‘कुछ नहीं, बस आप आ जाइए’, रात में फोन पर पत्नी ने कही ये बात, सुबह आई CRPF जवान के मौत की खबर

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‘कुछ नहीं, बस आप आ जाइए’, रात में फोन पर पत्नी ने कही ये बात, सुबह आई CRPF जवान के मौत की खबर

चंदन कुमार, भोजपुर
छत्तीसगढ़ के सुकमा में सनसनीखेज मामला सामने आया जब सीआरपीएफ (Sukma CRPF Camp Firing Update) के एक जवान ने अपने ही साथी जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में चार जवानों की मौत हो गई। मरने वालों में एक जवान बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले थे। उनका नाम राजमणि यादव है, उनकी अचानक मौत से बिहिया प्रखंड स्थित उनके गांव समरदह में परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी बस यही कह रहीं कि ‘पियवा अकेले छोड़कर कहां चल गइल।’

पति के बारे में सुनकर पत्नी रिंकी देवी का रो-रोकर बुरा हाल
जानकारी के मुताबिक, सीआरपीएफ जवान राजमणि यादव दिवाली पर घर आने वाले थे। लेकिन छुट्‌टी नहीं मिलने के कारण अब 14 नवंबर को वापसी की तैयारी थी। इससे पहले ही ये सनसनीखेज वारदात सामने आ गई। पत्नी रिंकी देवी को जब से पति के मौत की जानकारी मिली है उनके आंसू थम नहीं रहे। बताया जा रहा कि रविवार रात पत्नी से राजमणि यादव की बात हुई थी।

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रात ही फोन पर पति राजमणि यादव से बात में रिंकी ने कही थी बस ये बात
फोन पर बातचीत में पत्नी रिंकी ने राजमणि यादव से बस यही कहा था कि ‘मुझे कुछ नहीं चाहिए, बस आप आ जाइए।’ हालांकि, उस समय पूरी बात भी नहीं हो पाई थी कि फोन कट गया। इसके बाद सोमवार सुबह उनकी मौत की खबर से हर कोई सन्न रह गया। जैसे ही उनके मौत का दुखद समाचार मिला परिवार के लोग गमगीन हो गए। बड़े भाई और उनकी चार बहनों के आंसू भी नहीं थम रहे। आसपास के लोग इस दुख की घड़ी में परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए पहुंचे हुए हैं।

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गांव में काफी लोकप्रिय थे राजमणि यादव
बताया जा रहा कि राजमणि यादव का पूरा परिवार जगदीशपुर प्रखंड के दुल्हिनबाजार में अपना घर बना कर रहता था। गांव में काफी लोकप्रिय रहे सीआरपीएफ जवान राजमणि यादव की इस तरह से अचानक मौत को यहां के लोग मानने को तैयार नहीं हो रहे। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि राजमणि यादव उनके बीच नहीं हैं। बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ जवान सामाजिक कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। उनके पिता बिहार पुलिस में दरोगा थे। जिनकी 2 साल पहले ही मौत हो गई थी।

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सितंबर में गांव आए थे राजमणि कुमार यादव
बताया जा रहा है कि इसी साल सितंबर महीने में राजमणि कुमार यादव अपने गांव आए थे। परिवार के लोग यही कह कर रो रहे हैं कि आखिर इतनी जल्दी क्यों चला गया। 2011 में सीआरपीएफ के 50वीं बटालियन में राजमणि कुमार यादव शामिल हुए थे।

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