चीत्कार और सिसकियां… कोरथा गांव के नसीब में बस दर्द, शराब ने कई परिवारों की छीन ली मुस्कान

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चीत्कार और सिसकियां… कोरथा गांव के नसीब में बस दर्द, शराब ने कई परिवारों की छीन ली मुस्कान

चीत्कार और सिसकियां… कोरथा गांव के नसीब में बस दर्द, शराब ने कई परिवारों की छीन ली मुस्कान

कानपुर: कानपुर के साढ़ थाना क्षेत्र के कोरथा गांव में मातम पसरा है। इस मातमी सन्नाटे को एक चीत्कार भेदती है। रात में दुर्घटना के बाद झड़ते आंसू अब सूख चुके हैं। रो-रोकर लोग थक चुके हैं। लेकिन, जैसे ही दरवाजे पर चिता सजती है। मृतक का शव अंतिम यात्रा के निकलता है। परिजन अपने दिल के करीब को जाता देख खुद को रोक नहीं पाते। यह चीत्कार सूख चुकी आंखों को फिर भरती है। यह सिलसिला रविवार की सुबह से ही जारी है। चीत्कार और सिसकिसां, शायद कानपुर देहात की किस्मत में इस बार दर्द ही हिस्से आया है। और इस पूरी घटना के पीछे का कारण है, शराब। नशे के कारण गांव ने अपनी खुशी खो दी।

प्रह्लाद निषाद से जब राजू निषाद ने अपने एक वर्षीय बेटे के लिए ट्रैक्टर ली थी, तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना न था। बड़ी खुशी से परिजनों और आस-पड़ोस के लोगों को साथ लिया। सभी उन्नाव के चंद्रिका देवी मंदिर निकले थे तो हर कोई बेटे की बलइयां ले रहा था। उसके लंबे और सफल जीवन की कामना कर रहा था। सबकुछ ठीक चल रहा था। पूजन हुआ। मुंडन हुआ। वापसी के दौरान बेटे के मुंडन की खुशी में राजू ने बोतलें खोल दी। साथ दिया तमाम लोगों ने। नशे का शुरूर चढ़ा तो सड़क रनवे बन गया और ट्रैक्टर हवाई जहाज। रफ्तार ऐसी थी कि साढ़ और घाटमपुर के बीच हरदेव बाबा मंदिर के पास ट्रक को साइड देने के चक्कर में राजू टैक्टर पर अपना नियंत्रण खो बैठा। टैक्टर पलटा। मिट्‌टी कटाई के कारण खाई या तालाबनुमा जैसा बना था। इसमें गिरने के बाद लोग संभल नहीं पाए। जिन्हें बचाना था, नशे में थे। इस कारण महिलाएं और बच्चे मरते रहे। कोई कुछ नहीं कर पाया। जब तक पुलिस, प्रशासन और अन्य मददगार पहुंचते 26 लोगों की मौत हो चुकी थी। अब हर तरफ चीत्कार है। ड्राइवर राजू निषाद फरार है। जिस बेटे के मुंडन संस्कार के लिए उसने सब कुछ किया, वह अस्पताल में गंभीर बना हुआ है। शराब के नशे ने सारी खुशियों को गम में बदल दिया।

शवों को देख दहल गए लोग
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब शव को निकाला जा रहा था, तो दृश्य खौफनाक था। टॉर्च वाहन की रोशनी के बीच पानी के बीच से लोगों को निकाला जा रहा था। कई गंभीर थे। कई शव लुंज-पुंज लग रहे थे। ट्रैक्टर पलटने के कारण लोगों की जलसमाधि बन गई। दृश्य देखकर न केवल गांव के लोग, बल्कि पुलिस और प्रशासन के लोग भी सिहर गए।

बारिश के पानी से भरी थी खंती
सड़क के किनारे मिट्‌टी कटाव के कारण खंती बन गई है। यह करीब 6 फीट गहरी है। बारिश के पानी के कारण यह भरी हुई है। ट्रैक्टर पलटा तो इसमें लोगों की जलसमाधि बन गई। गांव के लोगों तक जैसे ही यह खबर पहुंची, अपने परिवार जनों की स्थिति जानने के लिए जो जिस स्थिति में था, घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़ा। घाटमपुर के साथ आसपास के इलाकों से थाने की टीम पहुंची।

पुलिस और लोगों ने बिना अपनी परवाह किए पानी में उतर कर लोगों को निकालना शुरू किया। कई लोग घटना का वीडियो भी बनाने लगे। अब सोशल मीडिया पर ये वायरल हो रहे हैं। घटना की वीभत्सता को दिखा रहे हैं।

कई परिवारों ने खोया सब कुछ
कई परिवारों ने अपना सबकुछ खो दिया। एक परिवार के छह लोगों की मौत हो गई। तारा देवी का भरा-पूरा परिवार खत्म हो गया। उनका दो बेटा, बहुएं और तीन बच्चे परिवार की हंसी-खुशी थे। बस दोनों बेटे बचे, खुशियां उजड़ गई। राजू के बेटे के मुंडन में 70 वर्षीय तारा देची, बड़े बेटे राम दुलारे, उनकी पत्नी कलावती, 17 वर्षीय पोती मनीषा, 9 वर्षीय पोता छोटू और छोटे बेटे शिवराम, उसकी पत्नी जया देवी और पोते रवि के साथ ट्रैक्टर पर सवार थी। राम दुलारे और शिवराम ही इस घटना में जीवित बचे।

एक और परिवार है कल्लू का। कल्लू मुंडन में शामिल होने के लिए पत्नी विनीता, 10 वर्षीय शिवम और 7 वर्षीय बेटी सानवी के साथ घर से निकले थे। हादसे में उनका पूरा परिवार छिन गया। पत्नी और बच्चों के शव के पास बैठकर विलाप करते कल्लू को देख लोगों की आंखें नम हो गई। काश, राजू ने शराब नहीं पी होती।

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