किसान आंदोलन में पुलिसवालों की पिटाई, राकेश टिकैत बोले- सादी वर्दी में होंगे इसलिए पहचान नहीं पाए

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किसान आंदोलन में पुलिसवालों की पिटाई, राकेश टिकैत बोले- सादी वर्दी में होंगे इसलिए पहचान नहीं पाए

हाइलाइट्स:

  • सिंघु बॉर्डर पर दिल्‍ली पुलिस के दो असिस्‍टेंट सब-इंस्‍पेक्‍टर्स की पिटाई
  • प्रदर्शनकारी किसानों पर लगा आरोप, नरेला थाने में एफआईआर दर्ज
  • किसान नेता राकेश टिकैत बोले- सिविल ड्रेस में आए होंगे पुलिसवाले
  • मीडिया के लोग समझ लिया होगा, हमारे लोग मारपीट नहीं करते: टिकैत

नई दिल्‍ली
किसान आंदोलन से एक नया विवाद जुड़ गया है। दिल्‍ली पुलिस के दो असिस्टेंट सब-इंस्‍पेक्‍टर्स की कथित रूप से कुछ आंदोलनकारी किसानों ने पिटाई कर दी। घटना 10 जून की बताई जा रही है। सिंघु बॉर्डर पर दोनों पुलिसकर्मी फोटो खींच रहे थे। आरोप है कि आपत्ति के बाद कुछ किसानों ने उन्‍हें पीट दिया। नरेला पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई है।

वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने पूरी घटना को डाउनप्‍ले करने की कोशिश की। टिकैत ने कहा, “वो(पुलिसकर्मी) सिविल ड्रेस में होंगे, उनको लगा होगा कि चैनल के लोग हैं और हमें गलत तरह से दिखाते हैं। हमारे लोग मारपीट नहीं करते।”

‘सरकार चाहती है कि पंगेबाजी करे’
टिकैत ने कहा कि ‘पुलिस और सरकार तो चाहती है कि हम किसानों के साथ पंगेबाजी करें।’ FIR के अनुसार, दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच के दो असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर्स ने 10 जून को सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल की तस्वीरें खींची। इसके बाद प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने उन पर कथित रूप से हमला किया।

ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा ‘दुष्‍कर्म हॉटस्‍पॉट’
सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को लेकर एक ट्रेंड चल रहा है। आंदोलन स्‍थल पर एक और महिला के साथ यौन उत्‍पीड़न की घटना सामने आई है। ट्विटर पर #दुष्कर्म_हॉटस्पॉट_आन्दोलनजीवी हैशटैग के साथ ‘किसानों का असली चेहरा’ सामने लाने की मांग हो रही है। कुछ यूजर्स ने ‘राकेश टिकैत और गैंग’ को भी आड़े हाथों लिया है। बीजेपी के कई नेताओं ने हैशटैग के साथ ट्वीट किए हैं।

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26 जून को राजभवन पर धरना
किसानों ने आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर 26 जून को देशभर में राजभवनों पर धरना देने का प्‍लान बनाया है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा कि वे 26 जून को प्रदर्शन के दौरान काले झंडे दिखाएंगे और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजेंगे। एसकेएम के किसान नेता इंद्रजीत सिंह ने कहा कि इस दिन को ‘‘खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस’’ के रूप में मनाया जाएगा।

सिंह ने कहा, ‘‘यह (26 जून) वह दिन भी है, जब 1975 में आपातकाल घोषित किया गया था और हम इसी दिन अपने आंदोलन के सात महीने पूरे करेंगे। तानाशाही के इस माहौल में खेती के साथ-साथ लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी हमला हुआ है। यह एक अघोषित आपातकाल है।’’

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राकेश टिकैत ने किया मारपीट की घटना का बचाव।

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