जम्मू-कश्मीर : क्षेत्रीय दलों के इर्द-गिर्द घूमती रही सियासत, अब विधानसभा चुनाव का इंतजार | Jammu and Kashmir, Jammu news, Kashmir Election, Ground Report | News 4 Social

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जम्मू-कश्मीर : क्षेत्रीय दलों के इर्द-गिर्द घूमती रही सियासत, अब विधानसभा चुनाव का इंतजार | Jammu and Kashmir, Jammu news, Kashmir Election, Ground Report | News 4 Social

जम्मू-कश्मीर : क्षेत्रीय दलों के इर्द-गिर्द घूमती रही सियासत, अब विधानसभा चुनाव का इंतजार | Jammu and Kashmir, Jammu news, Kashmir Election, Ground Report | News 4 Social

जम्मू-कश्मीर में जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटक पार्टी का शासन रहा है। एक बार अवामी नेशनल कांफ्रेंस भी सत्ता में रही। यहां जब भी एक दल सरकार नहीं बना पाया तो गठबंधन की सरकारें बनीं। भाजपा ने भी पीडीपी से साथ गठबंधन करके सरकार बनाई थी। जम्मू-कश्मीर में साल 2015 में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन की सरकार बनी थी। गठबंधन के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बनाए थे। सईद ने 1 मार्च 2015 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और 7 जनवरी 2016 को उनका निधन हो गया। इसके बाद 4 अप्रेल 2016 को महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनी। इसके बाद भाजपा और पीडीपी में सबकुछ ठीक नहीं होने के कारण भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद कोई गठबंधन नहीं हो पाया और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने राज्य विधानसभा को भंग कर दिया था। विधानसभा भंग होने से पहले पीडीपी के पास 28 और कांग्रेस के पास 12 विधायक थे। पीपुल्स कांफ्रेस के पास दो और बीजेपी के 25 एमएलए थे। विधानसभा भंग होने के बाद वहां अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं। इस बीच अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन करते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केन्द्र शासित प्रदेश बना दिए और अनुच्छेद 370 को भी समाप्त कर दिया गया। जम्मू-कश्मीर में कई बार राज्यपाल शासन लग चुका है। वहां के लोगों को अब भी विधानसभा चुनाव होने का इंतजार है।

रेल नेटवर्क से पूरी होगी उम्मीदें- जब से कश्मीर घाटी को देश के रेल नेटवर्क जोडऩे का कार्य शुरू हुआ है, तब से उरी सहित घाटी के अन्य इलाकों में रहने वाले लोगों को विकास की मुख्यधारा से जुडऩे की आस जगी है। बोनियार के मंजूर अहमद ने कहा, क्षेत्र के गांव-कस्बे ट्रेन नेटवर्क से जुड़ जाएंगे तो रोजगार बढ़ सकता है। बनिहाल से बारामूला तक ट्रेन से अप-डाउन करने वाले राजस्व कर्मचारी अजय ने बताया कि अभी ट्रेन श्रीनगर की तरफ से बारामूला से बनिहाल और जम्मू की तरफ से कटरा तक चलती है। उरी तक रेल पहुंचेगी तो एलओसी पर तैनात जवानों को भी सुविधा होगी। ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के पूरा होने से कश्मीर पूरी तरह देश के अन्य भागों से रेलमार्ग से जुड़ जाएगा। इस रेल लाइन के चालू होने से कश्मीर के सेब और अन्य उत्पाद आसानी से देश के दूसरे हिस्सों में पहुंच सकेंगे। पर्यटक भी आसानी से पहुंचेंगे।

इस परियोजना से मुख्यधारा से जुड़ेगी घाटी- उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत भारतीय रेल कश्मीर घाटी को देश के शेष रेल नेटवर्क से जोडऩे के करीब पहुंच चुकी है। रेल नेटवर्क को उरी तक पहुंचाने की योजना है। ऐसा होने पर नियंत्रण रेखा तक भारतीय रेल पहुंच जाएगी। कटरा और बनिहाल के बीच 27 सुरंगों और 8 स्केप टनल का निर्माण किया गया है। करीब 272 किमी लंबी परियोजना में से 161 किमी पहले ही चालू हो चुकी है। 111 किमी लंबा कटरा-बनिहाल खंड का कार्य पूरा होने के बाद पूरे देश से बारामूला तक रेल सुविधा मिलेगी। इस योजना के तहत 97 किमी रेलमार्ग टनलों से गुजरेगा।

चिनाब पुल ने दुनिया को चौंकाया- ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक पर ही चिनाब ब्रिज बनाया गया है। यह अपनी तरह का दुनिया का 359 मीटर सबसे ऊंचा ब्रिज है। चिनाब नदी पर रेल पटरी बिछाकर रेलवे ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है।

जम्मू-कश्मीर : लोकसभा चुनाव 2019 कुल सीट- 06 भाजपा- 03 कांग्रेस-0 पीडीपी-0 नेशनल कांफ्रेंस-03 वोट शेयर प्रतिशत – भाजपा : 46.68 कांग्रेस : 28.65 नेशनल कांफ्रेंस : 7.94

पीडीपी : 2.38 जेके पीपल्स कांफ्रेंस : 3.78 नोटा: 0.86 कुल मतदान : 44.97 पुरूष मतदान : 44.85 महिला मतदान : 43.67

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