आशुतोष शाही हत्याकांड का सीन हुआ रिक्रिएट, सीआईडी ने शुरू की जांच

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आशुतोष शाही हत्याकांड का सीन हुआ रिक्रिएट, सीआईडी ने शुरू की जांच

आशुतोष शाही हत्याकांड का सीन हुआ रिक्रिएट, सीआईडी ने शुरू की जांच

मुजफ्फरपुर: प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही हत्याकांड की जांच अपराध अनुसंधान इकाई ने अपने हाथ में ले ली है। मंगलवार को अपराध अनुसंधान इकाई के डीआईजी दलजीत सिंह के नेतृत्व में सीआईडी की टीम पटना से शहर के नगर थाना क्षेत्र के मारवाड़ी हाई स्कूल स्थित घटनास्थल पर पहुंची। इस टीम में सीआइडी के एसपी मनीष कुमार और एसपी संजय सिंह भी शामिल थे। टीम ने घटनास्थल पर पहुंच कर जांच-पड़ताल शुरू की। जांच के दौरान सीआईडी ने एफएसएल की मदद से वारदात को रीक्रिएट किया। सबसे पहले टीम ने घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी आशुतोष शाही के ड्राइवर अशोक कुमार महतो और सैयद कासिम हसन ऊर्फ डॉलर के जूनियर अमन चाचान को बुलाया और वारदात की जानकारी ली।

ड्राइवर से लिया बयान

हत्याकांड के वक्त ड्राइवर अपनी गाड़ी में बाहर बैठा था। वहीं डॉलर वकील का जूनियर अमन चाचान उसी कमरे और बरामदे में मौजूद थे। जहां वारदात को अंजाम दिया गया। दोनों की निशानदेही पर पूरे वारदात को रीक्रिएट किया गया। आशुतोष शाही के ड्राइवर ने पूरे घटनाक्रम को आंखों देखी बताया। जिसको उसने बाहर से देखा था। उसने बताया की किस तरह और किस रास्ते से अपराधी आए और घर में घुस उसके बाद वारदात करके भाग निकले। वही वारदात के वक्त कमरे मौजूद जूनियर वकील अमन चाचान ने कमरे के अंदर की वारदात को आंखों देखी बताया कि कैसे आशुतोष शाही की हत्या की गई।

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जांच के लिए टीम पहुंची

इन दोनो महत्वपूर्ण चश्मदीदों की मदद से एफएसएल ने वारदात को नाट्य रूपांतरण कर घटना को समझने की कोशिश की और उसे रिकॉर्ड भी किया। सीआईडी की टीम ने लगभग तीन घंटे की छानबीन की उसके बाद देर शाम पटना वापस लौट गए। पूरे ऑपरेशन के बारे में एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि आशुतोष शाही हत्याकांड की जांच अब अपराध अनुसंधान इकाई के द्वारा की जा रही है। आज उसी क्रम में सीआईडी के डीआईजी और टीम घटनास्थल पर पहुंची थी। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने पुरे सीन को फिर से तैयार किया। आशुतोष शाही और हमलावरों के बीच की दूरी को फीते से मापा गया। इसके बाद यह भी देखा कि पुलिस की प्रक्रिया में कितना समय लगा।

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शाही का बनाया पुतला

क्राइम सीन को रीक्रिएट के दौरान आसपास पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था। घटनास्थल पर हत्यारे कैसे पहुंचे। किस रूट का इस्तेमाल किया। आशुतोष शाही को यहां आने की जानकारी उन तक कैसे पहुंची? इन तमाम सवालों के जवाब ढूंढ़े जा रहे हैं। अधिवक्ता डॉलर के कमरे में आशुतोष शाही का एक पुतला बनाया गया। बकायदा उस पुतले को कुर्ता पजामा पहन कर सोफा पर बैठा दिया गया। ठीक उसी तरह आशुतोष शाही कुर्ता पजामा पहन कर सोफा पर बैठ कर बात कर रहे थे। जांच अधिकारियों ने ठीक उसी तरह पूरे क्राइम सीन क्रिएट किया जैसे आशुतोष शाही और उनके बॉडीगार्ड को मौत के घाट उतारा गया था। चार शूटर बनकर पुलिस की चार सिपाही को लाया गया था, जिन्होंने हुबहू वैसे ही कपड़े पहने थे।
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मर्डर सीन रिक्रिएट

आशुतोष शाही शूटआउट क्राइम सीन को रिक्रिएट करते हुए ठीक उसी तरह आशुतोष अपनी कार से डॉलर वकील के घर में गए। अंदर जाने की थोड़ी देर के बाद हेलमेट पहने चार के संख्या में आए हमलावरों ने उनको मौत के घाट उतार दिया। इसी तरह से इस घटना के एक-एक कड़ी को जोड़ा गया। इसके जरिए ये जानने की कोशिश की गई थी कैसे हमलावरों ने आशुतोष शाही एवं उनके बॉडीगार्ड को मारा था। आशुतोष शाही मर्डर केस के क्राइम सीन रिक्रिएशन के बाद इस पूरी वारदात से जुड़ी कई अहम बातें सामने आई। इस दौरान मौके पर सीआईडी के डीआईजी दिलजीत सिंह। पूरी जांच टीम का नेतृत्व कर रहे थे। इसके साथ ही सीआईडी के एसपी मनीष, IPS संजय कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर के SSP राकेश कुमार, सिटी एसपी अरविंद प्रताप सिंह, डीएसपी टाउन राघव दयाल समेत कई सीनियर पुलिस पदाधिकारी मौके पर मौजूद रहे।

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