क्या किडनी दान करने के बाद भी हेल्थ इंश्योरेंस हो सकती है अगर हां तो किस उम्र तक ?

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अगर किसी व्यक्ति की किडनी खराब हो जाती है। तो कोई दूसरा स्वास्थ व्यक्ति अपना किडनी दान में दे सकता है।इस प्रक्रिया को किडनी ट्रांसप्लांट के तौर पर भी जाना जाता है। सवाल यह उठता है की क्या किडनी ट्रांस्प्लानेट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल होता है। आपको बता दे की किडनी ट्रांसप्लांट में लगभग खर्च 5-8 लाख रुपये आता है। इन बीमारियों के इलाज पर भी एक बड़ी रकम चुकानी पड़ती है। ऐसी हालत में मरीज के परिवार वाले एक बड़ी आर्थिक तंगी से गुज़रते है। वही साथ ही वित्तीय सलाहकार बार-बार आपसे स्वास्थ्य बीमा या हेल्थ पॉलिसी लेने की सलाह देते हैं। ताकि समय रहते आप क्लेम कर सके और आप पर ज्यादा आर्थिक बोझ न पड़े। आज हम आपको बताते है की हेल्थ इंश्योरेंस में ट्रांसप्लांट का खर्च कवर करता है या नहीं।

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आंग दान का फैसला दो व्यक्तियों के बीच होता है। इसलिए यह उनका आपस का मसला है।अगर अंग पाने वाला पॉलिसीधारक है, तो स्टैंडर्ड हेल्थ पॉलिसी में बहुत से खर्च कवर हो जाते हैं। उसी पॉलिसी में अंग देने वाले का खर्च भी कवर हो जाता है, हालांकि इसमें कुछ शर्त है जो लागू होते है।

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खबरों के अनुसार अंग देने वाले व्यक्ति के लिए इन पेशेंट हॉस्पिटलाइजेशन का खर्च कवर करते हैं.’ अंग निकलने-लगाने का खर्च और सर्जरी का खर्च ऑर्गन डोनर कवरेज में शामिल किया जाता है। अगर अंग देने वाले व्यक्ति के पास भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है तो जरूरी नहीं है कि उसने जो खर्च किया है, वह कवर हो सकेंगे। इसके लिए पॉलिसी में इस तरह के प्रावधान होने की जरूरत है। वही अगर आप इस तरह की कोई हेल्थ पॉलिसी चाहिए तो आपको अंग देने वाले व्यक्ति से संबंधित खर्च का कवरेज देखने की जरूरत है। मसलन, कई बार इसमें ऐसा हो सकता है कि अगर एड हॉक अमाउंट 50,000 रुपये है तो यह हो सकता है कि आपको सम अस्योर्ड का सिर्फ 10% ही इसमें मिले। उसी के साथ कुछ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के अनुसार वो ट्रांस्प्लानेट करनवाने के बाद हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रदान नहीं करती है।

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