गैंगस्टर राजू ठेहट की राजनीति पर थी निगाहें, इस सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी लेकिन दुश्मनों ने कर दी हत्या

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गैंगस्टर राजू ठेहट की राजनीति पर थी निगाहें, इस सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी लेकिन दुश्मनों ने कर दी हत्या

गैंगस्टर राजू ठेहट की राजनीति पर थी निगाहें, इस सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी लेकिन दुश्मनों ने कर दी हत्या



जयपुर: एक गैंगस्टर के लिए राजनैतिक जीवन जीना आसान नहीं है क्योंकि गैंगस्टर दूसरी गैंग के निशाने पर होते हैं। दुश्मन कभी भी हमला करके जान ले सकते है। अगर कोई गैंगस्टर नेता बनकर लोगों के बीच सार्वजनिक जीवन जीना चाहे तो भला दुश्मनों की गोलियों से कैसे बच सकता है। हर वक्त निजी सुरक्षा गार्डों के घेरे में रहकर आमजन के बीच जाने से नेता की छवि अच्छी नहीं मानी जाती है। गैंगस्टर राजू ठेहट भी आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी कर रहा था। वह सीकर जिले की दातारामगढ़ क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहने लगा। सोशल मीडिया के फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पेज पर भी राजू ठेहट एक्टिव था और लगातार अपडेट करके लोगों से संपर्क में रहता था। शनिवार 3 दिसंबर की सुबह राजू ठेहट को जरा भी संदेह नहीं हुआ कि कोई यूं उसे गोलियों से छलनी कर देगा।

राजू ठेहट फेसबुक पेज पर काफी एक्टिव रहता था। इस पेज पर राजू ठेहट ने खुद को एक राजनेता बता रखा है। इस पेज के 51,000 से ज्यादा फॉलोअर हैं। होली, दिवाली और अन्य राष्ट्रीय पर्वों के साथ महापुरुषों के जन्मदिन पर शुभकामना संदेश भी नियमित रूप से पोस्ट करता था। इसी पेज पर खुद के ट्विटर, इंस्टाग्राम पेज के साथ टेलीग्राम चैनल के लिंक भी दिए गए हैं।

अपने डिजिटल पोस्टर के साथ लिखता था दांतारामगढ़

फेसबुक पेज की प्रोफाइल में डीपी (डिसप्ले पिक्चर) में राजू ठेहट अपने साथियों के साथ खड़ा है। साथ में 6 गनमैन भी नजर आ रहे हैं, जो हथियारों से लैस हैं। ये फोटो जन्मदिन के मौके पर दी गई शुभकामानाओं के दौरान की बताई जा रही है। राजू ठेहट अपने डिजिटल पोस्टर पर खुद के नाम के साथ हर बार विधानसभा क्षेत्र दांतारामगढ़ जरूर लिखता था। स्थानीय नेताओं में यह ट्रेंड बन गया है कि वे अपने नाम के साथ विधानसभा क्षेत्र का नाम लिखते हैं। इससे वे बताना चाहते हैं कि वे इस विधानसभा क्षेत्र में भविष्य तलाशने वाले हैं।

जेल से छूटने के बाद कई होटल-हॉस्पिटल का किया था उद्घाटन

राजू ठेहट भले ही गैंगस्टर हो लेकिन उनके चहेतों की कमी नहीं थी। स्थानीय लोग उनसे लगातार मिलते थे। खासतौर पर युवा उन्हें पसंद भी करते थे। कई युवा उनसे मिलने और आशीर्वाद लेने जाते। इस दौरान राजू ठेहट के साथ फोटो भी ली जाती थी। ठेहट अपने पेज पर भी ऐसे फोटो अपलोड करता था। राजू ठेहट का सर्किल भी काफी बड़ा था। जेल से छूटने के बाद लोग उन्हें अपने होटल, हॉस्पिटल, कोचिंग और अन्य प्रतिष्ठानों के उद्घाटन पर आमंत्रित करते थे। कई प्रतिष्ठानों के उद्घाटन राजू ठेहट ने अपने हाथों से किए। लोग उससे मिलकर खुद को गौरान्वित महसूस करते थे।

महापुरुषों के जन्मदिन पर राजू ठेहट करता था उन्हें नमन

महापुरुषों के जन्मदिन पर राजू ठेहट हमेशा उन्हें याद करके नमन करता था। महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादूर शास्त्री, भगत सिंह आदि की जयन्ती और पुष्यतिथि पर उन्हें नमन करने के पोस्टर अपने सोशल मीडिया पेज पर अपलोड करता था। सामाजिक कार्यक्रमों में भी राजू ठेहट हिस्सा लेने लगा। वह सार्वजनिक कार्यक्रमों का हिस्सा बनता था और लोगों से मिलता था। युवाओं के साथ बड़े बुजुर्गों के बीच बैठकर उनसे बातें करता था। वह लोगों से कहता था कि कोई भी काम हो तो उसे याद करें। वह हर संभव मदद करेगा।

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चुनाव जीतने के लिए राजू का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे निर्मल चौधरी

अपने दोस्तों के जन्मदिन पर भी राजू ठेहट उनकी फोटो अपने फेसबुक पेज पर अपलोड करता था। वह अपने फेंन्स को खुश करने के लिए उनके कंधे पर हाथ रखकर लिए गए फोटो भी पोस्ट करता था। राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष निर्मल चौधरी भी चुनाव जीतने के बाद राजू ठेहट का आशीर्वाद लेने गए थे। निर्मल ने ठेहट के पैर छूए। बाद में राजू ठेहट ने उन्हें चुनाव जीतने की बधाई दी।

लोगों के बीच सफेद लिबास में जाता था राजू ठेहट

राजू ठेहट अमूमन सफेद कुर्ते में रही रहता था। एक नेता के लिबास में वह लोगों के बीच जाता। चाहे सार्वजनिक कार्यक्रम हो या कोई उद्घाटन कार्यक्रम। हर समारोह में वह सफेद लिबास में ही जाता था। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़)

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