इस राज्य में बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा, यह है अहम कारण | Crime on children and elderly increased in Madhya Pradesh ncrb | Patrika News
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) एनसीआरबी-2020 की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों और नाबालिगों पर होने वाले अपराध के मामले में मध्य प्रदेश नंबर वन राज्य है। एक तरफ जहां मध्यप्रदेश बच्चों के लिए सबसे असुरक्षित हैं तो गोवा और नागालैंड सबसे सुरक्षित राज्य हैं। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों पर होने वाले अपराध के मामले में महाराष्ट्र के बाद, मध्य प्रदेश दूसरा सबसे प्रभावित राज्य है, तो वहीं उत्तराखंड देश में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे सुरक्षित राज्यों में से एक के रूप में उभरा है जहां 2019 में छह की तुलना में 2020 में अपराध के चार मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2019 में एमपी में वरिष्ठ नागरिकों पर होने वाले अपराध के कुल 4184 मामले सामने आए थे, जो वर्ष 2020 में बढ़कर 4602 हो गए। इसके अलावा साल 2018 से इन मामलों में हर साल 10 प्रतिशत बढ़त हुई है।
और अधिक जानकारी के लिए देखें NCRB की वेबसाइट https://ncrb.gov.in/en
बच्चों के खिलाफ ज्यादा अपराध
मध्यप्रदेश में बच्चों पर अपराध के 17,008 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि उत्तर प्रदेश में 15,271 मामले आए थे। महाराष्ट्र 14371 मामलों के साथ तीसरे नंबर पर है। यहां चौंकाने वाली बात यह है कि एमपी में बच्चों की आबादी देश के कुल बच्चों की संख्या का 6.7 प्रतिशत है, जबकी राज्य में उन पर होने वाले अपराध 16.9 फीसदी हैं। 2011 सेंसेस के अनुसार यूपी में 3.08 करोड़, महाराष्ट्र में 1.33 करोड़ है। मध्यप्रदेश में बच्चों की संख्या लगभग 1.08 करोड़ है।
नाबालिगों के साथ ज्यादती के सबसे अधिक मामले
नाबालिगों के साथ भी ज्यादती के सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश में ही दर्ज हुए। ज्यादती के 3,259 मामले सामने आए। इसके बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां 2,785 प्रकरण के दर्ज हुए। उत्तर प्रदेश 2,630 केस के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
यह है बड़ा कारण
इस मामले में एक पुलिस अधिकारी कहते हैं कि बच्चों के खिलाफ ज्यादातर अपराध, रिश्तेदारों और आस-पड़ोस के लोगों द्वारा किए जाते हैं, जिससे यह कानून व्यवस्था के मुद्दे के बजाय एक सामाजिक समस्या भी है।
जुएं में भी नंबर-1
मध्यप्रदेश के लोग जुआं भी ज्यादा खेलते हैं। 2020 में 27,975 प्रकरण दर्ज हुए, जो देश में सबसे ज्यादा रहे। इसके अलावा राजस्थान 17,774 प्रकरणों के साथ दूसरे नंबर पर रहा, जबकि तीसरे स्थान पर गुजरात में 17,226 मामले सामने आए।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे सुरक्षित उत्तराखंड
रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ नागरिकों के लिए उत्तराखंड देश में सबसे सुरक्षित राज्य है। यहां बुजुर्गों पर कम अपराध होते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तराखंड में 2019 में छह की तुलना में 2020 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध के सिर्फ चार मामले सामने आए हैं।
गोवा बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित
रिपोर्ट के मुताबिक गोवा राज्य देश में सबसे सुरक्षित नजर आता है। यहां भी बच्चों के खिलाफ कम अपराध दर्ज हुए हैं। गोवा में 2019 में बच्चों पर होने वाले अपराधों की संख्या 167 थी, जो 2020 में और घटकर 125 हो गई। इसके अलावा नागालैंड में 2019 में 59 की तुलना में 2020 में अपराध के 31 मामले दर्ज किए गए।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) एनसीआरबी-2020 की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों और नाबालिगों पर होने वाले अपराध के मामले में मध्य प्रदेश नंबर वन राज्य है। एक तरफ जहां मध्यप्रदेश बच्चों के लिए सबसे असुरक्षित हैं तो गोवा और नागालैंड सबसे सुरक्षित राज्य हैं। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों पर होने वाले अपराध के मामले में महाराष्ट्र के बाद, मध्य प्रदेश दूसरा सबसे प्रभावित राज्य है, तो वहीं उत्तराखंड देश में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे सुरक्षित राज्यों में से एक के रूप में उभरा है जहां 2019 में छह की तुलना में 2020 में अपराध के चार मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2019 में एमपी में वरिष्ठ नागरिकों पर होने वाले अपराध के कुल 4184 मामले सामने आए थे, जो वर्ष 2020 में बढ़कर 4602 हो गए। इसके अलावा साल 2018 से इन मामलों में हर साल 10 प्रतिशत बढ़त हुई है।
बच्चों के खिलाफ ज्यादा अपराध
मध्यप्रदेश में बच्चों पर अपराध के 17,008 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि उत्तर प्रदेश में 15,271 मामले आए थे। महाराष्ट्र 14371 मामलों के साथ तीसरे नंबर पर है। यहां चौंकाने वाली बात यह है कि एमपी में बच्चों की आबादी देश के कुल बच्चों की संख्या का 6.7 प्रतिशत है, जबकी राज्य में उन पर होने वाले अपराध 16.9 फीसदी हैं। 2011 सेंसेस के अनुसार यूपी में 3.08 करोड़, महाराष्ट्र में 1.33 करोड़ है। मध्यप्रदेश में बच्चों की संख्या लगभग 1.08 करोड़ है।
नाबालिगों के साथ ज्यादती के सबसे अधिक मामले
नाबालिगों के साथ भी ज्यादती के सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश में ही दर्ज हुए। ज्यादती के 3,259 मामले सामने आए। इसके बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां 2,785 प्रकरण के दर्ज हुए। उत्तर प्रदेश 2,630 केस के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
यह है बड़ा कारण
इस मामले में एक पुलिस अधिकारी कहते हैं कि बच्चों के खिलाफ ज्यादातर अपराध, रिश्तेदारों और आस-पड़ोस के लोगों द्वारा किए जाते हैं, जिससे यह कानून व्यवस्था के मुद्दे के बजाय एक सामाजिक समस्या भी है।
जुएं में भी नंबर-1
मध्यप्रदेश के लोग जुआं भी ज्यादा खेलते हैं। 2020 में 27,975 प्रकरण दर्ज हुए, जो देश में सबसे ज्यादा रहे। इसके अलावा राजस्थान 17,774 प्रकरणों के साथ दूसरे नंबर पर रहा, जबकि तीसरे स्थान पर गुजरात में 17,226 मामले सामने आए।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे सुरक्षित उत्तराखंड
रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ नागरिकों के लिए उत्तराखंड देश में सबसे सुरक्षित राज्य है। यहां बुजुर्गों पर कम अपराध होते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तराखंड में 2019 में छह की तुलना में 2020 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध के सिर्फ चार मामले सामने आए हैं।
गोवा बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित
रिपोर्ट के मुताबिक गोवा राज्य देश में सबसे सुरक्षित नजर आता है। यहां भी बच्चों के खिलाफ कम अपराध दर्ज हुए हैं। गोवा में 2019 में बच्चों पर होने वाले अपराधों की संख्या 167 थी, जो 2020 में और घटकर 125 हो गई। इसके अलावा नागालैंड में 2019 में 59 की तुलना में 2020 में अपराध के 31 मामले दर्ज किए गए।