कोरोना की दूसरी लहर में अनाथ हुए 250 से ज्यादा बच्चे

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कोरोना की दूसरी लहर में अनाथ हुए 250 से ज्यादा बच्चे

डेढ़ हजार मासूमों से छूटा माता या पिता का साथ

बाल कल्याण योजना के तहत 5000 की सहायता राशि देगी सरकार

भोपाल : कोरोना की दूसरी लहर में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खोया है उनको सरकार पांच हजार रुपए महीने सहायता राशि देने जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग ऐसे बच्चों को तलाशने में जुट गया है। विभाग को अब तक करीब 250 बच्चों की जानकारी मिली है जो माता-पिता का साया उठने के बाद अनाथ हो गए हैं। इसके अलावा बाल आयोग भी बच्चों की जानकारी जुटा रहा है। आयोग के पास दो हजार बच्चों की जानकारी आई है जिनके घर में माता या पिता में से किसी एक की मौत हो गई है। पेंशन देने के लिए इन बच्चों की होम स्टडी और सोशल स्टडी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस योजना में कोरोना के साथ ही किसी अन्य बीमारी से भी जान गंवाने वाले माता-पिता के बच्चों को भी शामिल किया गया है। भारत सरकार को अब तक देशभर से 577 अनाथ बच्चों की जानकारी मिली है। प्रदेश भी केंद्र को अपनी जानकारी भेज रहा है।

दो से ज्यादा बच्चों को भी मिलेगी सहायता राशि :
इस योजना के तहत 1 मार्च से 30 जून 2021 तक हुई मौत को कोविड मौत ही माना जाएगा, चाहे वो मौत कोरोना के अलावा अन्य किसी बीमारी से हुई हो। इस योजना में 24 साल तक के अनाथ बच्चों को शामिल किया जाएगा। योजना के तहत दो बच्चों का कोई प्रावधान नहीं रखा गया यानी सरकार दो से ज्यादा बच्चे होने पर उन सभी को पांच-पांच हजार रुपए प्रतिमाह की सहायता राशि देगी। इन बच्चों को स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की फीस सरकार भरेगी।

बाल आयोग को मिली माता या पिता खोने वाले बच्चों की जानकारी :
– ग्वालियर – 225
– नरसिंहपुर – 230
– भोपाल – 125
– राजगढ़ – 50
– गुना – 40
– विदिशा – 50
– जबलपुर – 150
– इंदौर – 300
– मंदसौर – 100
– रतलाम – 150
– बालाघाट – 80

बच्चों की बनेगी होम स्टडी रिपोर्ट :
महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक विशाल नाडकर्णी कहते हैं कि अभी तक 250 बच्चों की जानकारी आई है जो कोरोना काल में अनाथ हो गए हैं। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत बच्चों के अभिभावकों को तय किया जाएगा। इसके बाद होम स्टडी रिपोर्ट यानी एचएसआर और सोशल स्टडी रिपोर्ट यानी एसएसआर तैयार की जाएगी। इसमें बच्चों के पालने वाले अभिभावकों की पूरी जानकारी, घर का माहौल और सोसाइटी का माहौल देखा जाएगा। यदि दादा-दादी बुजुर्ग हैं तो बच्चों के अन्य रिश्तेदारों को पालन-पोषण की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अभिभावक तय होने के बाद उनके खाते में पांच हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। सरकार बच्चों के अभिभावकों पर निगरानी रखेगी और हर महीने बच्चों के पालन-पोषण की जानकारी लेगी।

माता या पिता को खोने वालों के लिए स्पांसरशिप योजना :
जिन बच्चों के माता या पिता में से किसी एक की मौत हुई है उन बच्चों के लिए सरकार ने स्पांसरशिप योजना शुरु की है। इसके तहत बाल संरक्षण संस्थाओं में बच्चों का पालन-पोषण किया जाता है और उनको दो हजार रुपए की राशि दी जाती है। इन बच्चों को भी इस योजना के तहत सहायता दी जाएगी। जिन बच्चों के माता-पिता अस्पताल में भर्ती हैं उनको रहने के लिए फिट फैसेलिटी दी जाएगी। साथ ही फोस्टर केयर योजना के तहत लोग एक निश्चित समय के लिए इन बच्चों को अपने घर में भी रख सकते हैं। बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान कहते हैं कि उनके पास ऐसे 1500 बच्चों की जानकारी आई है। हम उन लोगों से संपर्क कर रहे हैं जो फोस्टर केयर के तहत बच्चों को कुछ समय के लिए अपने घर में रखकर प्यार और स्नेह दे सकते हैं।



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