उस दिन असम में ऐसा क्या हुआ था, जो अमिताभ बच्चन ने राजनीति छोड़ने का कर लिया था फैसला!
अमिताभ बच्चन। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मेगास्टार। आज (11 अक्टूबर) को वो अपना 80वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। ये बात कहने में कोई संशय नहीं है बिग बी इस देश के सबसे बड़े सुपरस्टार हैं। पांच दशक से ज्यादा के उनके करियर में उन्होंने सबका दिल जीता है। वो पूरे देश के सबसे पसंदीदा शख्सियतों में से एक हैं। लेकिन, एक समय ऐसा भी आया था, जब इस एक्टर के प्रति लोगों का प्यार कम हो गया था। ये वो समय था, जब मेगास्टार ने एक्टिंग की दुनिया से ब्रेक लेकर राजनीति की दुनिया में कदम रखा था। आइये जानते हैं इस किस्से के बारे में।
साल 1984 की बात है। यानी 38 साल पहले अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने एक्टिंग की दुनिया से ब्रेक ले लिया था। राजीव गांधी लंबे समय से उनके फैमिली फ्रेंड रहे थे। ऐसे में उन्हें सपोर्ट करने के लिए बिग बी राजनीति की दुनिया में उतर गए। उनके पक्ष में 68 प्रतिशत वोटिंग हुई थी और वो 8वां लोकसभा इलेक्शन जीत गए थे। हालांकि, बोफोर्स घोटाले में उनका नाम सामने आने के बाद जुलाई, 1987 में उन्होंने अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन अमिताभ बच्चन के अनुसार राजनीति छोड़ने का यही मुख्य कारण नहीं था। उन्होंने राजनीति छोड़ने का कारण असम में एक छोटी सी घटना से प्रभावित होने को बताया था।
असम में ये हुआ था
असम में ऐसा क्या हुआ, जिसने Amitabh Bachchan को अपने राजनीतिक करियर के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया! इसका जिक्र उन्होंने अपने ब्लॉग में किया था। उन्होंने लिखा है कि असम में कांग्रेस के लिए प्रचार करते समय एक गलत फैसले की वजह से उनके हेलिकॉप्टर को गलत डेस्टिनेशन पर उतरने को मजबूर होना पड़ा था। ये अपोजिशन (विपक्ष) का काम था। वहां तुरंत फिजिकल रिएक्शन हुआ और पायलट ने तुरंत एग्जिट कराया। एक यंग स्टूडेंट घेरा तोड़ने में कामयाब हो गया। वो दौड़कर आया और एक कागज का टुकड़ा दिया। इस पेपर ने अमिताभ बच्चन को बहुत ज्यादा ट्रिगर किया।
पेपर पर ये लिखा था…
इस पेपर पर लिखा था, ‘मिस्टर बच्चन, मैं आपका बहुत बड़ा फैन हूं, लेकिन मैं अपोजिट पार्टी के साथ हूं। प्लीज आप स्टेट छोड़ दें। आप मेरे लिए लाइफ को बहुत कठिन बना रहे हैं, क्योंकि मैं दो इच्छाओं के बीच फंसा हुआ हूं।’
सोचने पर मजबूर हुए ‘शहंशाह’
एक यंग स्टूडेंट के इस लेटर ने अमिताभ बच्चन को अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया। उस वक्त ‘शहंशाह’ संघर्ष की स्थिति में थे। उन्होंने खुद कहा है कि ‘ये एक इमोशनल दलील थी, जिसने मुझे लंबा और कठिन सोचने पर मजबूर कर दिया।’
साल 1984 की बात है। यानी 38 साल पहले अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने एक्टिंग की दुनिया से ब्रेक ले लिया था। राजीव गांधी लंबे समय से उनके फैमिली फ्रेंड रहे थे। ऐसे में उन्हें सपोर्ट करने के लिए बिग बी राजनीति की दुनिया में उतर गए। उनके पक्ष में 68 प्रतिशत वोटिंग हुई थी और वो 8वां लोकसभा इलेक्शन जीत गए थे। हालांकि, बोफोर्स घोटाले में उनका नाम सामने आने के बाद जुलाई, 1987 में उन्होंने अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन अमिताभ बच्चन के अनुसार राजनीति छोड़ने का यही मुख्य कारण नहीं था। उन्होंने राजनीति छोड़ने का कारण असम में एक छोटी सी घटना से प्रभावित होने को बताया था।
असम में ये हुआ था
असम में ऐसा क्या हुआ, जिसने Amitabh Bachchan को अपने राजनीतिक करियर के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया! इसका जिक्र उन्होंने अपने ब्लॉग में किया था। उन्होंने लिखा है कि असम में कांग्रेस के लिए प्रचार करते समय एक गलत फैसले की वजह से उनके हेलिकॉप्टर को गलत डेस्टिनेशन पर उतरने को मजबूर होना पड़ा था। ये अपोजिशन (विपक्ष) का काम था। वहां तुरंत फिजिकल रिएक्शन हुआ और पायलट ने तुरंत एग्जिट कराया। एक यंग स्टूडेंट घेरा तोड़ने में कामयाब हो गया। वो दौड़कर आया और एक कागज का टुकड़ा दिया। इस पेपर ने अमिताभ बच्चन को बहुत ज्यादा ट्रिगर किया।
पेपर पर ये लिखा था…
इस पेपर पर लिखा था, ‘मिस्टर बच्चन, मैं आपका बहुत बड़ा फैन हूं, लेकिन मैं अपोजिट पार्टी के साथ हूं। प्लीज आप स्टेट छोड़ दें। आप मेरे लिए लाइफ को बहुत कठिन बना रहे हैं, क्योंकि मैं दो इच्छाओं के बीच फंसा हुआ हूं।’
सोचने पर मजबूर हुए ‘शहंशाह’
एक यंग स्टूडेंट के इस लेटर ने अमिताभ बच्चन को अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया। उस वक्त ‘शहंशाह’ संघर्ष की स्थिति में थे। उन्होंने खुद कहा है कि ‘ये एक इमोशनल दलील थी, जिसने मुझे लंबा और कठिन सोचने पर मजबूर कर दिया।’