गुरुग्राम: हाईराइज सोसायटियों के स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए 10 दिनों में बनेगी टीम

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गुरुग्राम: हाईराइज सोसायटियों के स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए 10 दिनों में बनेगी टीम



गुड़गांव:
हाईराइज सोसायटियों के स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए 10 दिनों में टीम बनाई जाएगी। 60 कॉलोनियों और ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों में स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की शिकायत मिली है। डीसी निशांत कुमार यादव ने कंस्ट्रक्शन एक्सपर्ट और आरडब्ल्यूए सदस्यों से इस संबंध में 2 दिनों में सुझाव देने के लिए कहा है।चिंटल पैराडिसो जैसी घटनाओं की पुर्नावृति न हो इसको लेकर गुरुवार को डीसी ने निर्माण क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों व आरडब्लयूए सदस्यों के साथ बैठक कर चर्चा की।

उपायुक्त ने विशेषज्ञों से स्ट्रक्चरल सेफ्टी को लेकर उठाए जाने वाले बिंदुओं का विस्तार से उल्लेख करते हुए अपने सुझाव दो दिन में जिला प्रशासन को भेजने के लिए कहा। सुझावों के उपरांत आगामी 10 दिनों में स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए टीम गठित की जाएगी। बैठक में डीटीपी आर एस भाट् ने स्ट्रक्चरल ऑडिट को लेकर उनके विभाग द्वारा अब किए गए कार्यों की रूप-रेखा प्रस्तुत की।

60 कॉलोनियो से मिली शिकायतें
उपायुक्त ने बताया कि जिले पिछले दो वर्ष में इमारत के निर्माण में अनियमितता संबंधी 60 कॉलोनियों व ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों से शिकायत प्राप्त हुई हैं। इन शिकायतों के स्थाई समाधान व प्राप्त शिकायतों के स्ट्रक्चरल ऑडिट को लेकर व्यवस्था बनाते हुए कार्य योजना का ड्राफ्ट तैयार किया जाना है। सरकार द्वारा शिकायतों के निवारण के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट को लेकर अनुभवी विशेषज्ञों व स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर स्थाई समाधान खोजने की दिशा में काम किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा इसके लिए पॉलिसी भी बनाई जा रही है। इस पॉलिसी को तैयार करने से पूर्व इससे जुड़े हितधारकों व विशेषज्ञों से सुझाव मांग गए हैं।

इस तरह से होगा काम
ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों व आरडब्ल्यूए के सदस्यों द्वारा ऊंची इमारतों के स्ट्रक्चरल ऑडिट का मुद्दा उठाया गया है। उपायुक्त ने बताया कि स्ट्रक्चरल ऑडिट व निर्माण में अनियमितताएं बरतने संबंधी विषय की अलग- अलग तरह की शिकायतें मिली हैं। ऐसे में जरूरी है कि इन शिकायतों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटते हुए इनके समाधान के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। हालांकि इनमें से ज्यादातर शिकायतें इमारत के ढांचे से संबंधित है लेकिन इन शिकायतों को मोडरेट, सिवियर तथा क्रिटिकल में बांटते हुए काम किया जाना जरुरी है और इनके निवारण के लिए हमारा प्लॉन ऑफ एक्शन क्या होना चाहिए, इस पर विचार किया जाएगा।

अलॉटियों की संतुष्टि सर्वोपरि
बैठक में स्ट्रक्चरल ऑडिट में आने वाले खर्चें को लेकर भी सुझाव मांगे गए। उपायुक्त ने कहा कि शिकायत की श्रेणी व प्रकार के हिसाब से स्ट्रक्चरल ऑडिट में आने वाले खर्चे को बांटा जाना जरूरी है, इसलिए ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी ताकि डिवलेपर व अलॉटी में तालमेल स्थापित करते हुए काम किया जाए। स्ट्रक्चरल ऑडिट में आने वाले खर्चें के क्या मापदंड होने चाहिए को लेकर भी सुझाव आमंत्रित किए गए। स्ट्रक्चर ऑडिट में वहां के अलॉटियों की संतुष्टि बेहद जरुरी है, ऐसे में स्ट्रक्चर ऑडिट के लिए आने वाली टीम का वहां की आरडब्ल्यूए के सदस्यों द्वारा सहयोग किया जाएगा। यदि स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए आई टीम के कार्य से आरडब्ल्यूए संतुष्ट नहीं होगी तो वे ऑडिटर के खिलाफ आपत्ति दायर कर सकती है।

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