ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या चोट के चलते एक और टूर्नामेंट से हटे! मुंबई में रिहैबिलिटेशन कर रहे

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ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या चोट के चलते एक और टूर्नामेंट से हटे! मुंबई में रिहैबिलिटेशन कर रहे

भारतीय टीम से बाहर चल रहे ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने बुधवार से शुरू हो रही विजय हजारे ट्रॉफी (नेशनल वनडे क्रिकेटटूर्नामेंट) में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है क्योंकि वह गेंदबाजी फिटनेस हासिल करने के लिए कड़ी रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। बीसीए के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘बड़ौदा क्रिकेट संघ (बीसीए) ने विजय हजारे ट्रॉफी के लिए उपलब्धता के बारे में पूछते हुए हार्दिक को ईमेल भेजा था। पिछले तीन साल में वह बमुश्किल ही बड़ौदा की ओर से खेला है। हालांकि उसने एक लाइन में जवाब दिया है कि वह अभी मुंबई में रिहैबिलिटेशन से गुजर रहा है।’ 

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हार्दिक की चोट के बारे में पूछने पर अधिकारी ने कहा, ‘बीसीए को भी इसकी जानकारी नहीं है। समझा जा रहा है कि वह अपनी कमर को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है जो 2019 में सर्जरी के बाद से काफी अच्छी स्थिति में नहीं है। ‘ अधिकारी ने बताया कि हार्दिक के बड़े भाई कृणाल एक हफ्ते के बड़ौदा के सत्र पूर्व हजारे शिविर से जुड़ गए थे क्योंकि राज्य बोर्ड ने उन्हें निर्देश दिया था कि टीम का हिस्सा बनने के लिए शिविर में हिस्सा लेना अनिवार्य है। सूत्र ने कहा, ‘बीसीए ने कृणाल से कहा कि वह सिर्फ टूर्नामेंट के दौरान टीम का हिस्सा नहीं बन सकता और उसे शिविर का भी हिस्सा बनना होगा। इसके बाद वह आया और टीम के साथ एक हफ्ते ट्रेनिंग की।’

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अगर हार्दिक घरेलू टूर्नामेंट में नहीं खेलते हैं तो भारत की सीमित ओवरों की टीम में उनकी वापसी पर विचार नहीं किया जाएगा। सूत्र ने कहा, ‘मौजूदा राष्ट्रीय चयन समिति ने उन सभी खिलाड़ियों को जो भारतीय टीम का हिस्सा नहीं है, कह दिया है कि वे घरेलू क्रिकेट- हजारे और रणजी ट्रॉफी में खेलें।’ माना जा रहा है कि अपने करियर को लंबा खींचने के लिए हार्दिक अब टेस्ट क्रिकेट में खेलने के इच्छुक नहीं हैं और मुख्य रूप से टी20 और वनडे पर ध्यान देंगे लेकिन इसके लिए उन्हें नियमित रूप से गेंदबाजी शुरू करने की जरूरत है। मुंबई में रिहैबिलिटेशन के बावजूद हार्दिक को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में वहां के कोच के समक्ष फिटनेस साबित करनी होगी और इसके बाद ही राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए उनके नाम पर विचार किया जाएगा। ऐसा समय था जब भारतीय खिलाड़ियों को एनसीए से फिटनेस प्रमात्र पत्र लेना होता था लेकिन तत्कालीन क्रिकेट निदेशक राहुल द्रविड़ के प्रभार संभालने के बाद यह प्रक्रिया बदल गई। 

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द्रविड़ ने प्रत्येक खिलाड़ी के लिए एनसीए में आकर कोच, ट्रेनर और फिजियो के समक्ष जरूरी फिटनेस परीक्षण के लिए पेश होना अनिवार्य कर दिया और इसके बाद ही उन्हें मैचों में खेलने की स्वीकृति दी जाती है। श्रेयस अय्यर को भी एनसीए में एक हफ्ता बिताने के बाद इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने की स्वीकृति दी गई थी। दक्षिण अफ्रीका में भारत 19 जनवरी से तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलेगा और अगर टीम का चयन बाद में किया जाता है तो भी अगर हार्दिक गेंदबाजी नहीं करते हैं तो उनका चयन नहीं किया जाएगा। 



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