‘कोरोना से अलग.. चिकनपॉक्स से मिलता जुलता वायरस..’, LNJP अस्पताल के निदेशक ने मंकीपॉक्स के बारे में क्या जानकारी दी

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‘कोरोना से अलग.. चिकनपॉक्स से मिलता जुलता वायरस..’, LNJP अस्पताल के निदेशक ने मंकीपॉक्स के बारे में क्या जानकारी दी

‘कोरोना से अलग.. चिकनपॉक्स से मिलता जुलता वायरस..’, LNJP अस्पताल के निदेशक ने मंकीपॉक्स के बारे में क्या जानकारी दी

नई दिल्ली: देश में केरल के बाद राजधानी दिल्ली में भी मंकीपॉक्स की एंट्री हो गई है। 31 वर्षीय शख्स के अंदर इस वायरस के लक्षण देखे गए जिसके बाद जांच के बाद पता चला कि उक्त व्यक्ति मंकीपॉक्स से पीड़ित है। मरीज को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज मे भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं है। अब इस वायरस को लेकर एलएनजेपी अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह वायरस कोरोना से अलग है लेकिन सब लोग एहतियात के तौर पर माक्स और सोशल डिस्टेंसिंग का प्रयोग करें।

‘कोरोना वायरस से अलग है मंकीपॉक्स का वायरस’
एलएनजेपी अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि व्यक्ति हमारे पास 2 दिन पहले आया था। भर्ती होने से पहले इसे बुखार के साथ स्किन पर निशान थे। इनकी हालत को देखते हुए हमने इन्हें निगरानी में रखा और टेस्ट के लिए सैंपल पूणे भेजा गया। इनकी रिपोर्ट मंकीपॉक्स पॉजिटिव आई है। ये वायरस कोविड से अलग है।

‘चिकनपॉक्स से मिलता-जुलता वायरस है मंकीपॉक्स’
डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि ये एक DNA वायरस है जिसे हम PCR द्वारा कंफर्म करते है कि मंकीपॉक्स है या नहीं। इनका इलाज हम भारत सरकार और WHO की गाइडलाइन के मुताबिक कर रहे हैं। मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है। ये चिकनपॉक्स से मिलता जुलता वायरस है।

अफ्रीका में मिला था पहला वायरस
एलएनजेपी अस्पताल के निदेशक ने बताया कि इससे बचाव के लिए सबसे महत्वपुर्ण है कि लोग मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। WHO के मुताबिक विश्व में 16,000 से ज्यादा व्यक्ति इससे संक्रमित हैं, करीब 70 लोगों की इससे मृत्यु हुई है। ये वायरस सबसे पहले अफ्रीका में मिला था। आपको बता दें कि WHO ने इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर चुका है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने कहा कि 70 से ज्यादा देशों में इस वायरल इन्फेक्शन का प्रसार बेहद असाधारण स्थिति है। डब्ल्यूएचओ की बैठक में इस बीमारी को इमरजेंसी घोषित करने पर आम सहमति नहीं थी। यह पहली बार है जब बिना आम सहमति के किसी बीमारी को इमरजेंसी करार दिया गया है।

क्या हैं वायरस के लक्षण
एक्सपर्ट्स की मानें तो यह वायरल इंफेक्शन है। इससे संक्रमित होने पर व्यक्ति को फीवर, गले में खराश, सांस में दिक्कत होती है। इसके अलावा इंसान के शरीर में चिकन पॉक्स की तरह रैशेज और दाने बन जाते हैं और यह पूरे शरीर में दिखते हैं। स्मॉल पॉक्स में इस्तेमाल होने वाला वैक्सीन इसमें कारगर हो सकता है। अभी यह फिलहाल अमेरिका में ही उपलब्ध है।

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