ईस्टर्न कैनल मुद्दे पर आज कांग्रेस का जयपुर में महासम्मेलन, दो हजार से ज्यादा प्रतिनिधि जुटेंगे | Congress’s general convention in Jaipur on Eastern Canal issue | Patrika News
इसी बीच प्रदेश कांग्रेस आज ईस्टर्न कैनल परियोजना के मुद्दे पर महासम्मेलन करने जा रही है। सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक राजधानी जयपुर के बिड़ला सभागार में महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 13 जिलों के दो हजार से ज्यादा कांग्रेस जनप्रतिनिधि बुलाए गए हैं।
भरतपुर, अलवर, कोटा, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर, जयपुर, दौसा, करौली, बूंदी और धौलपुर जिले के जनप्रतिनिधि इस महासम्मेलन में शिरकत करेंगे। जनप्रतिनिधियों के तौर पर विधायक, मंत्री, विधानसभा प्रत्याशी, सांसद, पूर्व सांसद, प्रत्याशी जिला प्रमुख जिला परिषद सदस्य, प्रधान, पंचायत सदस्य, सरपंच, नगर निकायों के मेयर, सभापति, चेयरमैन, नगर निकायों के पार्षद, उप जिला प्रमुख, उप प्रधान, उपसभापति, बोर्ड-निगमों के चेयरमैन, पूर्व विधायक, अग्रिम संगठनों के जिलाध्यक्षों और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य बुलाए गए हैं। कांग्रेस का दावा है कि महासम्मेलन में दो हजार से ज्यादा नेता जुटेंगे।
मुख्यमंत्री सहित कई वक्ता करेंगे संबोधित
ईस्टर्न कैनाल के मुद्दे पर होने वाले महासम्मेलन को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, जलदाय मंत्री महेश जोशी सहित कई वक्ता संबोधित करेंगे और ईस्टर्न कैनल परियोजना को लेकर जानकारी देंगे कि इस योजना के तहत 13 जिलों के कौन-कौन से क्षेत्र इस योजना से लाभान्वित होने वाले हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है, चूंकि ईस्टर्न कैनल परियोजना के तहत आने वाले 13 जिलों में विधानसभा की 85 सीटें हैं। इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर कांग्रेस पार्टी उन 13 जिलों के मतदाताओं को साधना चाहती है।
धरने-प्रदर्शनों की भी बनेगी रणनीति
सूत्रों की माने तो महासम्मेलन में ईस्टर्न कैनल परियोजना को लेकर प्रदेश भर में फिर से धरने-प्रदर्शन शुरू करने और केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी को घेरने के लिए रणनीति पर भी चर्चा होगी। धरने-प्रदर्शनों की जिम्मेदारी 13 जिलों के विधायकों, क्षेत्र से आने वाले मंत्रियों और विधानसभा-लोकसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे नेताओं को दी जाएगी।
लगातार चल रही है बयानबाजी
इधर ईस्टर्न कैनल परियोजना को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी चल रही है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, जलदाय मंत्री महेश जोशी और खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच लगातार इस मामले को लेकर जुबानी जंग चल रही है।
हाल ही में ईस्टर्न कैनाल परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर बुलाई गई कांग्रेस प्रतिनिधियों की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को निकम्मा तक कह दिया था।
दरअसल कांग्रेस पार्टी लगातार ईस्टर्न कैनल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग कर रही है और दावा कर रही है कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईस्टर्न कैनल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था।
ऐसे में अब केंद्र सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए, लेकिन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत प्रधानमंत्री मोदी की ओर से इस तरह का कोई भी वादा किए जाने से इनकार कर रहे हैं, जिसके बाद से ही लगातार बयानबाजी का दौर जारी है।
इसी बीच प्रदेश कांग्रेस आज ईस्टर्न कैनल परियोजना के मुद्दे पर महासम्मेलन करने जा रही है। सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक राजधानी जयपुर के बिड़ला सभागार में महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 13 जिलों के दो हजार से ज्यादा कांग्रेस जनप्रतिनिधि बुलाए गए हैं।
भरतपुर, अलवर, कोटा, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर, जयपुर, दौसा, करौली, बूंदी और धौलपुर जिले के जनप्रतिनिधि इस महासम्मेलन में शिरकत करेंगे। जनप्रतिनिधियों के तौर पर विधायक, मंत्री, विधानसभा प्रत्याशी, सांसद, पूर्व सांसद, प्रत्याशी जिला प्रमुख जिला परिषद सदस्य, प्रधान, पंचायत सदस्य, सरपंच, नगर निकायों के मेयर, सभापति, चेयरमैन, नगर निकायों के पार्षद, उप जिला प्रमुख, उप प्रधान, उपसभापति, बोर्ड-निगमों के चेयरमैन, पूर्व विधायक, अग्रिम संगठनों के जिलाध्यक्षों और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य बुलाए गए हैं। कांग्रेस का दावा है कि महासम्मेलन में दो हजार से ज्यादा नेता जुटेंगे।
मुख्यमंत्री सहित कई वक्ता करेंगे संबोधित
ईस्टर्न कैनाल के मुद्दे पर होने वाले महासम्मेलन को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, जलदाय मंत्री महेश जोशी सहित कई वक्ता संबोधित करेंगे और ईस्टर्न कैनल परियोजना को लेकर जानकारी देंगे कि इस योजना के तहत 13 जिलों के कौन-कौन से क्षेत्र इस योजना से लाभान्वित होने वाले हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है, चूंकि ईस्टर्न कैनल परियोजना के तहत आने वाले 13 जिलों में विधानसभा की 85 सीटें हैं। इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर कांग्रेस पार्टी उन 13 जिलों के मतदाताओं को साधना चाहती है।
धरने-प्रदर्शनों की भी बनेगी रणनीति
सूत्रों की माने तो महासम्मेलन में ईस्टर्न कैनल परियोजना को लेकर प्रदेश भर में फिर से धरने-प्रदर्शन शुरू करने और केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी को घेरने के लिए रणनीति पर भी चर्चा होगी। धरने-प्रदर्शनों की जिम्मेदारी 13 जिलों के विधायकों, क्षेत्र से आने वाले मंत्रियों और विधानसभा-लोकसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे नेताओं को दी जाएगी।
लगातार चल रही है बयानबाजी
इधर ईस्टर्न कैनल परियोजना को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी चल रही है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, जलदाय मंत्री महेश जोशी और खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच लगातार इस मामले को लेकर जुबानी जंग चल रही है।
हाल ही में ईस्टर्न कैनाल परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर बुलाई गई कांग्रेस प्रतिनिधियों की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को निकम्मा तक कह दिया था।
दरअसल कांग्रेस पार्टी लगातार ईस्टर्न कैनल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग कर रही है और दावा कर रही है कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईस्टर्न कैनल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था।
ऐसे में अब केंद्र सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए, लेकिन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत प्रधानमंत्री मोदी की ओर से इस तरह का कोई भी वादा किए जाने से इनकार कर रहे हैं, जिसके बाद से ही लगातार बयानबाजी का दौर जारी है।