गिरफ्तारी के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे नवाब मलिक, तत्काल रिहाई के लिए दायर की याचिका

128

गिरफ्तारी के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे नवाब मलिक, तत्काल रिहाई के लिए दायर की याचिका

मुंबई: महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक फिलहाल दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 3 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में है। उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने यह मांग की है कि उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत दर्ज एफआइआर को खारिज किया जाए। इसके अलावा उन्होंने कहा है की यह गिरफ्तारी गैर कानूनी है। लिहाजा उन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश भी जारी किया जाए।

अस्पताल में भर्ती थे नवाब मलिक
ईडी की कस्टडी के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद नवाब मलिक को मुंबई के जेजे अस्पताल में 25 फरवरी की शाम भर्ती करवाया गया था। हालांकि 28 तारीख को दोपहर में नवाब मलिक को स्वास्थ्य में सुधार के बाद वापस ईडी के दफ्तर लाया गया है। आपको बता दें कि नवाब मलिक को पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। उनकी बहन सईदा खान के मुताबिक़ नवाब मलिक को डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किडनी और लीवर संबंधित शिकायतें थीं। पिछले साल उनकी स्टोन की सर्जरी भी हुई थी। सईदा के मुताबिक पेशाब से ज्यादा खून जाने की वजह से उन्हें जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया था।

यूँ हुई थी गिरफ़्तारी
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार करने से पहले ईडी ने काफी होम वर्क किया और ईडी ने दाऊद के परिवार के लोगों को ही मलिक के खिलाफ गवाह बना दिया। इनमें हसीना पारकर के बेटे अलीशाह और छोटा शकील के साले सलीम फ्रूट के बयान प्रमुख हैं। ईडी ने 1993 ब्लास्ट के दोषी सरदार शाह वली खान का भी औरंगाबाद जेल में जाकर बयान दर्ज किया। इस केस में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई है। कई साल पहले वह पैरोल पर जेल से बाहर भी आया था।

ज्यादातर इन बयानों के जरिए ईडी ने बुधवार को कोर्ट को यह बताने की कोशिश की कि मलिक के दाऊद की बहन हसीना और उससे जुड़े लोगों से गहरे संपर्क थे। सरदार ने स्टेटमेंट में यह तक दावा किया कि मलिक अतीत में कई बार हसीना से मिले थे। कुछ मीटिंग्स में खुद सरदार भी मौजूद था।

मलिक पर अंडरवर्ल्ड से संबंध का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस ने जब नवंबर में मलिक पर अंडरवर्ल्ड से संबंध का आरोप लगाया था, तो सरदार के अलावा सलीम पटेल का भी नाम लिया था, जो हसीना का ड्राइवर और बॉडीगार्ड था। अलीशाह ने ईडी को बताया कि सलीम यों तो प्याज के धंधे से जुड़ा था, लेकिन वह उसकी मां के लिए भी प्रॉपर्टी से जुड़े मामले देखता था। अलीशाह ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि सलीम पटेल गोवावाला कंपाउंड वाला मामला भी देखता था। यहां उसने एक ऑफिस भी खोल रखा था। यहां वह बैठता भी था। मुनीरा प्लंबर नामक जिस महिला की प्रॉपर्टी का कंट्रोल उसकी मां हसीना के पास था, वह प्रॉपर्टी हसीना ने मलिक को बेच दी थी।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News