क्या आमिर खान ब्रेक से लौटकर फिर बन पाएंगे मिस्टर परफेक्शनिस्ट? समझिए एक्सपर्ट्स की राय

117
क्या आमिर खान ब्रेक से लौटकर फिर बन पाएंगे मिस्टर परफेक्शनिस्ट? समझिए एक्सपर्ट्स की राय

क्या आमिर खान ब्रेक से लौटकर फिर बन पाएंगे मिस्टर परफेक्शनिस्ट? समझिए एक्सपर्ट्स की राय

सुपरस्टार आमिर खान ने हाल ही में ऐक्टिंग से एक-डेढ़ साल का ब्रेक लेने की घोषणा की है, जिसे लेकर फिल्मी गलियारों में काफी हलचल है। लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं, लेकिन विज्ञान और विशेषज्ञों की मानें तो बेमन से काम करने के बजाय कुछ समय के लिए ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं है, बल्कि ब्रेक अच्छे हैं। क्यों, जानें:

बॉलिवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट और कई रिकॉर्डधारी फिल्में देने वाले ऐक्टर आमिर खान ऐक्टिंग से ब्रेक ले रहे हैं। आमिर का कहना है कि वे फिल्में करते हुए सिर्फ उसी में डूब जाते हैं, लिहाजा 35 साल के इस करियर में अपने परिवार के लिए जरूरी वक्त नहीं दे पाए। इसलिए अब वे फिल्मों से एक-डेढ़ साल का ब्रेक लेकर परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं, जिंदगी को एक नए नजरिए से देखना चाहते हैं। आमिर के इस फैसले को लेकर इंडस्ट्री में खासी हलचल है। बहुत से लोग उनके परिवार संग बिताने वाले तर्क को भी गले नहीं उतार पा रहे। उनका मानना है कि आमिर ने ये फैसला अपनी पिछली फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ की असफलता से निराश होकर लिया है। ऐसा सोचने वालों को पूरी तरह गलत भी नहीं कहा जा सकता। एक वक्त था, जब आमिर खान की हर फिल्म हिट की गारंटी मानी जाती थी। उन्होंने ‘गजनी’, ‘तारे जमीं पर’, ‘थ्री इडियट्स’, ‘पीके’, ‘धूम 3’, ‘दंगल’ जैसी बैक टु बैक सुपरहिट फिल्में दी हैं। ऐसे में, चार साल की मेहनत और पौने दो सौ करोड़ के बजट के बजट वाली उनकी महत्वाकांक्षी फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ बेतरह नकार दी जाए तो निराशा लाजिमी है। वैसे, वजह जो भी हो और लोग बेशक ब्रेक लेने को लेकर तरह-तरह की बातें करें, लेकिन जानकारों की मानें, तो काम से बीच-बीच में ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं है, बल्कि असल में ये ब्रेक बड़े काम के साबित होते हैं।


ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं है
अपने भारतीय समाज में जॉब या बिजनेस के एक पड़ाव पर पहुंच जाने के बाद एक लंबी छुट्टी या ब्रेक पर जाने का फैसला विरले ही ले पाते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि एक तरफ तो आपके खुद के मन में भविष्य को लेकर तमाम चिंताएं होती हैं कि क्या आप वापस अपनी उस पोजिशन पर आ पाएंगे? कहीं आप पिछड़ तो नहीं जाएंगे? आर्थिक चुनौतियां अलग होती हैं, उस पर दोस्त-रिश्तेदार भी हतोत्साहित ही करते हैं। ऐसे में, बहुत से लोग न चाहते हुए भी बेमन से उसी काम में जुटे रहते हैं। लेकिन आमिर या उनसे पहले ऐक्टिंग से ब्रेक लेने वाले शाहरुख खान कमोबेश करियर के उस मुकाम पर पहुंच चुके हैं, जहां उन्हें ये सब सोचने की जरूरत नहीं। अपनी फिल्मों के न चलने, खासकर ‘जीरो’ के फ्लॉप होने के बाद ऐक्टिंग से दूरी बनाने वाले शाहरुख ने साफ कहा कि वे फिल्ममेकिंग के प्रॉसेस को एंजॉय नहीं कर रहे थे, इसलिए उन्होंने करीब डेढ़ साल का ब्रेक लिया। शाहरुख के शब्दों में, ‘मेरे लिए बहुत जरूरी है कि मैं जो कर रहा हूं, उसके लिए सबसे ज्यादा एक्साइटेड महसूस करूं। मैं तीस सालों से काम कर रहा हूं, मैं 16 घंटे काम करता हूं तो अगर आपको वो काम एक्साइट नहीं करता, तो आप सुबह उठेंगे नहीं, खासकर मैं जिस स्टेज पर हूं। मैंने 80 फिल्में की हैं, मैंने बहुत कड़ी मेहनत की है, अपने काम से करियर बनाया, कुछ संतोषप्रद रोल भी किए, तो इस स्टेज पर अगर मुझे कुछ ऐसा नहीं मिलता, जो कमाल का अद्भुत और एक्साइटिंग हो, तो मेरे काम करने का कोई मतलब नहीं बनता।’ शाहरुख अब चार सालों के बाद ‘डंकी’, ‘पठान’ और ‘जवान’ जैसी फिल्मों के साथ नए अंदाज में दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए तैयार हैं।

