इसकी टोपी उसके सर… बिहार में बंगले का खेल दिलचस्प है, पहले आप-पहले आप में ‘फंसे’ माननीय

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इसकी टोपी उसके सर… बिहार में बंगले का खेल दिलचस्प है, पहले आप-पहले आप में ‘फंसे’ माननीय

इसकी टोपी उसके सर… बिहार में बंगले का खेल दिलचस्प है, पहले आप-पहले आप में ‘फंसे’ माननीय

पटना: बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद अब सरकारी बंगले को लेकर ‘माननीयों’ के बीच मारामारी शुरू हो गई है। सत्ता और विपक्ष के माननीय खुद को सही साबित करने के लिए लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। मजेदार बात ये है कि ‘इसकी टोपी उसके सर’ वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। यही नहीं, ‘पहले आप-पहले आप’ की तर्ज पर एक दूसरे को आईना भी दिखा रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि इन माननीयों का नए सरकारी बंगले में कब गृह प्रवेश होगा?

पहले आप-पहले आप में ‘फंसे’ माननीय
दरअसल, यह मामला तब तूल पकड़ लिया जब महागठबंधन की सरकार ने पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को वर्तमान सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस दे दिया। इसके बाद बीजेपी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए आईना दिखा रही है। कहा जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को विधानसभा अध्यक्ष का सरकार बंगला दे दिया गया है, लेकिन वर्तमान में वहां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रह रहे हैं।

वहीं, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को नेता प्रतिपक्ष के रूप में पोलो रोड का नंबर एक आवास दिया गया है, जिसमें फिलहाल राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव रह रहे हैं। तेजस्वी को देशरत्न मार्ग के पांच नंबर वाले आवास में जाना है, जिसमें अभी पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद रह रहे हैं। ऐसे में पहले आप पहले आप को लेकर सरकार बंगले को सियासत जारी है।

‘सुपर सीएम’ के दबाव में है राज्य सरकार
बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी कहते हैं कि कहा कि ‘सुपर सीएम’ तेजस्वी यादव के दबाव में राज्य सरकार राजनीतिक बदले की भावना से बीजेपी के पूर्व उप मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस थमाकर उनसे भारी जुर्माना वसूलना चाहती है। उन्होंने कहा कि यदि हिम्मत है नीतीश कुमार सरकारी आवासों पर अवैध कब्जे के मुद्दे पर श्वेत पत्र जारी करें। बीजेपी नेता ने कहा कि भाजपा का कोई जनप्रतिनिधि किसी सरकारी आवास में तेजस्वी यादव की तरह जबरदस्ती नहीं रहना चाहता।

सुप्रीम कोर्ट तक चले गए थे तेजस्वी
उन्होंने कहा कि 2017 में महागठबंधन सरकार गिरने के बाद तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव 5, देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी बंगला खाली करने की नोटिस के बावजूद बिना कोई अतिरिक्त भुगतान किये न केवल डेढ़ साल तक वहां बने रहे, बल्कि हाईकोर्ट में मुकदमा हारने के बाद सुप्रीम कोर्ट तक गए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा कर तेजस्वी यादव को वह बंगला खाली करने का आदेश दिया था, जिसकी साज-सज्जा पर जनता के करोड़ों रुपये बहाये गए थे। उसके बाथरूम तक कुल 46 एसी लगे थे।

‘बंगला खाली कर देना चाहिए’
सुशील मोदी ने कहा कि सत्तारूढ दल के दर्जनों लोग अवैध तरीके से सरकारी बंगलों में रह रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इधर, बिहार के मंत्री अशोक चौधरी कहते हैं कि सरकार नियम के मुताबिक सरकारी बंगला खाली कराने को लेकर नोटिस दिया है, इस पर बीजेपी राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि जब पद पर नहीं है तो बंगला खाली कर देना चाहिए।

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