चोटिल सिराज की जगह निर्णायक टेस्ट में किसे मिलेगा मौका, ये 2 गेंदबाज हैं दावेदार, जानें किसका पलड़ा भारी

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चोटिल सिराज की जगह निर्णायक टेस्ट में किसे मिलेगा मौका, ये 2 गेंदबाज हैं दावेदार, जानें किसका पलड़ा भारी

हाइलाइट्स

  • 33 साल के इशांत लय में नहीं है लेकिन उन्हें 100 से ज्यादा टेस्ट मैचों का अनुभव है
  • उम्र बढ़ने के साथ अनुभवी तेज गेंदबाज उमेश यादव की गेंदबाजी स्पीड में आई कमी
  • इशांत अपनी लंबाई से मेजबान दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं

नई दिल्ली
भारतीय टीम प्रबंधन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के तीसरे और निर्णायक टेस्ट मैच के लिए जब मैदान में टीम उतारेगी तो चोटिल मोहम्मद सिराज की जगह के लिए इशांत शर्मा का अनुभव उमेश यादव के शानदार आउटस्विंगर डालने की क्षमता पर भारी पड़ सकता है।

दूसरे टेस्ट के पहले दिन गेंदबाजी के दौरान सिराज की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था, जिसके कारण वह पूरे मैच के दौरान सिर्फ 15.5 ओवर ही गेंदबाजी कर सके थे। कोच राहुल द्रविड़ ने स्वीकार किया कि उनकी चोट ने चौथी पारी में 240 रनों का बचाव करते हुए टीम की रणनीति को प्रभावित किया।
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इशांत के पास 100 टेस्ट खेलने का अनुभव
भारतीय टीम 11 जनवरी को न्यूलैंड्स में खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट मैच के लिए जब मैदान में उतरेगी तो उसके पास सिराज के विकल्प के रूप में दो अनुभवी गेंदबाज मौजूद होंगे। इसमें 33 साल के इशांत सर्वश्रेष्ठ लय में नहीं है लेकिन उन्हें 100 से ज्यादा टेस्ट मैचों का अनुभव है।

उमेश की स्पीड में आई गिरावट
दूसरा विकल्प 34 साल के उमेश का है जिनके नाम 51 टेस्ट है और हाल के दिनों में उनका प्रदर्शन इशांत से बेहतर रहा है लेकिन उम्र बढ़ने के साथ उनकी गति में गिरावट आई है।

अगले मैच में उम्मीद है कि कप्तान विराट कोहली चोट से वापसी करेंगे। इस बात की संभावना अधिक है कि वह और कोच द्रविड़ दिल्ली के तेज गेंदबाज को उमेश पर तरजीह देंगे।

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अपनी लंबाई से मेजबान बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं इशांत
इसका सबसे बड़ा कारण यह हो सकता है कि इशांत का कद छह फीट तीन इंच है और उनकी लंबाई दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को परेशान कर सकती है। दक्षिण अफ्रीका के लंबे कद के गेंदबाज मार्को जानसेन और डुआने ओलीवियर इस सीरीज में इसका फायदा उठाने में सफल रहे है।

पूर्व सेलेक्टर ने इशांत को खिलाने पर जताई सहमति
द्रविड़ ने कहा था, ‘ऐसा लगा जैसे गेंद उनके लिए थोड़ा अधिक हरकत कर रही थी। इसका कारण उनके गेंदबाजों का लंबा कद हो सकता है।’ यहां तक कि चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने भी इस बात पर सहमति जताई कि इशांत को मौका मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘हमें जोहानिसबर्ग में एक लंबे तेज गेंदबाज की कमी महसूस हुई। हमारे पास केवल इशांत है। इस तरह की पिचों पर मैं उन्हें उमेश से आगे रखूंगा। अगर यह एक भारतीय पिच होती तो उमेश पहली पसंद होते।’

‘इशांत को न्यूलैंड्स में मिलनी चाहिए तरजीह’
भारत के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कहा कि यह वास्तव में एक मुश्किल फैसला होगा। जिन्हें लगता है कि पिछले कुछ मैचों में इशांत के खराब लय में होने के बावजूद, उन्हें अभी भी न्यूलैंड्स में तरजीह मिलनी चाहिए।

दासगुप्ता ने कहा, ‘ मैं यह नहीं कह सकता कि कोहली को इशांत की काबिलियत पर उतना भरोसा है या नहीं जो 2019 तक था। इशांत को लंबाई का फायदा मिलेगा वह इसका फायदा उठाते हुए ऐसी जगह गेंद को टप्पा कराएंगे जहां से बल्लेबाजों को परेशानी होगी। वह लंबी स्पैल डालकर बल्लेबाजों को लंबे समय तक बांधे रख सकते हैं।’

उन्होंने कहा कि न्यूलैंड्स समुद्र के किनारे है और पर्थ के वाका मैदान की तरह केपटाउन में भी स्विंग गेंदबाजों को मदद मिलेगी। यहां गेंद थोड़ी देर से स्विंग होती है।

बकौल दासगुप्ता, ‘न्यूलैंड्स स्टेडियम समुद्र के किनारे है और ऐसे समय होते हैं जब ज्वार (हाई टाइड) होता है और उस स्थिति में हवा की मदद से पिच से गेंद अधिक तेजी से निकलती है। हवा में अधिक नमी से कई बार गेंदबाजों को मदद मिलती है। कम ज्वार (भाटा या लो टाइड) के मामले में बिल्कुल विपरीत स्थिति होती है, जब तापमान ज्यादा होता है तो गेंदबाजों को अधिक मदद नहीं मिलती। लेकिन दोनों ही मामले में इशांत बेहतर गेंदबाज हैं।’



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