कोई लापरवाही नहीं

78


कोई लापरवाही नहीं

केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को दी गई यह सूचना राहत देने वाली है कि देश में 18 साल से ऊपर की कुल आबादी का 69 फीसदी हिस्सा टीके का कम से कम एक डोज ले चुका है। एक चौथाई यानी 25 फीसदी आबादी को टीके के दोनों डोज लग चुके हैं। तय किए गए लक्ष्य के हिसाब से भले ही कम हो, लेकिन जिन सीमाओं और मजबूरियों के बीच टीकाकरण अभियान चलाना पड़ा है उन्हें देखते हुए यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं कही जाएगी।

देश में अब तक 88.9 करोड़ शॉट लगाए जा चुके हैं। प्रति सौ व्यक्तियों पर 63 शॉट का यह अनुपात 79.4 शॉट के वैश्विक औसत के लिहाज से बुरा नहीं है। इस बीच कोरोना संक्रमण के मोर्चे पर भी देश में हालात संतोषजनक दिख रहे हैं। सितंबर में पूरे महीने कोरोना से हुई मौत का प्रतिशत एक से कम (0.97 फीसदी) रहा। इस साल अप्रैल के बाद से यह पहला मौका है जब सीएफआर (मौत दर) इतनी कम पाई गई हो। पिछले हफ्ते कोरोना संक्रमण के कुल मामलों का 59.66 फीसदी केवल केरल में रेकॉर्ड किए गए हैं। यानी बाकी पूरे देश में हालात काफी हद तक काबू में हैं। निश्चित रूप से ये सारे तथ्य उत्साह बढ़ाने वाले हैं। लेकिन भूलना नहीं चाहिए कि यह वायरस न केवल रूप बदलने बल्कि जाते-जाते भी पलटकर हमला करने की अपनी क्षमता दिखा चुका है।

Breakfast in Coronavirus Time: कोरोना काल में करीब आधे शहरी युवाओं ने नहीं किया ब्रेकफास्ट, इस सर्वे ने किए कई चौंकाने वाले खुलासे!
दुनिया के कई देशों में जब इस चुनौती को करीब करीब समाप्त मान लिया गया, तब इसका पहले से भी ज्यादा गंभीर रूप सामने आ गया। अपने देश में भी जब कोरोना से सफलतापूर्वक निपटने की घोषणाएं होने लगीं, उसके लिए बधाइयां दी जाने लगीं, तब इसकी दूसरी लहर आई, जिसने पहली लहर के कहर को पीछे छोड़ दिया। इसलिए ठीक ही सरकार ने टीकाकरण मुहिम की उपलब्धियां दर्शाते हुए भी लोगों को आगाह किया है कि किसी भी सूरत में सावधानियां बरतना कम न करें।

navbharat times -Mumbai Garba News: मुंबई में कोविड की तीसरी लहर का डर, इस साल भी गरबा-डांडिया नहीं
अभी त्योहारों का सीजन आने वाला है। सामूहिकता इन त्योहारों की खास विशेषता होती है। बाजारों में जाकर खरीदारी करना भी इन त्योहारों का अनिवार्य माना जाने वाला हिस्सा होता है। लेकिन यह भी साफ है कि सार्वजनिक स्थानों पर भीड़भाड़ संक्रमण फैलाने का सबसे बड़ा जरिया होती है। चुनाव रैलियों का रेला और कुंभ में जुटी भीड़ दूसरी लहर के लिए खास तौर पर जिम्मेदार माने जाते हैं। ऐसे में खास ध्यान रखने की जरूरत है कि इस बार वायरस को हमारी लापरवाहियों की ढाल न मिले। दुर्गापूजा से लेकर छठ तक तमाम त्योहारों में भीड़भाड़ से बचने को लेकर गाइडलाइन सरकार ने जारी कर दी है। मगर उस पर पालन हम सबको ही सुनिश्चित करना होगा। आखिर इसका नफा-नुकसान भी प्राथमिक तौर पर हमारे ही हिस्से में आना है।

Coronavirus-Test



Source link