एनएएस की जद में निजी स्कूल भी आए, 1.25 लाख छात्रों पर नजर

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एनएएस की जद में निजी स्कूल भी आए, 1.25 लाख छात्रों पर नजर

चार कक्षाओं में परीक्षा से जांचा जाएगा जबलपुर जिले में शैक्षिक स्तर, सेम्पल स्कूलों का चयन उसी वक्त होगा

 

 

यह होगी छात्रों की संख्या
-कक्षा तीन के 28,000 छात्र
-कक्षा पांच के 35,000 छात्र
-कक्षा आठ के 42,000 छात्र
-कक्षा 10 के 24,000 छात्र

इतने स्कूल शामिल
-652 सरकारी स्कूल
-300 प्राइवेट स्कूल
-150 हाईस्कूल
-2017 में हुआ था सर्वे
-16वें नंबर पर था जिला
-17वें नंबर पर था प्रदेश

जबलपुर। सरकार की ओर तीन साल बाद स्कूलों में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे (एनएएस) कराया जा रहा है। इसे लेकर शिक्षा विभाग के अफसरों की धड़कनें बढऩे लगी हैं। वहीं अब इस सर्वे में प्राइवेट स्कूलों को भी शामिल कर लिया गया है। अब सरकारी और प्राइवेट सभी स्कूलों में औचक परीक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों की शैक्षणिक दक्षता का स्तर परखा जाएगा। जिले में करीब 1.25 लाख छात्र इन कक्षाओं में अध्ययनरत हैं। कोरोना काल के दौरान बच्चों की छूटी पढ़ाई और कोर्स पूरा कराने को लेकर स्कूलों का अमला पहले ही परेशान है। सर्वे में कक्षा-3, कक्षा-5 कक्षा-8 और कक्षा-10 के कितने स्कूलों को शामिल किया जाएगा, यह स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। परीक्षा के दौरान ही इस पर निर्णय होगा कि कितने स्कूलों को रेंडम के आधार पर चुना जाएगा।
मॉक टेस्ट से शुरू हुई तैयारी
12 नवंबर को जिले के स्कूलों में सर्वे होगा। हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषयों से सम्बंधित सवाल पूछे जाएंगे। फिलहाल स्कूलों में शिक्षक मॉक टेस्ट करवाने में व्यस्त हैं। राज्य शिक्षा केंद्र से पेपर, प्रश्न बैंक आदि सामग्री अध्ययन के लिए पहुंचाई गई हैं। हाईस्कूल के लिए 3 प्रैक्टिस सेशन बनाए गए हैं। सितंबर का प्रारंभिक सेशन होने के बाद अब 6-11 अक्टूबर एवं 25-30 अक्टूबर तक फाइन सेशन होगा। इसके बाद मुख्य परीक्षा होगी।
क्या है एनएएस
आरटीई एक्ट 2009 के अंतर्गत 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार प्रदान किया गया है। प्रत्येक कक्षा स्तर पर बच्चों की शैक्षिक उपलब्धि को जानना आवश्यक है। इस हेतु नियमित अंतराल पर राष्ट्रीय स्तर पर दक्षता आधारित राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे का आयोजन होता है। इसके पहले नवंबर 2017 में यह आयोजन हुआ था।

-एनएएस में अब निजी स्कूलों को भी शामिल किया गया है। जिले में मॉक टेस्ट के माध्यम से आवश्यक तैयारी शुरू कर दी गई है। रेंडम के आधार पर स्कूलों का चयन किया जाएगा।
-डॉ. आरपी चतुर्वेदी, जिला परियोजना समन्वयक






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