गहलोत vs पायलट: गहलोत नहीं पहुंचे तो पायलट ने कसा तंज, कहा-शायद वे दलितों की भलाई के लिए कार्य कर रहे हैं

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गहलोत vs पायलट: गहलोत नहीं पहुंचे तो पायलट ने कसा तंज, कहा-शायद वे दलितों की भलाई के लिए कार्य कर रहे हैं

हाइलाइट्स

  • राजस्थान कांग्रेस में अंदरूनी कलह जारी
  • पायलट गुट के कार्यक्रम से गहलोत गुट ने बनाई दूरी
  • गहलोत की अनुपस्थिति पर पायलट ने कसा तंज

रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर

सालभर पहले राजस्थान कांग्रेस में उठे बगावत के सियासी बवंडर उठा था। आज भले ही थमने के दावे किए जा रहे हों लेकिन सब जानते हैं कि कांग्रेस की आपसी कलह अभी खत्म नहीं हुई है। जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कार्यक्रम होता है वहां सचिन पायलट नजर नहीं आते। और जहां सचिन पायलट का कार्यक्रम हो तो वहां अशोक गहलोत नजर नहीं आते। हालांकि 8 अक्टूबर को अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक हेलीकॉप्टर में बैठकर जयपुर से वल्लभ नगर और धरियावद गए। वहां उपचुनाव में प्रचार के दौरान दोनों ने मंच साझा किया लेकिन दोनों ही नेताओं ने एक दूसरे से नजर तक नहीं मिलाई।

ताजा मामला 20 अक्टूबर का है। जब वाल्मीकि जयंती के अवसर पर जयपुर के पास चाकसू में बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर की अष्टधातु की बड़ी मूर्ती का अनावरण कार्यक्रम था। यह कार्यक्रम पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के सबसे नजदीकी माने जाने वाले विधायक वेदप्रकाश सोलंकी की देखरेख में हुआ। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा सहित तमाम मंत्रियों और विधायकों को आमंत्रित किया गया। लेकिन इस मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में केवल सचिन पायलट और उनके गुट के विधायक ही शामिल हुए। कार्यक्रम में विधायक वेदप्रकाश सोलंकी, मुरारीलाल मीणा, जीआर खटाणा, इंद्राज गुर्जर, अमर सिंह जाटव, प्रशांत बैरवा और इंद्रा मीणा शामिल हुए। समारोह में अशोक गहलोत गुट का एक भी मंत्री, विधायक या नेता शामिल नहीं हुआ।

मंच पर लगे बैनर में थी गहलोत और पायलट दोनों के बड़े-बड़े फोटो
चाकसू में हुए इस कार्यक्रम में एआईसीसी सचिव तरुण कुमार सहित सात विधायक और हजारों समर्थक मौजूद रहे। मंच के पीछे लगे बड़े बैनर पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट की बड़े-बड़े फोटो थे। दोनों की फोटो में कोई छोटी बड़ी नहीं थी। पायलट समर्थक अपने नेता सचिन पायलट को अशोक गहलोत के बराबर तवज्जो देते हैं, इसी लिहाज से दोनों की बराबर तस्वीरें लगाई गई। लेकिन अंदरखाने यह चर्चाएं भी हो रही थी कि अशोक गहलोत नहीं चाहते कि सचिन पायलट को उनके बराबर का तवज्जो मिले। इसी कारण गहलोत गुट का एक भी कांग्रेसी नेता मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ।

सचिन पायलट ने मंच से कसा तंज, कहा- शायद वे दलितों की भलाई के लिए कार्य कर रहे हैं
मूर्ति अनावरण के दौरान अपने उद्बोधन के दौरान सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार पर तंज कसे। उन्होंने कहा कि दलित समूदाय हमेशा कांग्रेस के साथ रहा है। इसलिए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा सहित सभी मंत्रियों और विधायकों को आमंत्रित किया गया था। तंज कसते हुए पायलट ने कहा कि शायद वे दलितों की भलाई के लिए कार्य में व्यस्त होंगे, इसलिए नहीं आ पाए।

दलित को कैबिनेट में जगह!

पायलट ने इशारों ही इशारों में सरकार पर दलितों को नजर अंदाज करने का आरोप भी लगा दिया। उन्होंने कहा कि मास्टर भंवरलाल मेघवाल एकमात्र दलित कैबिनेट मंत्री थे। उनके निधन के बाद अभी कोई दलित केबिनेट में नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों दलित को कैबिनेट में जगह मिलेगी। इस तरह इशारों इशारों में सचिन पायलट ने मंत्री मंडल विस्तार की संभावना जता दी।

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