व्यवस्था हर सरकार के सामने बड़ी चुनौती रहती है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गठित सरकार के सामने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने का चैलेंज है। क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में गठित पूर्व सरकार के समय सरकार और पुलिस विभाग के बीच कभी समन्वय नहीं देखने को मिला। पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह विवाद काफी चर्चा में रहा। पुलिस विभाग और सरकार के बीच समन्वय बनाने की नई सरकार के सामने जिम्मेदारी होगी।
युवाओं को रोजगार
विपक्ष में रहते हुए बीजेपी कहती थी कि महा विकास आघाडी सरकार युवाओं को रोजगार देने में नाकाम रही है। राज्य में यदि बीजेपी की सरकार होती तो केंद्र के साथ मिलकर डबल इंजन की सरकार रोजगार के नए अवसर देती। अब राज्य में बीजेपी की सरकार बन गई है। राज्य में विदेशी निवेश और युवाओं को रोजगार कैसे उपलब्ध हो इस पर नई सरकार को विशेष ध्यान होगा।
रुके प्रोजेक्ट पर फोकस करना होगा
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया कि रुके हुए प्रोजेक्ट्स को पूरा करने पर ध्यान दिया जाएगा। इसमें मुंबई में मेट्रो कारशेड, मुंबई पुणे महामार्ग, कोस्टल रोड, समृद्धि महामार्ग व अन्य विकास योजनाएं शामिल हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण मेट्रो कारशेड है।
News