अनुष्का शर्मा ने भी लिया इस वजह से ब्रेक
इसी तरह, फिल्म जीरो में शाहरुख की को-स्टार रहीं अनुष्का शर्मा भी उस फिल्म के बाद पर्दे पर नजर नहीं आई हैं। हालांकि, अनुष्का के इस प्रफेशनल ब्रेक के दौरान निजी जिंदगी में शादी, मां बनने जैसे बदलाव भी आए, लेकिन अनुष्का बताती हैं कि उन्होंने भी ये ब्रेक जानबूझकर खुद को बतौर ऐक्टर तरोताजा करने के लिए लिया था। करीब चार साल के बाद फिल्म चकदा एक्सप्रेस में नजर आने वाली अनुष्का कहती हैं, ‘मुझे लगता है कि मैं उस पॉइंट पर पहुंच चुकी हूं, जहां मुझे सिर्फ इसलिए फिल्म साइन करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मुझे कुछ करना है या चर्चा में रहना है। मुझे सच में लगता है कि क्रिएटिव लोगों को ब्रेक लेना चाहिए, जो मैंने ‘जीरो’ के बाद लिया। मैं कुछ वक्त लेकर खुद को नए तरह से तैयार करना चाहती थी, क्योंकि उससे पहले मेरे तीन साल बहुत ज्यादा हेक्टिक थे और मैं लगातार फिल्में शूट कर रही थी।’ बात सही भी है, अगर किसी काम में आपका सौ फीसदी मन ही नहीं है, तो आप न तो उसमें अपना बेस्ट दे पाएंगे और न ही वो कामयाबी हासिल कर पाएंगे। इसलिए, कुछ वक्त पीछे हटकर, वक्त लेकर, सोच समझकर वापसी करने में कोई बुराई नहीं है।

