उत्तर प्रदेश में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए हुई महत्वपूर्ण बैठक, पढ़िए पूरी खबर

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उत्तर प्रदेश में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए हुई महत्वपूर्ण बैठक, पढ़िए पूरी खबर

21 जुलाई तक प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण कराया जाए सुनिश्चित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किये जाने के लिए यूपीडा द्वारा ग्राम भटगांव की प्रस्तावित भूमि के अर्जन,क्रय करने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में शिविर कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी को बताया गया कि उत्तर प्रदेश में में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किये जाने हेतु यूपीडा द्वारा ग्राम भटगांव की प्रस्तावित भूमि के प्रथम चरण में 67.291 हे भूमि शामिल है। प्रस्तावित भूमि में 13.513 हे0 भूमि ग्रामसभा आदि की तथा 53.778 हे0 प्राइवेट भूमि है।

जिलाधिकारी द्वारा बैठक में निर्देश दिया गया है कि प्राईवेट भूमि आपसी सहमति के आधार पर 25.06.2021 तक क्रय करने की कार्यवाही पूर्ण कर लिया जाए तथा ग्रामसभा की भूमि के पुर्नग्रहण की कार्यवाही 19.06.2021 तक पूर्ण कर ली जाए। बैठक में बताया गया कि उत्तर प्रदेश में में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किये जाने हेतु यूपीडा द्वारा ग्राम भटगांव की प्रस्तावित भूमि के द्वितीय चरण में 81.00 हे0 भूमि शामिल है। प्रस्तावित भूमि में 23.00 हे0 भूमि ग्रामसभाआदि की तथा 58.00 हे0 प्रोइवेट भूमि है।

द्वितीय चरण में शामिल प्राईवेट भूमि क्रय करने के लिए जिलाधिकारी द्वारा निम्नवत् टाइमलाइन दी गई।

1) उप जिलाधिकारी, सरोजनीनगर, लखनऊ द्वारा 22-06-2021 तक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया जाए।

2) तहसील सरोजनीनगर से प्राप्त प्रस्ताव अनुमोदन के लिए 24-6-2021 तक यूपीडा को भेजने की कार्यवाही की जाए।

3) यूपीडा से अनुमोदन प्राप्त होने पर प्रस्तावित भूमि का विवरण 2 कार्य दिवस में यथा 03-07-2021 तक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित कराते हुए आपत्तियों को प्रस्तुत करने का अंतिम 14-07-2021 निर्धारित किया जाए।

4) 14-07-2021 तक प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण 21-7-2021 तक करने के निर्देश दिए गए।

5) आपत्तियों के निस्तारण की अवधि में ही प्रतिफल की दर का निर्धारण तथा ग्रामसभा की भूमि के पुनर्ग्रहण का कार्य कर लिया जाए।

6) उपरोक्त कार्यवाही पूर्ण कराते हुए प्राईवेट भूमि 31-7-2021 तक प्रत्येक दशा में क्रय की कर ली जाए।

7) प्रथम चरण व द्वितीय चरण में प्रस्तावित समस्त भूमि के अर्जन के लिए वांछित कार्यवाही भी साथ-साथ चलाई जाती रहें।



















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