गुरुग्राम: यूके में मुलाकात, ई-कॉमर्स कंपनी में निवेश का झांसा और ठग लिए 1 करोड़ 33 लाख, अब युवक-युवती को तलाश रही पुलिस

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गुरुग्राम: यूके में मुलाकात, ई-कॉमर्स कंपनी में निवेश का झांसा और ठग लिए 1 करोड़ 33 लाख, अब युवक-युवती को तलाश रही पुलिस

गुरुग्राम: यूके में मुलाकात, ई-कॉमर्स कंपनी में निवेश का झांसा और ठग लिए 1 करोड़ 33 लाख, अब युवक-युवती को तलाश रही पुलिस

गुड़गांव: ई-कॉमर्स कंपनी में निवेश के नाम पर पालम विहार एरिया में रहने वाले शख्स से 1 करोड़ 33 लाख रुपये ठग लिए गए। शिकायतकर्ता का कहना है कि आरोपी से 2005 में यूके में परिचय हुआ था। जिसके बाद अब वह भारत में मिला और बिजनेस में निवेश पर बेहतर मुनाफे का झांसा देकर डेढ़ करोड़ निवेश के लिए राजी कर लिया। 1 करोड़ 33 लाख रुपये लेकर काफी समय तक टरकाते रहे और बाद में कहा कि कंपनी बंद हो गई।

पुलिस को ये शिकायत सेक्टर-23 में रहने वाले विशाल शर्मा ने दी है। ठगी का आरोप सेक्टर-72 की सोसायटी में रहने वाले प्रियांक कुमार सिसोदिया और उसकी साथी गाजियाबाद निवासी मनीषा चौहान पर लगाया गया है। आरोप है कि 2005 में यूके में विशाल का परिचय प्रियांक से एक दोस्त के जरिये हुआ। प्रियांक ने खुद को उस समय स्टूडेंट बताया था जिसके बाद दोनों में दोस्ती हो गई और ये अक्सर मिलने लगे। आरोप है कि सितंबर 2017 में प्रियांक ने विशाल से 75 हजार रुपये उधार लिए और फिर कुछ दिन बाद ही ये रुपये वापस कर दिए।

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बेहतर मुनाफा का द‍िया लालच

फिर कुछ दिन बाद प्रियांक ने विशाल को बताया कि वह गूगल इंडिया और अन्य नामी कंपनियों में नौकरी कर चुका है। उसने कहा कि ई-कॉमर्स पोर्टल मेसर्स यूनिवॉलेट सर्विसेज लिमिटेड में वह जल्द ही डायरेक्टर बनने वाला है और आप इसमें निवेश कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हो। उसने दुनिया की कई बड़ी कंपनियों के ऊंचे पदों पर मौजूद रहे लोगों का ई-कॉमर्स पोर्टल से जुड़ना बताया।

5 लाख रुपये एडवांस के तौर पर दे दिए
फिर विशाल के घर पर इनकी मीटिंग हुई और 5 लाख रुपये एडवांस के तौर पर दे दिए गए। प्रियांक ने मनीषा चौहान को भी पोर्टल की सीईओ कहकर मिलवाया और डेढ़ करोड़ रुपये के निवेश के लिए राजी कर लिया। कंपनी में 20 प्रतिशत शेयर का वादा किया गया। फिर एक अन्य टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी को टेकओवर का ऑफर दिया। ये ई-कॉमर्स पोर्टल यूके में रजिस्टर्ड करा लिया गया जिसके दस्तावेज प्रियांक ने विशाल को भेजे। इनके अनुसार प्रियांक भी उसमें एक डायरेक्टर था।

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गोल्ड लोन लेकर भी आरोपियों को रुपये दिए
पीड़ित ने गोल्ड लोन लेकर भी आरोपियों को रुपये दिए। लेकिन कोविड का बहाना बनाकर आरोपियों ने ई-कॉमर्स पोर्टल की लांचिंग लेट होना बताया। बाद में फरवरी 2022 में कहा कि कंपनी का नाम बदल रहे हैं और यूनिवॉलेट सर्विसेज से बदलकर प्रीपे किया जा रहा है। बाद में पता चला कि यूनिवॉलेट सर्विसेज नामक कंपनी भी यूके में भंग हो चुकी है। उनसे रुपये वापस मांगे तो भी टरकाते रहे। मामले में अब जांच के बाद साजिश के तहत ठगी की धाराओं में पालम विहार थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। जांच अधिकारी धर्मबीर सिंह ने बताया कि करीब 1 करोड़ से अधिक की ठगी हुई है। मामले में कार्रवाई की जा रही है।

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