कांग्रेस विधायकों को ये सताने लगी चिंता, खराब प्रदर्शन ना तोड़ दें ये सपना

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कांग्रेस विधायकों को ये सताने लगी चिंता, खराब प्रदर्शन ना तोड़ दें ये सपना

राज्य में छह जिलों में पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है और अब इन जिलों के कांग्रेस या निर्दलीय विधायक टिकट बांटने और उम्मीदवारों की जीत के लिए रणनीति बनाने में व्यस्त हो जाएंगे।

जयपुर। राज्य में छह जिलों में पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है और अब इन जिलों के कांग्रेस या निर्दलीय विधायक टिकट बांटने और उम्मीदवारों की जीत के लिए रणनीति बनाने में व्यस्त हो जाएंगे। विधायकों को यह चिंता भी सताने लगी हैं कि कहीं इन चुनावों में वे अपने इलाकों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए तो उनकी ये खराब परफार्मेंस कहीं आगामी संभावित मंत्री बनने में आड़े न आ जाए।

नहीं लेंगे कोई रिस्क— चुनाव की घोषणा होने के बाद अब कांग्रेस पार्टी की ओर से उम्मीदवारों के चयन को लेकर प्रकिया शुरू कर दी जाएगी। इसमें पार्टी की ओर से प्रभारियों की नियुक्ति की जाएगी और वे जिलों में जाकर राय शुमारी कर विधायकों से राय लेंगे। माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से टिकट वितरण में विधायकों की राय को प्रमुखता मिलेगी। ऐसे में विधायक भी कोशिश करेंगे कि मजबूत उम्मीदवार ही मैदान में जाए ताकि पार्टी चुनाव जीत सके। इन उम्मीदवारों की हार विधायकों के भविष्य का भी फैसला करेगी।

इन छह जिलों में होंगे चुनाव
प्रदेश के 6 जिलों भरतपुर, दौसा, जयपुर, जोधपुर, सवाईमाधोपुर, सिरोही के जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव की घोषणा कर दी गई है। 3 चरणों में होने वाने चुनाव के लिए 26 अगस्त, 29 अगस्त और 1 सितंबर को मतदान होगा, जबकि 4 सितंबर को संबंधित जिला मुख्यालयों पर मतगणना करवाई जाएगी। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही इन सभी 6 जिलों के जिला परिषद एवं पंचायत समिति निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचरण संहिता के प्रावधान तुरन्त प्रभाव से लागू हो गए हैं, जो चुनाव प्रक्रिया समाप्ति तक लागू रहेंगे।

चुनावी रैली और सभाओं पर प्रतिबंध—
कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए सब प्रकार की चुनावी रैली, आम सभाओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उम्मीदवार केवल 5 समर्थकों के साथ घर-घर जाकर जनसंपर्क कर सकेंगे। वर्तमान हालात को देखते हुए मतदान के समय में बढ़ोतरी करते हुए मतदान का समय प्रातः 7.30 बजे से सायं 5.30 बजे तय किया गया है। इसके साथ ही नामांकन पत्रों को प्रस्तुत करने के लिए भी उम्मीदवार को 1 दिन अतिरिक्त दिया गया है, ताकि भीड़ से बचते हुए आवेदन किया जा सके।

11 अगस्त से नामांकन प्रांरभ —
तीनों चरणों के चुनाव के लिए 11 अगस्त को अधिसूचना जारी होगी। नामांकन 16 अगस्त तक 3 बजे तक पेश किए जा सकेंगे। 15 अगस्त को (रविवार) को नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुुत नहीं होंगे। जांच 17 अगस्त को की जाएगी, जबकि 18 अगस्त अपरान्ह 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। नाम वापसी के तुरंत बाद चुनाव प्रतीकों का आवंटन एवं चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा। 4 सितंबर को जिला मुख्यालयों पर प्र्रातः 9 बजे से मतगणना प्रारंभ हो जाएगी। प्रमुख, प्रधान का चुनाव 6 सितंबर को जबकि उप प्रमुख, उप प्रधान का चुनाव 7 सितंबर को होगा।

कोविड दिशा-निर्देशों की होगी कड़ाई से पालना
चुनाव के दौरान केंद्र, राज्य सरकार और आयोग की कोविड गाइडलाइन की पूर्ण पालना की जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि इन आम चुनाव में चुनाव कार्य, मतदान दलों में नियुक्त किए जाने वाले कार्मिकों को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी हो। इसके लिए नियोजित किए जाने वाले कार्मिकों के लिए आवश्यकतानुसार प्राथमिकता के आधार पर शिविर का आयोजन कर उनका टीकाकरण किया जाए।

अभ्यर्थियों के लिए चुनाव खर्च सीमा—
उम्मीदवारों के लिए चुनाव के दौरान वाहनों एवं लाउडस्पीकरों के उपयोग के लिए युक्तियुक्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। इनमें कट आउट, होर्डिग्स, पोस्टर एवं बैनरों के प्रदर्शन को कम करने के लिए जिला परिषद सदस्य 1,50 हजार रुपए और पंचायत समिति सदस्य 75 हजार रुपए खर्च कर सकेगा।

फैक्ट फाइल—
छह जिलों में चुनाव
77 लाख 94 हजार 3 सौ मतदाता
200 जिला परिषद सदस्य
1564 पंचायत समिति सदस्य
6 जिला प्रमुख, उप जिला प्रमुख
78 प्रधान, उप प्रधानों का चुनाव



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