एक ऐसी जेल जहां के कैदियों में भी है प्रोफेशनल डिग्री-डिप्लोमा का क्रेज | inmates also have a craze for professional degree-diploma | Patrika News

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एक ऐसी जेल जहां के कैदियों में भी है प्रोफेशनल डिग्री-डिप्लोमा का क्रेज | inmates also have a craze for professional degree-diploma | Patrika News

केस 1- योगेंद्र सिंह, 32 वर्ष
: जुर्म: हत्या, सजा: आजीवन कारावास, 13 साल से जेल में।
: हिंदी साहित्य में एमए, रामचरित मानस से सामाजिक विकास का डिप्लोमा कर रहे हैं। केस 2- सुजीत गौतम 30 वर्ष
: जुर्म: हत्या, सजा: आजीवन कारावास, 12 साल से जेल में बंद।
: भोज विश्वविद्यालय से एमबीए कर रहे हैं।

किस कोर्स में कितने कैदी
जेलर रामकृष्ण चौरे के अनुसार बीते वर्ष भोज के कोर्स शुरू होने से प्रोफेशनल कोर्स में और इजाफा हो गया है। एमबीए में एक, एमएसडब्ल्यू में एक, डिप्लोमा इन रूरल डेवलपमेंट में पांच, फूड न्यूट्रिशन डिप्लोमा में 59, रामचरित मानस से सामाजिक विकास में दो कैदियों ने दाखिला लिया है।

इससे पहले भी मप्र की जेलों में कोरोना काल में भी चली थीं कक्षाएं…
वहीं साल 2020 में जब पूरे देश में स्कूल-कॉलेज बंद थे, उस समय भी मध्य प्रदेश की जेलों में तो ज़ोर-शोर से पढ़ाई चल रही थी। यहां रोज कक्षाएं लग रही थी। ऐसे में यहां वे नन्हे-मुन्ने पढ़े, जो जेल में बंद कैदी और महिला कैदियों के साथ जेल में रह रहे थे।

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देश भर के स्कूल कॉलेज और दूसरे शिक्षण संस्थान बंद हैं, लेकिन मध्य प्रदेश की जेलों में पाठशालाओं के गेट अब भी खुले हुए हैं। यहां रोज प्ले स्कूल से लेकर कॉलेज की क्लासेस लग रही हैं। यहां एक क्लास भी मिस नहीं की जा रही। बाकी देश में ऑन लाइन क्लासेस चल रही हैं लेकिन जेल में तो आम दिनों की तरह कक्षाएं लग रही हैं।





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