गौना में राबड़ी को देखा…जेल जाते वक्त हुआ लालू को ‘लव’, वेलेंटाइन वीक में जानिए राजद सुप्रीमो के प्यार की कहानी
लालू-राबड़ी मिलन
लालू यादव राबड़ी से पहली बार मिलने के बाद कहते हैं कि मुझे 18 मार्च से पहले पटना पहुंचना होगा। अगर मैं समय से नहीं पहुंच पाया, तो मुझे भगोड़ा घोषित कर दिया जाएगा। लालू कहते हैं कि कुछ भी हो सकता है। मुझे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जा सकता है। मैं तुम्हारा सहयोग चाहता हूं। उस दौरान राबड़ी ने कुछ नहीं कहा। मैंने पहली बार उससे बात की थी, इसलिए स्वभाविक तौर पर राबड़ी देवी चुप रहीं। उसके बाद लालू अपने कार्यकर्ता साथियों के साथ खड़े होने के लिए पटना चले जाते हैं। पटना पहुंचने के बाद लालू अपने छोटे भाई सुखदेव को बताया कि वेटनरी कॉलेज के इस चपरासी क्वार्टर में राबड़ी को भी हमारे साथ होना चाहिए। उसके बाद लालू के भाई मान जाते हैं और राबड़ी देवी को पटना बुला लिया जाता है। लालू कहते हैं कि उनकी शादी परिवारवालों ने तय की थी। एक ब्राह्मण पुजारी ने राबड़ी देवी के परिवार से संपर्क साधकर इस विवाह को पूरा करवाया था। लालू स्वीकार करते हैं कि राबड़ी का परिवार नजदीक के सालारकला गांव का था और उनकी आर्थिक स्थिति हमसे अच्छी थी। राबड़ी के परिवारवाले लालू को लुंगी बनियान में देखते हैं। लालू उन्हें पसंद आते हैं और वे चले जाते हैं।
पहली नजर में हुआ प्यार
लालू को देखने के बाद राबड़ी के परिवारवाले लौट जाते हैं। उसके बाद लालू अपने एक दोस्त को राबड़ी के गांव उन्हें देखने के लिए भेजते हैं। वो लौटकर लालू को बताता है कि राबड़ी सुंदर और सुशील हैं। लालू को राबड़ी से पहली दफा देखते ही प्यार हो जाता है। लालू कहते हैं कि समय बीतने के साथ राबड़ी देवी उनके जीवन की धुरी बन गई। अपनी आत्मकथा ‘गोपालगंज से रायसीना’ में लालू कहते हैं कि राबड़ी के इर्द-गिर्द मेरा पूरा परिवार घूमता था। उसने मेरी राजनीतिक प्रतिबद्धता को समझा और उसकी तारीफ की। राबड़ी ने ये भी सुनिश्चित किया कि घर परिवार के मसले वो खुद हल करें। मुझे कोई परेशानी ना हो। लालू राबड़ी से अपने प्यार का इजहार करने वाले अंदाज में अपनी अभिव्यक्ति बताते हुए कहते हैं कि राबड़ी देवी रिश्तों के हर पैमाने पर खरी उतरती हैं। राबड़ी से मिलने के बाद लालू बताते हैं कि 18 मार्च का दिन बहुत तनाव भरा था। बिहार के विभिन्न हिस्सों से छात्र पटना पहुंच चुके थे। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले छोड़े और अंत में गोलीबारी पर उतर आई। उसके बाद अफवाह ये फैल गया कि लालू यादव पुलिस की गोली से मारा गया।
राबड़ी को भेजते हैं गुप्त संदेश
लालू उस दौर को याद करते हुए कहते हैं कि विधानसभा के एक कोने में छिपे हुए ही मैंने देखा कि मुकुंद भाई साइकिल से आ रहे हैं। वे रोते हुए मुझे ढूंढ रहे थे। चुपके से मैंने उनके पास जाकर कहा कि परेशान होने की जरूरत नहीं है। मैं जिंदा हूं। घर जाकर राबड़ी से कहिए कि मैं जीवित हूं। लेकिन दूसरों को इस बारे में मत बताइएगा। लालू कहते हैं कि मैं आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए भूमिगत होने जा रहा हूं। अगर प्रशासन से जुड़ा कोई व्यक्ति आपसे मेरे बारे में पूछे, तो आप कह दीजिएगा कि मुझे कुछ पता नहीं है। उनसे कहिएगा कि उन्हें ढूंढकर हमारे पास ला दीजिए। पुलिस मेरे पीछे पड़ी हुई थी। आखिरकार 22 मार्च, 1974 को कई दूसरे छात्रों के साथ लालू भी गिरफ्तार हो जाते हैं। पुलिस उन्हें मीसा के तहत गिरफ्तार कर बांकीपुर सेंट्रल जेल में रख देती है। वहां लालू एक साल तक कैद में होते हैं। जेपी पुलिस फायरिंग और छात्रों की गिरफ्तारी से बेहद नाराज हो जाते हैं। लालू के प्यार की पहली निशानी ‘मीसा भारती’ का नाम लालू ‘मीसा’ कानून के नाम पर रखते हैं। दोनों पति-पत्नी में शादी के बाद प्यार होता है। बाद के दिनों में लालू यादव को राबड़ी प्यार से वेलेंटाइन के मौकों पर गुलाब गिफ्ट देती हैं। कई मौकों पर लालू यादव राबड़ी देवी को गुलाब देते हुए दिखते हैं। बिहार की सियासत में राजद सुप्रीमों के समर्थक हमेशा लालू-राबड़ी की जोड़ी को पसंद करते हैं।
सबसे शानदार जोड़ी
लालू यादव के लिए हमेशा राबड़ी देवी लक्की साबित हुई हैं। कहा जाता है कि पटना यूनिवर्सिटी की राजनीति में सक्रिय लालू के जीवन में राबड़ी के आने के बाद बहार आ जाती है। लालू यादव राजनीतिक रूप से मजबूत होते हैं। लालू दिनों दिन आगे बढ़ते जाते हैं। राबड़ी उन्हें भरपुर सहयोग देती हैं। इतना ही नहीं बाद के दिनों में दोनों लोगों में प्यार ऐसा बढ़ता है कि लालू जेल जाते वक्त सत्ता राबड़ी को सौंप देते हैं। बाद के दिनों में जब लालू पर संकट आता है, तो राबड़ी उनके पक्ष में उतरती हैं। मुखर होकर बयान देती हैं। सियासी जानकार मानते हैं कि बिहार की सियासत में लालू-राबड़ी प्रेम का कोई विकल्प नहीं है। दोनों पति-पत्नी एक दूसरे पर जान छिड़कते हैं। वेलेंटाइन हो या कोई भी पर्व दोनों लोग एक दूसरे के साथ सेलिब्रेट करते हैं। होली जैसे मौकों पर कई बार लालू राबड़ी के गालों में गुलाल लगाते हुए देखे गए। कई मौकों पर राबड़ी लालू को गुलाब और गुलदस्ता देते हुए दिखी हैं। लालू-राबड़ी की जोड़ी वेलेंटाइन वीक में याद की जाने वाली सबसे शानदार जोड़ी है।