कोरोना काल के बीच गाजियाबाद नगर निगम ने बढ़ा दिया हाउस टैक्स, पार्षद से लेकर जनता तक विरोध में

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कोरोना काल के बीच गाजियाबाद नगर निगम ने बढ़ा दिया हाउस टैक्स, पार्षद से लेकर जनता तक विरोध में

तेजेश चौहान, गाजियाबाद
गाजियाबाद नगर निगम ने तमाम जद्दोजहद के बाद हाउस टैक्स में 15% की बढ़ोतरी कर दी है। लेकिन स्थानीय लोगों के अलावा निगम के पार्षद भी इसके विरोध में आ गए हैं। लोगों का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान लोगों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह खराब हो चुकी है। ऊपर से इस तरह का अचानक बोझ पड़ जाना लोगों को बहुत भारी पड़ेगा।

वहीं दूसरी तरफ निगम के कुछ पार्षद भी लोगों का साथ देते हुए नगर निगम के इस फैसले का जमकर विरोध कर रहे हैं। एक पार्षद ने तो सिर मुंडवा कर नगर निगम के इस फैसले का विरोध जताया है।

नगर निगम ने हाउस टैक्स में 15% की वृद्धि की
हाउस टैक्स में वृद्धि को लेकर नगर निगम में हुई बोर्ड बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया, कि कोरोना काल को देखते हुए इस बार हाउस टैक्स में वृद्धि अभी टाल दी जाएगी। लेकिन अचानक ही नगर आयुक्त और मेयर ने हाउस टैक्स में 15% की वृद्धि कर दी है। इसे लेकर कुछ पार्षद इसके विरोध में आ गए हैं। वहीं जनता भी जमकर इसका विरोध कर रही है।

लोगों ने कहा- परिवार चलाना भी मुश्किल है
लोगों का कहना है कि कोरोना काल में भी नगर निगम कमाई की जुगत में लगा हुआ है।जबकि कोरोना काल मे लोगों को अपने परिवार चलाने भी मुश्किल हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का यहां तक कहना है। कि इस बार जिस तरह का बेतुका फैसला लिया गया है। इस फैसले से आगामी चुनाव में निश्चित तौर पर भाजपा को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।

हाउस टैक्स की वृद्धि पर मची रार
बहराल नगर निगम के द्वारा अचानक ही इस दौर में हाउस टैक्स में वृद्धि किए जाने के फैसले को भाजपा के कुछ नेता और कार्यकर्ता भी गलत मान रहे हैं। उधर स्थानीय लोग और पार्षद भी इसका विरोध करते नजर आ रहे हैं। वार्ड 53 के पार्षद मनोज चौधरी ने तो अपना सर मुंडवाकर नगर निगम के इस फैसले का विरोध जताया है। इनके अलावा और भी कई पार्षद ऐसे हैं जो निगम के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।

लखनऊ तक प्रदर्शन की मांग
पार्षद का कहना है कि नगर निगम के इस बेतुके फैसले को रद्द किए जाने को लेकर वह लखनऊ तक जाएंगे और किसी भी हाल में कोरोना काल के दौरान लोगों पर एकाएक पड़ रहे इस बोझ को नहीं पड़ने देंगे। उन्होंने कहा कि लोग अपने जनप्रतिनिधि को मुसीबत के दौर में साथ देने के लिए चुनते हैं। इसलिए वह जनता के साथ हैं और उनका यह कर्तव्य बनता है।

सांकेतिक तस्वीर

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