कभी-कभी ब्रेक जरूरी होता है
विज्ञान और रिसर्च भी यह कहता है कि अक्सर इंसान एक ही तरह का काम करते-करते फोकस्ड नहीं महसूस करता, ऊबने लगता है। इसकी वजह ये है कि हमारा दिमाग लगातार किसी चीज पर फोकस रहने के लिए नहीं बना। हमारा दिमाग जिंदगी से जुड़ी बहुत ही चीजों के बारे में सोचता रहता है, इसलिए अगर हम एक चीज पर बहुत ज्यादा फोकस करेंगे तो यह ज्यादा समय तक कारगर नहीं होगा। जरूरी है कि कुछ समय के लिए उस चीज से ध्यान हटा लिया जाए। यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय के साइकोलॉजी प्रफेसर एलेजैंड्रो लीरास समझाते हैं, ‘अपने लक्ष्य को डीएक्टिवेट और रीएक्टिवेट करके आप फोकस्ड रह सकते हैं। रिसर्च कहता है कि ब्रेक आपको अपने टास्क के प्रति फोकस्ड बनाता है।’ असल में, हमारा दिमाग दो मोड में काम करता है। एक फोकस्ड मोड, जब आप कुछ सीखने, काम करने, लिखने आदि में तल्लीन रहते हैं और दूसरा डिफ्यूज्ड मोड, जब आप रिलैक्स रहते हैं या बहुत कुछ गंभीर नहीं सोच रहे होते हैं। दिमाग की अधिक प्रोडक्टिविटी के लिए डिफ्यूज्ड मोड भी बेहद जरूरी है। इसीलिए, कई बार लोग अपनी कई बड़ी समस्याओं का हल ड्राइविंग करते या नहाते वक्त निकाल लेते हैं। हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू के मुताबिक भी ब्रेक हमें एक कदम पीछे हटकर ये सोचने का मौका देता कि क्या हम सही दिशा में हैं? वही कर रहे हैं जो चाहते हैं, क्योंकि कई बार लगातार काम करते-करते आप यह भूल जाते हैं। इसलिए, ब्रेक लेने में कोई अपराधबोध या झिझक नहीं महसूस करनी चाहिए। आप ब्रेक का इस्तेमाल अपने प्रफेशनल स्किल को बेहतर करने, जिंदगी के नए अनुभव हासिल करने, मेंटल और इमोशनल हेल्थ को बेहतर करने के लिए कर सकते हैं। इससे आप ज्यादा फोकस्ड और क्रिएटिव होकर काम कर पाएंगे।

पहले भी कई सितारों ने लिए ब्रेक और फिर की दमदार वापसी
ऐसे कई उदाहरण हैं, जिन्होंने अपने अपने काम से ब्रेक लेकर नई पहचान और कामयाबी हासिल की। ऐसा ही एक नाम ऐक्ट्रेस ट्विंकल खन्ना का है, जिन्होंने अपने माता-पिता (डिंपल और राजेश खन्ना) के पदचिह्नों पर चलते हुए ऐक्टिंग का करियर अपनाया पर खुद को एक बढ़िया ऐक्ट्रेस साबित न कर सकीं। ऐक्टिंग से छुट्टी लेकर घर-गृहस्थी में रमने के बाद ट्विंकल ने अपने लेखन के हुनर से एक नई पहचान पाई और आज वे एक कामयाब राइटर हैं। ऐसे ही, भारत में केबल टीवी को लाने में अहम भूमिका निभाने वाले फिल्मकार रॉनी स्क्रूवाला ने साल 2011 में अपनी बेहद कामयाब प्रोडक्शन कंपनी यूटीवी को बेचकर सबको हैरान कर दिया था। करीब पांच साल एंटरटेनमेंट से दूर रहने के बाद रॉनी वापस नई कंपनी आरएसवीपी मूवीज के साथ फिल्म निर्माण में वापसी की और उड़ी, स्काई इज पिंक, रश्मि रॉकेट जैसी फिल्मों से नई तरह की कहानियां सुना रहे हैं। एंटरटेनमेंट से इतर भी बात करें, तो सिलेब्रिटी लॉयर आभा सिंह का ही उदाहरण देख लीजिए। एक कामयाब आईएएस रहीं आभा सिंह ने सिविल सेवा की नौकरी छोड़ वकालत के नए पेशे में कदम रखा और देश की सबसे चर्चित वकील और ऐक्टिविस्ट के रूप में अपनी नई पहचान गढ़ी।

क्रिएटिव लोगों को ब्रेक लेना चाहिए
मुझे सच में लगता है कि क्रिएटिव लोगों को ब्रेक लेना चाहिए, जो मैंने ‘जीरो’ के बाद लिया। मैं कुछ वक्त लेकर खुद को नए तरह से तैयार करना चाहती थी।
अनुष्का शर्मा, ऐक्ट्रेस

एक्साइटमेंट नहीं, तो मजा नहीं
मैंने ऐक्टिंग से डेढ़ साल का ब्रेक लिया, क्योंकि मैं फिल्म मेकिंग के प्रॉसेस को इंजॉय नहीं कर रहा था। इस स्टेज पर अगर मुझे कुछ अद्भुत और एक्साइटिंग नहीं मिलता, तो काम करने का कोई मतलब नहीं बनता। – शाहरुख खान, ऐक्टर